Saturday, April 20, 2024
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उल्फा के साथ बातचीत शुरू करने की प्रकिया में प्रगति हुई

उल्फा के साथ बातचीत शुरू करने की प्रकिया में प्रगति हुई
गुवाहाटी (ईएमएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उल्फा के साथ बातचीत शुरू करने की प्रकिया में प्रगति हुई है,हालांकि संप्रभुता के मुद्दे पर प्रतिबंधित संगठन और सरकार के रुख अलग-अलग है। सरमा ने कहा कि अरुणाचल से लगने वाली सीमा पर पड़ोसी राज्य के कुछ लोगों और वन विभाग के कुछ कर्मियों के बीच गोलीबारी के मुद्दे पर उन्होंने अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ बात की है।असम पुलिस के साथ समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद सरमा ने कहा,उल्फा संप्रभुता की मांग कर रहा है और हम यह नहीं दे सकते। लेकिन (बातचीत पर) प्रगति हो रही है और हर तीन महीने पर संगठन की ओर से संघर्ष विराम की घोषणा होने से यह सिद्ध होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रक्रिया जारी है, हालांकि यह मीडिया की नजरों से हटकर जारी रहेगी।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

कोवैक्सीन की दोनों डोज कोरोना के डेल्टा वैरिंयट पर 50 प्रतिशत प्रभावी
नई दिल्ली (ईएमएस)। कोवैक्सीन की दोनों डोज कोरोना के सिम्टोमैटिक (लक्षण वाले मरीजों) में 50 प्रतिशत प्रभावी है।यह दावा भारतीय वैक्सीन के अंदर किया गया है।यह बात सामने आई थी कि कोवैक्सीन,कोरोना के खिलाफ प्रभावी है और यह कोरोना के लक्षण वाले मरीजों में 77.8 प्रतिशत तक असरदार है।साथ ही इसमें गंभीर प्रभाव नहीं है।स्टडी के मुताबिक,15 अप्रैल से 15 मई तक दिल्ली एम्स में 2714 स्वास्थ्य कर्मियों पर स्टडी की गई, इनमें कोरोना के लक्षण थे और इनकी आरटी-पीसीआर जांच भी की गई।रिपोर्ट के मुताबिक, यह शोध उस समय हुआ तब भारत में डेल्टा वेरिएंट का कहर था और कोरोना के 80 प्रतिशत मामलों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया था।
कोवैक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने मिलकर विकसित किया है।इसमें भारत बायोटेक ने इस सहयोग के जरिए सोर्स सीओवी-2 स्ट्रेन प्राप्त किया था।कोवैक्सिन की दोनों डोज 28 दिन के अंतराल में दी जाती है।इसी साल जनवरी में कोवैक्सिन को भारत में 18 साल से ऊपर के लोगों में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी।डब्ल्यूएचओ ने इस माह कोवैक्सिन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है।इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया था, कोवैक्सीन सिम्टोमैटिक कोरोना के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी रही है।कोवैक्सीन को गंभीर सिम्टोमैटिक कोरोना के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र, त्रिपुरा हिंसा और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर पीएम से चर्चा करेंगी ममता
नई दिल्ली (ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं। ममता अपने दिल्ली दौरे के दौरान पीएम मोदी के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र, त्रिपुरा हिंसा और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगी। माना जा रहा है कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद वे बीएसएफ का दायरा बढ़ाने सहित कई और मुद्दों पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करेंगी।
ममता 25 नवंबर तक दिल्ली में रहेंगी। चर्चा है कि मुख्यमंत्री कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के अलावा विपक्ष के अन्य नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। ममता का दिल्ली का दौरा संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले हो रहा है, जो 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। इससे पहले जद (यू) के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा, कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए।
बता दें कि बीएसएफ को पहले पंजाब, बंगाल और असम राज्यों में पंद्रह किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था, लेकिन अब केंद्र या राज्य सरकार की अनुमति के बिना अपने अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक बढ़ाने के लिए अधिकृत किया गया है। बनर्जी ने केंद्र सरकार के कदम का लगातार विरोध कर रही हैं। अक्टूबर में उन्होंने कहा था कि पंजाब सरकार की तरह बंगाल सरकार भी सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के फैसले का विरोध करेगी। उनका कहना है कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और बांग्लादेश से लगी पश्चिम बंगाल की सीमा पूरी तरह शांतिपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के कानूनों के अनुसार चलेगी।
बंगाल से भाजपा सांसद सौमित्र खान ने ममता पर निशाना साधकर कहा कि टीएमसी कांग्रेस से अलग हुई थी और अब वह राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ही हत्या कर रही है। कांग्रेस ने आम चुनाव से पहले टीएमसी के साथ हाथ मिलाकर अपने खात्मे की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर ममता चुनावों में विपक्षी दलों का चेहरा बनीं,तब देश की एकता खतरे में पड़ जाएगी।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

भारी बारिश से टमाटर की फसल बर्बाद, दक्षिण के राज्यों में 100 के पार पहुंची कीमत
नई दिल्ली (ईएमएस)।इनदिनों देश के अधिकांश शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास पहुंच चुकी हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बारिश के कारण कुछ दक्षिणी राज्यों में इसका खुदरा भाव 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुका है। चेन्नई में टमाटर का खुदरा भाव 100 रुपये प्रति किलो, पुडुचेरी में 90 रुपये प्रति किलो, बेंगलुरु में 88 रुपये प्रति किलो और हैदराबाद में 65 रुपये प्रति किलो हो गया है। केरल में टमाटर की खुदरा कीमतें कोट्टायम में 120 रुपये प्रति किलो, एर्नाकुलम में 110 रुपये प्रति किलो,तिरुवनंतपुरम में 103 रुपये प्रति किलो, पलक्कड़ में 100 रुपये प्रति किलो, त्रिशूर में 97 रुपये प्रति किलो तथा वायनाड और कोझीकोड में 90 रुपये प्रति किलो पर चल रही हैं। कर्नाटक में टमाटर का खुदरा भाव धारवाड़ में 85 रुपये किलो, मैसूर में 84 रुपये किलो, मेंगलूर में 80 रुपये किलो और बेल्लारी में 78 रुपये किलो है।
आंध्रप्रदेश में टमाटर की कीमतें विजयवाड़ा में 91 रुपये प्रति किलो, विशाखापत्तनम में 80 रुपये प्रति किलो और तिरुपति में 75 रुपये प्रति किलो हैं।रामनाथपुरम में टमाटर 119 रुपये प्रति किलो, तिरुनेलवेली में 103 रुपये किलो, तिरुचिरापल्ली में 97 रुपये किलो,कुड्डालोर में 94 रुपये किलो और कोयंबटूर में 90 रुपये किलो बिक रहा है। हालांकि, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के 167 केंद्रों के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर 72 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है।टमाटर की खुदरा कीमतों में अक्टूबर की शुरुआत से वृद्धि शुरू हुई और नवंबर में उच्चस्तर पर बनी हुई हैं। सब्जी जानकारों ने कहा कि दक्षिण भारत से दिल्ली को टमाटर की आपूर्ति बारिश के कारण प्रभावित हुई है। अगर आने वाले दिनों में बारिश जारी रही,तब दिल्ली में कीमतें मौजूदा स्तर से भी बढ़ सकती हैं।उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड, राजस्थान और मध्यप्रदेश से देसी किस्म के टमाटर की आवक के कारण आजादपुर थोक बाजार में टमाटर की कीमतों में मंगलवार को थोड़ी गिरावट आई।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

नीतिश सरकार में से उठी शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग
पटना (ईएमएस)। बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार समीक्षा बैठक कर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई के आदेश दे रहे हैं।वहीं विपक्ष हमलावर होकर शराबबंदी कानून फेल होने का आरोप लगा रहा है।इस बीच नीतीश की सहयोगी पार्टी भाजपा के विधायक ने शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग कर दी है। भाजपा विधायक की मांग के बाद बिहार के राजनीति गर्म हो गई है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाकर कृषि कानूनों को वापस ले लिया वैसे ही शराब बंदी कानून को भी नीतीश कुमार वापस ले लें।
अपनी मांग में भाजपा विधायक ने कह दिया कि पुलिस मिली हुई है। वह शराब बिकवा रही है।क्षेत्र में पूरी तरह से पुलिस मनमानी कर रही है। जो शराब बेचते हैं, उनके घर पुलिस नहीं जाती है। वही जो बेकसूर है उन्हें धमकाया जा रहा है। इसकारण कानून को वापस लिया जाना चाहिए। लाखों लोग इससे प्रभावित हो गए हैं। हम लोग वोट से जीते हैं लेकिन यह तंत्र नीतीश कुमार को भी फेल कर रहा है। रखवाला ही चोर बना हुआ है। रक्षक ही भक्षक बना हुआ है। इसलिए कानून वापस लेने से टैक्स से विकास होगा।
इसके पहले मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को लेकर 7 घंटे तक की मैराथन समीक्षा बैठक की थी। अपनी बैठक में नीतीश कुमार ने कह दिया कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाने के लिए गांव के चैकीदार से डीजीपी तक की जवाबदेही को तय कर दिया गया है। बैठक में कहा गया है कि शराबबंदी को लेकर लापरवाही बरतने वाले थानेदारों को अगले 10 सालों तक ड्यूटी नहीं करने दी जाएगी। अगर इसमें उनकी संलिप्तता पाई जाती है,तब उन्हें बर्खास्त करने तक की भी कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ कहा गया है कि सेंट्रल टीम अब राज्य भर में लगातार छापेमारी करेगी और कहीं भी अगर शराब बरामद होती है, तब संबंधित थानेदार को तत्काल सस्पेंड भी कर दिया जाएगा।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री ने रेलमंत्री से किया आग्रह
