कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को आजीवन सजा का प्राविधान किया जा रहा है। साथ ही संपत्ति भी जब्त की जाएगी। जो अभ्यर्थी इसमें लिप्त पाए जायेंगे उन्हे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिस्टम में सुधार कर रहे हैं। परीक्षाओं की धांधली में शामिल लोगों को कानून की गिरफ्त में लाया गया है और उन पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है। पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नही लगता था। अगर पता लगता भी था तो कोई कार्यवाही नहीं होती थी।हमने गडबडी करने वालों को जेल भेजा,उनकी सम्पत्तियों को ध्वस्त किया। हमने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है। किसी प्रकार की धांधली का न केवल पता चल रहा है बल्कि गड़बड़ी करने वालों को अविलंब पकड़ा भी जा रहा है। हम अपने युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। अब ये तो साफ है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता।
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