हैदराबाद (ईएमएस)। तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री के टी रामा राव ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया कि कोरोना प्रकोप के कारण मार्च 2020 से वरिष्ठ नागरिकों की रियायतों के निलंबन की समीक्षा हो। रामा राव ने ट्वीट किया,बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, रेलमंत्री वैष्णव जी, कृपया उन करोड़ों वरिष्ठ नागरिकों के हित में निर्णय की समीक्षा करें, जो हमारी सहायता और सम्मान के पात्र हैं।रामा राव सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब पर आधारित एक खबर का हवाला दे रहे थे। खबर में कहा गया था कि मार्च 2020 में कोरोना के प्रकोप के कारण वरिष्ठ नागरिकों की रियायतें निलंबित करने के कारण लगभग चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यात्रा के लिए पूरा किराया देने पर मजबूर होना पड़ा है।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

डॉ.गुलेरिया ने कहा, पहली दो लहरों की तरह घातक तीसरी लहर आने की संभावना बहुत कम
नई दिल्ली (ईएमएस)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी घातक तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दिखाता है, कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।वहीं फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है।गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से टीके संक्रमण की गंभीरता को रोकने और अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति से बचाने के मामले में कारगर हो रहे हैं, अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोगों के भर्ती होने सहित किसी बड़ी लहर की संभावना हर दिन क्षीण हो रही है।
उन्होंने कहा,देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है।समय के साथ महामारी स्थानीय बीमारी का रूप लेगी। मामलों का आना शुरु रहेगा, लेकिन प्रकोप बहुत कम होगा। टीके की बूस्टर खुराक के संदर्भ में गुलेरिया ने कहा कि इस समय मामलों में इजाफा नहीं देखा जा रहा, जिससे लगता है कि टीकों से कोरोना के खिलाफ अब भी सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक की फिलहाल जरूरत नहीं है।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि तीसरी खुराक पर निर्णय विज्ञान के आधार पर लिया जाना चाहिए।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

सीतारमण ने जम्मू कश्मीर के लाभार्थियों को 306 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति पत्र सौंपे
जम्मू (ईएमएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू कश्मीर के लाभार्थियों को 306 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति पत्र सौंपकर कई परियोजनाओं की घोषणा की।इसमें केंद्र शासित क्षेत्र के लिए दो सौ करोड़ रुपये का क्लस्टर विकास कोष बनाया जाना शामिल है।अपनी दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन सीतारमण ने कश्मीर घाटी के शोपियां और बारामुला जिले में डिजिटल माध्यम से ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला भी रखी। यहां जम्मू विश्वविद्यालय में जनरल जोरावर सिंह प्रेक्षागृह परिसर में आयोजित ऋण संपर्क कार्यक्रम में उनके साथ जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।इस मौके पर सीतारमण ने विभिन्न बैंकों के 145 लाभार्थियों को 306 करोड़ रुपये के स्वीकृति पत्र सौंपे। उन्होंने नई योजनाओं की घोषणा भी की।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

योगी जी के दूसरी बार सीएम बनते ही देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनेगा यूपी
आगरा (ईएमएस)।आगरा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में योगी जी के लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा के शासन में यूपी में गर्व और स्वाभिमान की भावना देखी जा सकती है। भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम से इतर त्रिवेदी ने कहा, राज्य के युवा विकास और राष्ट्रवाद के लिए वोट करेगा तथा भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता को खारिज करेगा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री योगी के आगामी चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उत्तर प्रदेश, देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

(नई दिल्ली) पेट्रोल-डीजल पर राहत को बढ़ गए सब्जियों के दाम
नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। दिन-ब-दिन बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हो चुके हैं। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक के बाद अब टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। देशभर में टमाटर 100 रुपये किलो से ऊपर बिक रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि फेस्टिव सीजन बीतने के बाद सब्जियों के दाम कम होंगे लेकिन उल्टा वो बढ़ने शुरू हो गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुछ दक्षिणी राज्यों में अधिक बारिश के कारण खुदरा भाव 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। चेन्नई में टमाटर का खुदरा भाव 100 रुपये प्रति किलो, पुडुचेरी में 90 रुपये प्रति किलो, बेंगलुरु में 88 रुपये प्रति किलो और हैदराबाद में 65 रुपये प्रति किलो हो गया है। उम्मीद है कि देश की जनता को जनवरी-फरवरी तक टमाटर के दामों में राहत मिल सकती है। थोक सब्जी कारोबारियों के मुताबिक, टमाटर की नई फसल 15 अक्टूबर को लगाई गई थी, जिसे तैयार होने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। ऐसे में उम्मीद है कि जनवरी-फरवरी तक टमाटर के दामों में कमी आ सकती है। जहां इस सीजन में टमाटर का रेट 20 से 30 रुपये प्रति किलो रहता है, वहीं यह 100 रुपये किलो से भी ऊपर बिक रहा है। बताया जा रहा है कि टमाटार की ज्यादातर सप्लाइ दक्षिणी राज्यों से हो रही है और इन राज्यों में बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है। इस वजह से टमाटर के दामों में यह उछाल आया है। इसकी एक दूसरी वजह यह भी है कि शादियों के सीजन के चलते टमाटर की मांग बढ़ी है जिस कारण दामों में बढ़ोतरी हुई है।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) कोविड-19 बीमारी से लड़ने में कोवैक्सीन की दोनों डोज 50 प्रतिशत तक असरदार
नई दिल्ली (ईएमएस)। द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के वास्तविक दुनिया के पहले आकलन के अनुसार, कोवैक्सीन की दोनों खुराक कोविड-19 के खिलाफ 50 प्रतिशत तक प्रभावी हैं। द लैंसेट में हाल ही में प्रकाशित एक अंतरिम अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि कोवैक्सीन की दो खुराक, जिसे बीबीवी 152 के रूप में भी जाना जाता है, में बीमारी के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावकारिता थी और किसी प्रकार का जोखिल नहीं दिखा था। वीनतम अध्ययन ने 15 अप्रैल से 15 मई तक दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 2,714 अस्पताल कर्मियों का आकलन किया, जिनमें लक्षण थे और सीओवीआईडी ​​-19 का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था। शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि अध्ययन अवधि के दौरान डेल्टा संस्करण भारत में प्रमुख चिंता का कारण था, जो सभी पुष्टि किए गए कोविड-19 मामलों में लगभग 80 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार था। कोवैक्सीन, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी, इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (एनआईवी-आईसीएमआर), पुणे के सहयोग से विकसित की गई है, जिसकी एक डोज मिलने के बाद 28 दिनों में दूसरी दी जाती है। इस साल जनवरी में, कोवैक्सीन को भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (ॅभ्व्) ने भी इसी महीने की शुरुआत में कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के लिए मान्यता दी। एम्स नई दिल्ली में मेडिसिन के अतिरिक्त प्रोफेसर मनीष सोनेजा ने कहा, श्हमारा अध्ययन इस बात की पूरी तस्वीर पेश करता है कि बीबीवी 152 (कोवैक्सीन) क्षेत्र में कैसा काम करता है और इसे भारत में कोविड-19 की वृद्धि की स्थिति के संदर्भ में माना जाना चाहिए, जो कि डेल्टा वेरिएंट की संभावित प्रतिरक्षा क्षमता के साथ जुड़ा है।श् उन्होंने आगे कहा कि हमारे निष्कर्ष इस बात का सबूत देते हैं कि तेजी से वैक्सीन रोलआउट कार्यक्रम महामारी नियंत्रण के लिए सबसे आशापूर्ण रास्ता बना हुआ है, जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में अतिरिक्त सुरक्षात्मक उपाय जैसे मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाना शामिल होने चाहिए।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) पेट्रोल-डीजल के रेट फिर कम होंगे भारत ने लिया ये बड़ा फैसला
नई दिल्ली (ईएमएस)। आम जनता अगले कुछ दिनों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद कर सकती है। कच्चे तेल की कीमतों को कम करने में आनाकानी दिखा रहे तेल उत्पादक देशों पर दबाव बनाने के लिए भारत ने अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन के साथ हाथ मिलाया है। इन सभी देशों ने अपने रणनीतिक भंडार में मौजूद कच्चे तेल (क्रूड) के एक हिस्से को घरेलू इस्तेमाल में प्रयोग करने का फैसला किया है। यानी बाजार से कच्चे तेल की खरीद नहीं की जाएगी बल्कि खास हालात के लिए संचित करके रखे गए क्रूड का इस्तेमाल किया जाएगा। पहली बार भारत इस मद में पचास लाख बैरल क्रूड जारी करेगा। इससे कच्चे तेल की कीमतों के घटने की संभावना है। पिछले महीने क्रूड की कीमतें 86 डालर प्रति बैरल थी जो अभी 79 डालर प्रति बैरल के आसपास है। भारत सरकार ने इस बारे में एलान करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाइड्रोकार्बन की कीमत यथोचित तरीके से तय होनी चाहिए। तेल उत्पादक देश मांग को नजरअंदाज कर जिस कृत्रिम तरीके से कीमत तय करते हैं, भारत उसका हमेशा से विरोध करता रहा है। भारत के इस फैसले के कुछ ही घंटे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पांच करोड़ बैरल अपने रणनीतिक भंडार से जारी करने का एलान कर दिया। अमेरिका ने भी कहा है कि वह इस बारे में भारत, जापान, चीन के साथ विमर्श कर सामूहिक फैसला कर रहा है। ओपेक देशों द्वारा उत्पादन बढ़ाए जाने की अपील नहीं मानने के बाद यह कदम उठाया गया है। यह पहला मौका है कि भारत, अमेरिका, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन जैसे दुनिया के सबसे बड़े क्रूड खरीदार देशों ने एकमत होकर तेल उत्पादक देशों के संगठन (ओपेक) पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह फैसला क्रूड बाजार में मांग पर बहुत असर नहीं डालेगा लेकिन इससे बाजार में जो माहौल बनेगा उससे क्रूड की कीमत घटकर 72 डालर प्रति बैरल तक आ सकती हैं। क्रूड खरीददार देशों की तरफ से यह मांग की जा रही है कि ओपेक देशों को क्रूड की कीमतों को 70 डालर के आसपास स्थिर रखने की कोशिश करनी चाहिए। अगर क्रूड इससे ज्यादा महंगा होगा तो उससे कोरोना महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार पर असर पड़ेगा। पेट्रो उत्पादों की कीमतों में तेजी का असर अमेरिका, चीन, भारत पर दिखाई दे रहा है जहां महंगाई दर काफी ज्यादा है। अमेरिका के फेडरल बैंक ने भी महंगाई को देख ब्याज दरों को बढ़ाने का संकेत दे दिया है। आरबीआइ भी लगातार महंगाई को लेकर चेतावनी दे रहा है।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) स्मृति ईरानी को पहचान नहीं पाया कपिल शर्मा शो का गार्ड
नई दिल्ली (ईएमएस)। कपिल शर्मा शो के मेकर्स से स्मृति ईरानी के नाराज होने की खबरें आ रही हैं। बीते दिनों चर्चा था कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपनी किताब के प्रमोशन के लिए शो पर आने वाली हैं। लेटेस्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब उनका एपिसोड आना फिलहाल कैंसिल हो गया है। बताया जा रहा है कि स्मृति ईरानी जब गेट पर पहुंचीं तो गेटकीपर उन्हें पहचान नहीं पाया। मंत्री के ड्राइवर को गार्ड ने रोक लिया और अंदर जाने से मना कर दिया। खबरें हैं कि ड्राइवर और गेटकीपर के बीच काफी बहस भी हुई लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद नाराज केंद्रीय मंत्री बिना शूटिंग के ही वापस लौट गईं। कपिल शर्मा के शो पर कई सिलेब्स अपनी फिल्मों के प्रमोशन के लिए आते रहते हैं। अपकमिंग एपिसोड में ऐक्ट्रेस मिनिस्टर स्मृति ईरानी अपनी किताब श्लाल सलामश् के प्रमोशन के लिए आने वाली थीं। हालांकि उनका आना फिलहाल कैंसिल हो गया है। टेलीचक्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, कपिल शर्मा और स्मृति ईरानी को इस बारे में पता भी नहीं था। सारा मामला ड्राइवर और गेटकीपर के बीच हुआ। इस वजह से ही शूट कैंसल करना पड़ा। वहां मौजूद सूत्रों ने बताया है कि स्मृति ईरानी ड्राइवर और दो लोगों के साथ कपिल शर्मा के सेट पर शूटिंग के लिए गई थीं। गेट पर मौजूद गार्ड उन्हें पहचान नहीं पाया और अंदर जाने से मना कर दिया। जब उसे बताया गया कि शूटिंग के लिए बुलाया गया है तो उसने जवाब दिया कि उसे ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। इसलिए वह अंदर नहीं जा सकतीं। तभी फूड डिलीवरी वाला वहां पहुंचा गार्ड ने उसे नहीं रोका और वह बिना पूछे ही अंदर चला गया। यह देखकर स्मृति ईरानी को काफी गुस्सा आया और वह नाराज होकर चली गईं। कपिल शर्मा और प्रोडक्शन को इस बात का पता चला तो स्मृति ईरानी को मनाने की कोशिश की गई। हालांकि बात नहीं बन पाई। रिपोर्ट्स की मानें तो जब गेटकीपर को पता चला कि उसने जिनको रोका वह केंद्रीय मंत्री थीं तो वह काफी घबरा गया और अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) पंजाब के नवोदय स्कूल में कोरोना विस्फोट, 13 छात्रों समेत 23 लोग मिले पॉजिटिव
नई दिल्ली (ईएमएस)। पंजाब के मुक्तसर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय में 13 छात्रों समेत कुल 23 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि मरीजों के मिलने के बाद स्कूल और पास के मोहल्ले को कोविड कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। मुक्तसर के सिविल सर्जन रंजू सिंगला ने कहा कि बीते सप्ताह एक छात्र कोरोना से संक्रमित पाया गया था। इसके बाद अन्य स्टूडेंट्स का कोरोना टेस्ट हुआ था, जिसमें 13 और छात्र संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा 10 और लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। अब तक कुल 14 संक्रमित छात्रों में से 12 लड़कियांहैं। इन सभी को स्कूल के हॉस्टल में ही आइसोलेट कर दिया गया है और मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। हेल्थ टीम ने कुल 400 लोगों का टेस्ट लिया था, जिनमें से ये लोग संक्रमित मिले हैं। देश भर में स्कूल और कॉलेजों के खुलने के बाद कुछ जगहों पर कोरोना विस्फोट की स्थिति देखने को मिली है। मंगलवार को ही जयपुर के भी एक स्कूल में 11 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए थे। बठिंडा के बीच चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. टीएस ढिल्लो ने कहा कि रामपुरा फूल मोहल्ले के 5 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। ये लोग कहींसे यात्रा कर लौटे थे। ढिल्लो ने कहा कि परिवार ने हाल ही में कुछ जगहों की यात्रा की थी। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर वे कहां संक्रमित हुए थे। मरीजों को हमने सलाह दी है कि वे होम आइसोलेशन में ही रहें। फिलहाल बठिंडा जिले में कोरोना के 20 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा मंगलवार को एक मरीज की मौत भी हो गई थी। इस बीच फरीदकोट जिले में भी 4 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा मानसा जिले में एक शख्स पॉजिटिव पाया गया है। गौरतलब है कि देश भर में बुधवार को कोरोना संक्रमण के कुल 9 हजार केस मिले हैं। इसके अलावा एक्टिव केसों की संख्या तेजी से कम होते हुए 1 लाख 11 हजार ही रह गई है।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) कृषि कानूनों की वापसी का पहला कदम कैबिनेट से मंजूरी अब संसद में आएगा विधेयक
नई दिल्ली (ईएमएस)।तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया का पहला कदम सरकार ने आगे बढ़ा दिया है। बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट ने इन कानूनों का वापसी वाले बिल को मंजूरी दे दी है और अब इसे संसद में पेश किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को ही इन कानूनों का वापसी का ऐलान किया था। अब इस पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद बिल को संसद के शीत सत्र में पेश किया जाएगा। संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है और पहले ही दिन यह बिल पेश होने वाला है। हालांकि अब भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 40 संगठन दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और उनका कहना है कि एमएसपी समेत 6 मांगों के पूरा होने पर ही घर वापसी करेंगे। इस बीच किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टरों के साथ 1,000 किसान संसद की ओर कूच करेंगे। यही नहीं 26 नवंबर को किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन का फैसला लिया है। इसके अलावा 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर से मीटिंग बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर फैसला लिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, श्जो सड़के सरकार द्वारा खोली गई हैं। उन सड़कों से ट्रैक्टर गुजरेंगे। हम पर पहले सड़कों को ब्लॉक करने का आरोप लगाया गया था। हमने सड़क को अवरुद्ध नहीं किया था। सड़कों को ब्लॉक करना करना हमारे आंदोलन का हिस्सा नहीं है। हमारा आंदोलन सरकार से बात करना है। हम सीधे संसद जाएंगे। हालांकि किसान आंदोलन के समर्थकों के बीच भी इसे जारी रखने या बंद करने को लेकर मतभेद पैदा हो गए हैं। चैबीस खाप और गठवाला खाप के नेताओं का कहना है कि अब इस आंदोलन को समाप्त करते हुए किसानों को घर वापसी कर लेनी चाहिए। वहीं कई खाप नेताओं ने आंदोलन को जारी रखने का समर्थन करते हुए कहा कि एमएसपी को लेकर अभी संघर्ष चलते रहना चाहिए। बीते एक साल से किसान संगठन यूपी और हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और इसके चलते कई रास्ते भी जाम हैं।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवंबरध्2021

(आगरा) कंगना और पीएम मोदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अदालत में दिया प्रार्थना पत्र
आगरा (ईएमएस)। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक अधिवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। अभिनेत्री कंगना द्वारा महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी को आधार बनाते हुए राष्ट्रद्रोह अधिनियम, मानहानि एवं आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज करने का आग्रह किया गया है। अदालत ने इस संबंध में न्यू आगरा थाने से रिपोर्ट मांगी है और वह प्रार्थना पत्र पर 25नवंबर को सुनवाई करेगी।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने प्रस्तुत किया है। शर्मा के अनुसार, 17 नवंबर को उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों में अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा महात्मा गांधी के प्रति की गई अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी व पोस्ट को पढ़ा। उन्होंने कहा कि कंगना ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, अनेक शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों सहित पूरे राष्ट्र का अपमान किया। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए थी, मगर उन्होंने अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(तिरुअनंतपुरम) अनुपमा और उनके पति ही है बच्चे के जैविक माता-पिता, डीएनए जांच में हुई पुष्टि
तिरुवनंतपुरम (ईएमएस)। केरल में जिस बच्चे को गोद लेने के मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया था, उसके जैविक माता-पिता अनुपमा चंद्रन तथा उनके पति अजित हैं। दंपति और नवजात बच्चे की डीएनए जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। सूत्रों ने बताया कि राजीव गांधी जैव-प्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) में बच्चे और दंपति के डीएनए जांच का नतीजा ‘पॉजिटिव’ आया है।
जांच परिणामों के बारे में सूचित किए जाने के बाद दंपति बच्चे को देखने निर्मला शिशु भवन पहुंचे, जिसे अनुपमा ने पिछली बार तब देखा था, जब वह केवल तीन दिन का था। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अधीन आने वाले शिशु भवन से बाहर निकलकर अनुपमा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें बच्चा वापस मिल गया है, लेकिन अब उनके लिए बच्चे को यहां छोड़ना मुश्किल हो रहा है। बातचीत में वह बेहद भावुक हो गई।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अब इस मामले में फैमिली कोर्ट में सुनवाई 30 नवंबरसे पहले होगी। अनुपमा ने कहा अदालत द्वारा सुनवाई के बाद उसे उसका बेटा जल्द मिल जाएगा। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने कहा कि राज्य की माकपा सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि अनुपमा के बच्चे के कथित अपहरण और गोद लिए जाने के सिलसिले में सीडब्ल्यूसी में काम कर रहे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
अनुपमा ने आरोप लगाया था कि उनके पिता जो एक स्थानीय माकपा नेता हैं, वह उनके बच्चे को जबरन अपने साथ ले गए थे, जिसके बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था और सरकार ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिये।
अनुपमा ने अपने माता-पिता पर एक साल पहले उनके बच्चे को जन्म लेते ही जबरन ले जाने का आरोप लगाया था। एक फैमिली कोर्ट ने पिछले महीने बच्चे के गोद लेने की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी और पुलिस को मामले में सीलबंद लिफाफे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान, मार्च में हिस्सा लेंगे 60 ट्रैक्टर रू राकेश टिकैत
नई दिल्ली (ईएमएस)। संयुक्त किसान मोर्चा 29 नवंबर को संसद भवन तक ट्रैक्टर मार्च निकालेगा। खास बात यह है कि किसानों के इस ट्रैक्टर मार्च में 60 ट्रैक्टर जाएंगे। इस बात की पुष्टि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने की है। उन्होंने कहा ट्रैक्टर उन रास्तों से जाएंगे जो रास्ते सरकार ने खोले हैं। हम पर इल्जाम लगा था कि हमने रास्ते बंद कर रखें हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों पर सरकार से बात करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। हमारा मकसद रास्ते बंद कर आवागमन में समस्याएं पैदा करना नहीं है।
कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने की पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई थी। बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया था कि बैठक में कानून वापसी पर चर्चा हुई। बैठक में कुछ फैसले हुए हैं। पहले से तय प्रोग्राम चलते रहेंगे। 27 नवंबर को फिर से संयुक्त किसान मोर्च की बैठक होगी। जो मांगे बाकी रह गई है, उस पर पीएम नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा जाएगा।
सिंघू सीमा पर आज करीब तीन घंटे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक चली। बैठक की अध्यक्षता कर रहे बलबीर सिंह राजेवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बैठक में आज पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लिए जाने पर चर्चा हुई थी।
उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की रणनीति बनाई है, जिसके तहत हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखेंगे जिसमें एमएसपी, बिजली संशोधन बिल, किसानों पर दर्ज मुकदमे और किसान आंदोलन पर किसानों की मौत पर क्या फैसले लेंगे ये पूछा जाएगा। राजेवाल ने कहा था कि हमने मीटिंग में तय किया कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे, वे आगे भी जारी रहेंगे। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने वाली है। जो मांगे बाकी रह गई हैं, उनके बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। जबकि पराली कानून, बिजली बिल, एमएसपी कानून बनाने को लेकर केंद्र सरकार को खुली चिट्ठी लिखी जाएगी।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) 24 घंटों में सामने आए 9,283 कोरोना के मामले, 10949 ठीक हुए, 437 लोगों की मौत
नई दिल्ली (ईएमएस)। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटे में 9 हजार 283 नए मामले पाए गए और 10 हजार 9 सौ 49 लोग ठीक हुए। हालांकि इस समयावधि में 437 लोगों की मौत भी हुई। मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल 1 लाख 11 हजार 481 केस एक्टिव हैं, जो 537 दिनों में सबसे कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 3 करोड़ 39 लाख 57 हजार 6 सौ 98 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं 4 लाख 66 हजार 584 लोगों की कोविड से मौत हो गई है। नए मामले पाए जाने के बाद 2 हजार 1 सौ 3 मामलों में कमी आई है। देश में अब तक 3 करोड़ 45 लाख 35 हजार 7 सौ 63 मामलों की पुष्टि हुई है। टीकाकारण की बात की जाए तो अब तक 1अरब 18 करोड़ 44 लाख 23 हजार 573 खुराकें दी गईं, जिसमें से 76 लाख 58 हजार 203 खुराकें मंगलवार को दी गईं।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) आई भी तो पहली दो लहरों की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं होगी कोरोना की तीसरी लहर रू गुलेरिया
नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में अगर तीसरी लहर आई भी तो वह पहली और दूसरी लहर जितनी तीव्र नहीं होगी। उन्होंने कहा इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दर्शाता है कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं और फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव की लिखी पुस्तक ‘गोइंग वायरलरू मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन-द इनसाइड स्टोरी’ के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से टीके संक्रमण की गंभीरता को रोकने और अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति से बचाने के मामले में कारगर हो रहे हैं, अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोगों के भर्ती होने समेत किसी बड़ी लहर की संभावना हर दिन क्षीण हो रही है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा इसलिए टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक की फिलहाल जरूरत नहीं है।
बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टर गौतम भंसाली ने कहा कि जिन लोगों को छह से आठ माह पहले टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, उनमें एंटीबॉडी की संख्या कम हो रही है। हमें स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों को टीके की बूस्टर खुराक देनी चाहिए क्योंकि उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक है। उन्होंने कहा, यूरोप के देशों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि फिर से देखी जा रही है। हमने प्रतिबंधों में ढील दे दी है इसलिए फरवरी या मार्च 2022 में संक्रमण की लहर आने की आशंका है। उन्होंने कहा परेशान होने की बजाय हमें भारत में संक्रमण की तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) बूस्टर डोज को लेकर कोई इमरजेंसी नहीं, बहुस्तरीय परीक्षण के बाद ही लेंगे निर्णय रू पॉल
नई दिल्‍ली (ईएमएस)। देश में कोरोना वायरस संक्रमण को मात देने के लिए बड़े स्‍तर पर टीकाकरण चल रहा है। इस समय कोरोना वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज को लेकर भी चर्चा गरम है। इस बीच सरकार की ओर से गठित कोविड टास्‍क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा है कि जब बूस्‍टर डोज को लेकर सभी गहन वैज्ञानिक परीक्षण पूरे हो जाएंगे, तब देश में बूस्‍टर डोज लगानी शुरू की जा सकती है। उन्‍होंने कहा जब विज्ञान कह देगा कि बूस्‍टर डोज दे देनी चाहिए तो उसे लगाया जाने लगेगा।
वीके पॉल ने कहा कि इस संबंध में जब कई अध्ययन सामने आ रहे हैं, हम अभी भी यह समझने के लिए सटीक जवाब की तलाश कर रहे हैं कि कौन सा सही बूस्टर है और इसका टीकाकरण शुरू करने के लिए सही समय क्‍या है। डॉ वीके पॉल ने यह बातें इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव की किताब ‘गोइंग वायरल’ के विमोचन के दौरान कहीं। डॉ पॉल ने कहा, बूस्टर डोज देने के लिए कोई इमरजेंसी की स्थिति नहीं है। हम सभी उपलब्ध आंकड़ों की गहराई से जांच कर रहे हैं और कोई भी निर्णय लेने से पहले इसपर व्यवस्थित समीक्षा करने की जरूरत है। उनका कहना है कि वैसे भी बाद में पूरी आबादी को बूस्टर डोज नहीं दिया जाएगा। हमारे पास अभी समय है।
भारत पहले से ही कोविड-19 टीकों की तीसरी डोज लगाने पर नीति बनाने पर विचार कर रहा है। एक एक्‍सपर्ट समूह देश में वैक्सीन की तीसरी डोज पर एक नीति दस्तावेज तैयार करने पर काम कर रहा है। डॉ पॉल ने कहा कि एक उचित परिदृश्य को देखते हुए कोविड-19 खत्‍म हो जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत को संक्रमण को बढ़ने से रोकने और मृत्यु दर को रोकने के लिए दवाओं की जरूरत है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) मध्‍यस्‍थ की तरह नहीं, प्रकाशक के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रू संसदीय समिति
नई दिल्‍ली (ईएमएस)। सोशल मीडिया को लेकर संसदीय कमेटी ने अहम सिफारिश की है। कमेटी ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मध्‍यस्‍थ की तरह नहीं, उन्‍हें प्रकाशकों या पब्लिशर्स के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनके प्‍लेटफॉर्म पर प्रकाशित सभी सामग्री के लिए उन्‍हें ही जिम्‍मेदार ठहराया जाना चाहिए।
संसदीय कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि ऐसे में सभी पब्लिशर्स को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पर संसद की संयुक्त समिति (जेसीपी) की रिपोर्ट के अनुसार सभी यूजर्स की पहचान को अनिवार्य रूप से सत्यापित करना होगा। संसदीय समिति ने प्रेस काउंसिल की तर्ज पर इसके लिए एक स्वतंत्र निकाय की स्थापना का भी सुझाव दिया। इससे फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप के भारतीय बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
माना जा रहा है कि इस प्रस्‍ताव को आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। इसमें संसदीय समिति ने यह भी कहा है कि उन सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म को भारत में काम करने की अनुमति नहीं होगी, जिनकी पैरेंट या सहयोगी कंपनी का देश में कहीं ऑफिस नहीं होगा। सोशल मीडिया बिचैलियों (समिति) को विनियमित करने की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह एक मजबूत विचार है कि ये नामित मध्यस्थ कई स्थितियों में सामग्री के प्रकाशक के रूप में काम कर सकते हैं, इस तथ्य के कारण कि उनके पास सामग्री लेने वाले का चयन करने की क्षमता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके द्वारा होस्ट की गई ऐसी किसी भी सामग्री तक पहुंच पर भी नियंत्रण रखा जाए।
जेसीपी रिपोर्ट में सोशल मीडिया तंत्र को लेकर मौजूदा कानूनों को अपर्याप्‍त बताया गया है। यह भी बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आईटी अधिनियम के तहत मध्यस्थों के रूप में नामित किया गया है। इस रिपोर्ट को दो साल के विचार-विमर्श के बाद सदस्यों द्वारा अपनाया गया था। अब अगले हफ्ते से शुरू होने वाले संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इसे पेश किए जाने की उम्मीद है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) सांसदों-विधायकों पर मुकदमा चलाने के लिए स्थापित विशेष अदालतें वैधरू न्याय मित्र
नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया गया कि मौजूदा और पूर्व सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ मामलों के त्वरित निपटान के लिए शीर्ष अदालत द्वारा विशेष शक्ति के तहत स्थापित विशेष अदालतें पूरी तरह से वैध हैं और माननीयों के खिलाफ इन अदालतों द्वारा की गई सुनवाई को अवैध नहीं कहा जा सकता। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष न्याय मित्र विजय हंसरिया और स्नेहा कलिता द्वारा पेश एक रिपोर्ट में यह दलील दी गई। शीर्ष अदालत के समक्ष मामला यह था कि क्या सांसदों-विधायकों के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत में सुनवाई योग्य मामूली अपराधों की सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली विशेष अदालतों के समक्ष सुनवाई की जा सकती है, क्योंकि सत्र न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट की तुलना में वरिष्ठ होता है।
आरोप लगाया गया था कि सत्र न्यायाधीश द्वारा इस तरह की सुनवाई किए जाने के परिणामस्वरूप आरोपी सांसदों-विधायकों को एक न्यायिक मंच के समक्ष अपील करने के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है, जबकि अन्य अभियुक्तों के लिए यह साधारणतया उपलब्ध होता है।
जघन्य आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए सांसदों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने और उनके खिलाफ मामलों के त्वरित निपटान की मांग करते हुए अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर 2016 की जनहित याचिका में न्याय मित्र द्वारा 34-पन्नों की 15 वीं रिपोर्ट दायर की गई है। इसमें यह मामला भी जुड़ा है कि क्या विशेष अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के स्तर के एक अधिकारी द्वारा वैसे मामलों की सुनवाई की जा सकती है, जो सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई योग्य होते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के निर्देश पर मौजूदा एवं पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए गठित विशेष अदालतें संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त अधिकारों के दायरे में वैध हैं और एमपीध्एमएलए के खिलाफ इन अदालतों द्वारा की गई सुनवाई को अवैध या असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता है। 2जी और कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालतों से संबंधित शीर्ष अदालत के एक आदेश का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय को किसी मामले को एक अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने का अधिकार है, भले वह समान अधिकार क्षेत्र की अदालत हों या बड़ी अदालत।
सीआरपीसी की धारा 407 के तहत सुप्रीम कोर्ट को भी इसी तरह के अधिकार प्राप्त हैं। महज एक मामले को कम अधिकार क्षेत्र वाली अदालत से बड़ी अदालत में स्थानांतरित कर देने मात्र से इसे गैर-कानूनी कहकर चुनौती नहीं दी जा सकती। हंसारिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पहली अपील का अधिकार नहीं लिया गया है और ऐसे मामलों में सत्र अदालत में अपील दायर करने के बजाय उच्च न्यायालय में दायर की जाएगी। पुनरीक्षण का अधिकार अंतर्निहित अधिकार नहीं है, बल्कि यह पर्यवेक्षी अधिकार है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) 24 घंटों में 437 मरीजों की मौत, 4,66,584 हुई कुल मृतकों की संख्या
नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में कोविड-19 के 9,283 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,45,35,763 हो गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,11,481 रह गई जो 537 दिनों में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 437 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,66,584 पर पहुंच गई।
कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामले लगातार 47वें दिन 20,000 से कम और लगातार 150वें दिन 50,000 से कम हैं। मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.32 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 98।33 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है। पिछले 24 घंटों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,103 की कमी दर्ज की गयी है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) चीन के डर से पिछले सात सालों में श्अमेरिका का गुलामश् बन गया भारत रू मणिशंकर अय्यर
नई दिल्‍ली (ईएमएस)। वरिष्‍ठ कांग्रेस केनात और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर की ताजा टिप्‍पणी विवाद के घेरे में है। नरेंद्र मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए उन्‍होंने कहा कि पिछले सात सालों में हम श्अमेरिका के गुलामश् बन गए हैं। अय्यर ने इंडो-रशिया फ्रेंडशिप सोसायटी के एक कार्यक्रम में यह टिप्‍पणी की। उन्‍होंने कहा पिछले सात साल में हम देख रहे हैं कि गुटनिरपेक्षता, शांति की बात ही नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि हम अमेरिकियों के गुलाम बन गए हैं और कहते हैं कि हमें बचा लो, किससे बचाओ? वह कहते हैं कि चीन से बचो। अय्यर की इस टिप्‍पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया की है। इसी बहाने कई लोगों ने कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी से चीनी राजदूत की गुप्‍त मुलाकात याद दिलाई। कई यूजर्स ने ट्वीट किया अय्यर अपने बयानों से अक्सर कांग्रेस की मिट्टी पलीद कराते रहे हैं।
अय्यर की ताजा टिप्‍पणी को सोशल मीडिया पर एक धड़ा आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर देख रहा है। कई ट्वीट्स में कहा गया है कि अय्यर का यह बयान पांच राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को डुबो देगा। कई लोगों ने पाकिस्‍तान को लेकर बार-बार अय्यर के मुंह से निकले प्‍यार भरे बयानों को भी साझा किया है।
भारत को श्गुलामश् बताकर अय्यर ने अभिनेत्री कंगना रनौत के श्आजादीश् वाले बयान से ध्‍यान हटाकर अपनी ओर कर लिया है। अय्यर ने कहा कि 2014 के बाद से रूस के साथ हमारे संबंधों को चोट पहुंची है। अय्यर ने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्‍तों में कई बार तनातनी भी हुई। हालांकि, रूस के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। चाहे वह तब का सोवियत यूनियन हो या आज का रशियन फेडरेशन। हमने एक-दूसरे को हमेशा बराबरी के साथ देखा। उन्‍होंने हर वक्‍त में साथ देने वाले रूस के साथ भारत के संबंध सुधारने की अपील की। अय्यर ने कहा कि कांग्रेस इसके लिए काम करेगी।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) किसानों की गलतफहमी दूर करने के लिए रिपोर्ट सार्वजनिक कर दें गठित पैनल के सदस्य ने सीजेआइ को लिखी चिट्ठी
नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कृषि कानूनों पर बनाए गए पैनल के सदस्य अनिल घनवट ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर बड़ी मांग रखी है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर बनाए गए पैनल की गई सिफारिशों को सार्वजनिक कर दिया जाए। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि या तो सुप्रीम कोर्ट इन सिफारिशों को खुद ही सार्वजनिक कर दे या फिर मुझे ऐसा करने के लिए अधिकृत किया जाए। अपने पत्र में घनवट ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानून वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद ये कानून पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएंगे। घनवट ने कहा कि इन कानूनों को लेकर की गई सिफारिशों को सार्वजनिक करके किसानों की गलतफहमी को दूर किया जा सकता है। अपने पत्र में अनिल घनवट ने लिखा है कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि विकसित देशों की तरह भारत में भी मजबूत नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि यह तय किया जाएगा कि किसी समुदाय के गुस्से के चलते कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद न हो घनवट ने उन किसानों की कड़ी आलोचना की जो एमएसपी पर गारंटी की मांग करते हुए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के हित में बेहतर नीति लागू करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने जोडा कि फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी संभव नहीं है। कृषि कानूनों की वापसी के बाद अनिल घनवट ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि अगर कृषि कानूनों पर समिति की सिफारिशों को लागू किया जाता तो किसान फायदे में रहते। उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून वापसी करके चुनाव जीतने की चिंता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों के लिए की गई सिफारिशों को पढ़ा नहीं गया।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(जालंधर) बुक डिपो में आग लगाने वाला आरोपी ‎जिंदा जला
जालंधर (ईएमएस)। जालंधर के आदमपुर इलाके में मंगलवार देर रात गुंडों ने बुक डिपो में घुस कर आग लगा दी और इसी आग की चपेट में आकर एक आरोपी जिंदा जल गया। गौरतलब है ‎कि देर रात कुछ गुंडे कृष्णा बुक डिपो में घुस गए और डिपो को आग के हवाले कर दिया। आग लगा कर भागते समय एक आरोपी जिंदा जल गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एक आरोपी को काबू कर शव को अस्पताल भेज दिया। जानकारी के अनुसार बिल्डिंग मालिक डिपो खाली करने का दबाव दाल रहा था जिस कारण उनका आपसी विवाद चल रहा था। इसी के चलते उसने गुंडों को डिपो में आग लगाने के लिए भेजा था।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(नई दिल्ली) दिल्ली दो बड़े अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर 26 नवंबर से इमरजेंसी सेवा बंद करने की चेतावनी
नई दिल्ली (ईएमएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों ने हड़ताल पर चले गए है। दरअसल उत्तर दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी अस्पताल और बाड़ा हिंदूराव के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। स्ट्राइक करने वाले डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें तीन महीने से न तो सैलरी मिली है और न ही डीए। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे 26 नवंबर से पूर्ण हड़ताल पर चले जाएंगे और इस दौरान आपातकालीन सेवा भी रोक दी जाएगी। इसे लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पैसा नहीं दिया तो कैसे डॉक्टरों का वेतन दें। वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि हमने पैसे दिए हैं। इस रस्साकशी के बीच मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सितंबर से नहीं मिली है डॉक्टरों को सैलरी बता दें कि हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक जुलाई में डीए बढ़ गया था लेकिन उन्हें अब तक नहीं मिला है। वहीं सितंबर से सैलरी भी नहीं मिली है। ऐसे में घर चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बिना वेतन के कब तक काम करते रहेंगे। घर का राशन और किराया कहां से देंगे। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इलाज के लिए अस्पतालों में आने वाले मरीजों को घंटों ओपीडी में इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं समाधान को लेकर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है। ऐसे में अब डॉक्टरों ने ये भी चेतावनी दे दी है कि अगर उनकी बकाया सैलरी नहीं मिलती है तो वे इमरजेंसी सेवा भी बंद कर देंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। ये सुनकर इन अस्पतालों में आने वाले मरीज काफी परेशान हैं।
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(नई दिल्ली) 26 जनवरी से पहले अगर सरकार मानेगी शर्त तो चले जाएंगे घररू राकेश टिकैत
नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून को वापस लेने के फैसले के बाद भी कुछ मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि वह अपने प्रदर्शन कर रहे किसान भाईयों के साथ 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की ओर मार्च करेंगे। टिकैत ने बताया कि इस ट्रैक्टर मार्च को करने का एक ही लक्ष्य है और वो है सरकार पर दबाव बनाना। दरअसल किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की संवैधानिक गारंटी देने के लिए कानून लाए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आने वाले 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर संसद भवन की ओर अपनी मांगों को लेकर कूच करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ये ट्रैक्टर उन्हीं रास्तों से होकर जाएंगे जिन्हें सरकार ने खोला है। टिकैत ने कहा कृषि कानून को वापस लेने वाले फैसले पर कहा कि सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन एमएसपी और 700 किसनों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। सरकार को इसपर भी बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार 26 जनवरी से पहले तक हमारी मांगे मानती है तो हम चले जाएंगे। चुनाव के विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे। सड़कों पर यातायात को नहीं रोकते हम टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हमपर सड़कों पर आवाजही को रोकने के आरोप लगाए गए लेकिन सच ये है कि हमने तो कभी यातायात को रोका ही नहीं। सड़कों पर चल रही गांडियों को रोकना हमारा आंदोलन नहीं है। हम केवल सरकार से बातचीत कर अपनी बात उन तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को हम सीधा संसद भवन की ओर जाएंगे। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर अपने घर वापस जाने की अपील की थी।
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(नई दिल्ली) दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जब मौसम गंभीर होता है तो उपाय किए जाते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने की कोशिशें पहले ही की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई बंद नहीं करेगा और फिलहाल इस पर अंतिम आदेश नहीं देगा। अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इसकी सुनवाई करता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जब मौसम गंभीर होता है तो उपाय किए जाते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने की कोशिशें पहले ही की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई बंद नहीं करेगा और फिलहाल इस पर अंतिम आदेश नहीं देगा। अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इसकी सुनवाई करता रहेगा। केंद्र की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण में सुधार हुआ है। जहां पहले एक्यूआई 400 के पार था वह अब 290 हो गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीखा सवाल करते हुए कहा, प्रदूषण तो तेज हवा से कम हुआ है, आपने क्या किया है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, आप बताइए प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया गया? आपने कहा था कि 21 नवंबर से हालात ठीक होंगे। तेज हवा की वजह से हम बच गए हैं लेकिन मौसम विभाग के अनुसार हालात आज शाम से फिर गंभीर हो सकते हैं। वहीं, केंद्र ने कोर्ट को बताया कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और नहीं बढ़ाया जाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस सुझाव को मान लिया था कि दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर कोई आदेश देने से पहले कोर्ट 21 नवंबर तक इंतजार किया जाए। केंद्र का कहना था कि दीवाली में प्रतिबंध के बावजूद पटाखों के चलते प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके अलावा मौसम विभाग की रिपोर्ट है कि उसके बाद से स्थितियों में सुधार होना शुरू होगा। सुनवाई की शुरूआत में याचिकाकर्ता वकील विकास सिंह ने कहा कि एक अखबार में खबर छपी कि पंजाब में चुनाव के कारण पराली जलाने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। इस पर सीजेआइ एनवी रमना ने कहा कि हम इससे संबंधित नहीं हैं। विकास सिंह ने कहा कि हम प्रदूषण से चिंतित हैं जिस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम राज्यों को माइक्रो मैनेज नहीं कर सकते हैं।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) किसान मात्र वोट बैंक से कहीं अधिक भारतीय अर्थव्यवस्था की हैं धुरी
नई दिल्ली (ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों के निरस्तीकरण की घोषणा के उपरांत जिस तरह जीत और हार की रेखाएं खींची जा रही हैं उनमें किसानों की चिंता पृष्ठभूमि में जाती नजर आ रही है। किसानों के साथ जो हो रहा है या जो हुआ है उसकी असलियत को जानने का अवसर फिलहाल राजनीति के भंवर में कहीं खोया खोया-सा प्रतीत होता है। यक्ष प्रश्न यह है कि क्या इसे ही इतिश्री मान लिया जाए? क्या किसानों एवं किसानी को उसी हालत में छोड़ दिया जाए जिसमें वे आजादी के सात दशक के उपरांत भी रहने के लिए मजबूर हैं? क्या सरकार का दायित्व मात्र कानून बनाने एवं उनके निरस्तीकरण के साथ ही समाप्त हो जाता है? इन सभी प्रश्नों के जवाब हमें किसान हित में ढूंढ़ने होंगे। देश में कृषि एवं किसानों की भूमिका से कोई भी प्रजातांत्रिक सरकार मुंह नहीं मोड़ सकती। जहां तक कृषि सुधारों का प्रश्न है देश के किसानों समेत सभी सरोकार पक्ष इस बात के साथ हैं कि किसानों की आर्थिक स्थिति में अविलंब एवं अविरल सुधार हो। जहां तक तीन कृषि कानूनों के मूल उद्देश्यों का संबंध है तो उनके बारे में कोई विरोध नहीं था। विरोध का मूल आधार सुधारों का माध्यम रहा है जिसमें प्राइवेट सेक्टर के प्रवेश के विचार ने किसानों की आशंकाओं को आक्रोश में बदल दिया। अतरू वर्तमान में सरकार एवं किसानों के पास जो विकल्प नजर आ रहा है वह यह है कि कृषि व्यवस्था में बदलाव के लिए सरकार एवं किसानों को एक-दूसरे के अधिक नजदीक आते हुए एक इकाई के रूप में कृषि विकास को आगे बढ़ाना होगा। इस कड़ी में कृषि उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, उसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं कृषि विज्ञान को अधिक से अधिक विकसित करते हुए उसके कृषि विकास में योगदान को रेखांकित किया जा सकता है। इस दिशा में अब अधिकांश व्यवस्थाएं सरकारी तंत्र के माध्यम से उपलब्ध करवाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। जिस ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म की हम प्राइवेट मंडियों में व्यवस्था करने की बात कह रहे थे उन्हें सरकारी मंडियों में स्थापित करके किसानों को प्रतियोगी दरें एवं विस्तृत बाजार व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। किसानों को अपने उत्पाद की कीमत का भूमंडल स्तर का आकलन एवं बाजार यदि उपलब्ध हो जाएं तो वे आढ़ती एवं बिचैलिए के बंधन से बाहर आ सकते हैं। साथ ही सरकार के स्तर पर इसके भी गंभीर प्रयास करने की जरूरत है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य बाजार व्यवस्था में ही उपलब्ध हो जाए। सरकार के स्तर पर हर फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदना संभवतरू आसान नहीं है, परंतु यह भी सत्य है कि 50 प्रतिशत लाभांश के साथ न्यूनतम कीमत सुनिश्चित किए बिना किसानों की हालत में सुधार की अपेक्षा भी नहीं की जा सकती। इसके लिए सरकार को कुछ नीतिगत फैसले ऐसे करने होंगे जिससे फसल का बाजार भाव ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर उठ जाए। सरसों एवं कपास के बाजार भाव की पृष्ठभूमि इस विषय में मार्गदर्शन कर सकती है। इसके साथ ही भारतीय खाद्यान्न की अंतरराष्ट्रीय कीमतें एवं वृहद बाजार की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी। ज्वार एवं बाजरे जैसे खाद्यान्न के पैकेट न्यूयार्क एवं लंदन के शापिंग माल्स में डालर में बिकते हैं। भारतीय उत्पादों को वहां पहुंचाने का रास्ता भी खोजने की आवश्यकता है। इस कड़ी में भारतीय कृषि उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार लायक बनाने के लिए उसकी गुणवत्ता में आमूलचूल सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए कृषि विज्ञानियों को आगे आना होगा। भारतीय कृषि विज्ञान की विडंबना यह है कि अक्सर यह नौकरशाही एवं राजनीति की परछाई में खो जाता है। कृषि विज्ञानियों को इससे बाहर लाने की जरूरत है। सरकार की कई महत्वाकांक्षी कृषि योजनाएं वांछित परिणाम से दूर रह जाती हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं अव्यवस्था का शिकार हो रही हैं। किसान आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं को परिणामजनक भूमिका में लाना होगा। न केवल किसान आयोग का अध्यक्ष एक सक्षम कृषि विज्ञानी अथवा विशेषज्ञ हो, अपितु उसके सदस्य भी कृषि संबंधी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ ही होने चाहिए। इनके कार्यालय भी राज्यों की राजधानियों की अपेक्षा कृषि विश्वविद्यालयों में खोलने चाहिए जहां उन्हें कृषि शोध की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। जहां कृषि सुधार की तकनीक का सतत विकास होता रहे। कृषि एवं उससे संबंधित सभी संस्थाओं को पूर्ण स्वायत्तता के साथ काम करने का अवसर देना होगा। निश्चित लक्ष्य के साथ काम करने की सख्त संस्कृति को विकसित करना अब भारतीय कृषि की आवश्यकता बन चुकी है। इसके साथ ही उत्पाद की गुणवत्ता के आधार पर उचित मूल्य एवं बाजार की उपलब्धता किसानों को स्वतरू ही आगे बढ़ाएगी। देश की राजनीति को किसानों के प्रति अपना दृष्टिकोण भी बदलना पड़ेगा। इसके लिए किसानों एवं राजनीतिक पार्टियों, दोनों को ही अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। दुर्भाग्यवश किसानों को मात्र एक वोट बैंक के रूप में देखा जाता है एवं किसानों की विडंबना यह है कि वह आसानी से इस बात को स्वीकार कर लेता है। इसके चलते किसान हित किसान राजनीति में गौण हो जाता है। इसके लिए सभी को ही राष्ट्रहित में अपना नजरिया बदलने की आवश्यकता है। किसान मात्र वोट बैंक से कहीं अधिक भारतीय अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, जिनका विकास राष्ट्रीय संपन्नता का आधार है। अतरू राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर सभी को किसानों एवं किसानी के यथार्थ से परिचित होना होगा। उनकी हालत के सुधार के लिए राजनीति से बाहर आकर शासक दलों को फैसले लेने होंगे।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021एमएसपी

(नई दिल्ली) एक बार फिर से 10,000 से कम आए कोरोना के नए मामले

  • एम्स के निदेशक बोले- शायद न आए अब तीसरी लहर
    नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में कोरोना वायरस के नए केसों में लगातार कमी बनी हुई है। एक बार फिर से 10,000 से कम नए मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में एक तरफ कुल 9,283 नए केस मिले हैं तो वहीं 10,949 लोग रिकवर हुए हैं। इससे एक्टिव केसों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली है और अब यह आंकड़ा महज 1,11,481 ही रह गया है। यह आंकड़ा बीते 537 दिनों यानी करीब डेढ़ साल में सबसे कम है। यही नहीं रिकवरी रेट भी बढ़ते हुए 98.33 फीसदी पर पहुंच गया है, जो बीते साल मार्च के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इस बीच कोरोना टीकों में भी तेजी देखने को मिल रही है। अब तक देश में 1118 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लग चुके हैं और जल्दी ही यह आंकड़ा 120 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है। इस बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि शायद अब देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका बहुत कम है कि देश में पहली और दूसरी की तरह कोरोना की तीसरी लहर आएगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से केसों में गिरावट देखने को मिल रही है, उससे साफ है कि वैक्सीन से लोगों की रक्षा हो रही है और फिलहाल कोरोना की बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है।
    आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव की पुस्तक श्गोइंग वायरलरू मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन- द इनसाइड स्टोरीश् की हाल ही में हुई लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने यह बात कही। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से वैक्सीन के प्रभाव के चलते संक्रमण की रफ्तार थमी और अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है, उससे हर दिन तीसरी लहर आने का डर समाप्त हो रहा है। यदि ऐसा होता भी है तो शायद यह पहली और दूसरी लहर की तरह खतरनाक न हो। गुजरते समय के साथ यह महामारी बीमारी के तौर पर तब्दील हो जाएगी, लेकिन इसकी घातकता कम हो जाएगी। बूस्टर डोज के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल जिस तरह से केसों में कमी जारी है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि देश में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज या फिर तीसरी डोज की जरूरत है।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(चंडीगढ़) पंजाब कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को प्रमोट करने की तैयारी!
चंडीगढ़ (ईएमएस)। पंजाब कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को प्रमोट करने की तैयारी कर रही है। पंजाब कांग्रेस ने यह फैसला दिल्ली के प्रधानमंत्री अरविंद केजरीवाल के लगातार पंजाब दौरों के चलते ‎‎लिया है। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सिखों को साधने और फिर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देकर दलितों को संदेश देने के बाद अब पार्टी सवर्ण हिंदू वोटर्स को साधने की कोशिश में है। इसी के तहत कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को प्रमोट करने का फैसला लिया है। जाट नेता सुनील जाखड़ लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और हिंदू वोटर्स में उनका अच्छा प्रभाव रहा है। एक तरफ राज्य के सीएम चरणजीत चन्नी लगातार खुद को आम आदमी बताते हुए दौरे कर रहे हैं तो वहीं जाट सिखों के बीच नवजोत सिद्धू को पार्टी प्रमोट कर रही है। लेकिन हिंदू मतदाताओं के बीच किसी चेहरे को लेकर पार्टी कमी महसूस कर रही थी। ऐसे में सुनील जाखड़ को एक बार फिर प्रमुखता दी जा सकती है। हालांकि अब तक उनकी भूमिका को लेकर कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा है लेकिन इस बारे में जल्दी ही ऐलान हो सकता है।
कांग्रेस नेतृत्व 2022 के चुनाव में सीएम चन्नी, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ को चेहरों के तौर पर पेश करना चाहता है। फिलहाल कांग्रेस नेतृत्व चन्नी या फिर सिद्धू के तौर पर किसी भी नेता को सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं करना चाहता है। लीडरशिप की राय है कि ऐसा करने से विवाद खड़ा हो सकता है, जिस पर बड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका है। इससे पहले मंगलवार को ही सीएम चन्नी, नवजोत सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश चैधरी को दिल्ली तलब किया गया था। तीनों नेताओं की कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ मीटिंग थी।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(नई दिल्ली) दिल्ली-एनसीआर में 300 के नीचे आया वायु गुणवत्ता सूचकांक
नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली-एनसीआर में 15 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से चली हवाएं वायु प्रदूषण पर कुछ हद तक भारी पड़ी हैं। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के नीचे आ गया है। दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांड 280 है। लगातार कई दिनों तक बहुत खराब श्रेणी में रहने के बाद दिल्ली एनसीआर का एयर इंडेक्स 300 से नीचे यानी खराब श्रेणी में पहुंच गया। पीएम 2.5 के स्तर में पराली के धुएं की हिस्सेदारी घटकर तीन प्रतिशत रह गई। हाल फिलहाल प्रदूषण की यही श्रेणी बने रहने के आसार हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 290 रहा। सोमवार के 311 के मुकाबले यह 21 अंक कम था। फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 279, गाजियाबाद का 268, ग्रेटर नोएडा का 255, गुरुग्राम का 276 और नोएडा का 252 दर्ज किया गया। सोमवार के मुकाबले एनसीआर के इन सभी शहरों के एयर इंडेक्स में भी कुछ अंकों की गिरावट देखने को मिली। सोमवार के मुकाबले घटी पराली के धुएं की हिस्सेदारीपंजाब और हरियाणा में पिछले 24 घंटों के दौरान जली पराली का धुआं मंगलवार को और कम रहा। पराली जलाने की घटनाएं 707 जबकि पीएम 2.5 के स्तर में इस धुएं की हिस्सेदारी सोमवार के छह प्रतिशत की तुलना में तीन प्रतिशत रही। मंगलवार को दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 114 जबकि पीएम 10 का स्तर 220 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को सफदरजंग और पालम दोनों एयरपोर्ट पर हवा की गति 14 से 16 किमी प्रति घंटे तक रही।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(लखनऊ) सपा और आरएलडी में गठबंधन तय!

  • आरएलडी ने मांगा डिप्टी सीएम पद, जल्द हो सकता है ऐलान
    लखनऊ (ईएमएस)। उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के बीच गठबंधन का आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है। आरएलडी चीफ चैधरी जयंत सिंह ने पहले भी ये साफ किया था कि सपा के साथ गठबंधन कर वे चुनाव मैदान में उतरेंगे। अब आरएलडी चीफ जयंत ने लखनऊ पहुंचकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की है। जयंत और अखिलेश की मुलाकात खत्म हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक सपा और आरएलडी में सीटों को लेकर सहमति बन गई है। आरएलडी 36 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आरएलडी 50 सीटें मांग रही थी जबकि सपा 30 से 32 सीटें देने को तैयार थी। सूत्रों की मानें तो जयंत और अखिलेश के बीच एक और दौर की बातचीत होगी। इसके बाद दोनों नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं। आरएलडी चीफ जयंत और अखिलेश की मुलाकात सपा सुप्रीमो के घर पर हुई। इस मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए जयंत ने लिखा है- बढ़ते कदम. सपा सुप्रीमो से मुलाकात के बाद जयंत दिल्ली लौट गए हैं। जयंत ने डिप्टी सीएम का पद आरएलडी को दिए जाने की मांग अखिलेश के सामने रखी है।
    सूत्रों का कहना है कि सपा के करीब आधा दर्जन नेता आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि आरएलडी और सपा के बीच सीटों को लेकर खींचतान चल रही थी। दोनों दलों के बीच दो दौर की बातचीत के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी। कई सीटें ऐसी थीं जिन्हें लेकर दोनों ही दलों की ओर से दावा किया जा रहा था। इस खींचतान के कारण गठबंधन के आधिकारिक ऐलान में भी देर हो रही थी। अब जयंत ने ट्वीट कर ये संकेत दे दिए हैं कि दोनों दलों के बीच बातचीत की गाड़ी सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ी है।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(नई दिल्ली) किसान आंदोलन पर खापों में भी मतभेद नेताओं की राय अब घर वापसी जरूरी
नई दिल्ली (ईएमएस)। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद किसान आंदोलन को समर्थन करने वाली जाट बिरादरी की खाप पंचायतों में भी मतभेद उभर आए हैं। चैबीस खाप और गठवाला खाप के नेताओं का कहना है कि अब इस आंदोलन को समाप्त करते हुए किसानों को घर वापसी कर लेनी चाहिए। वहीं कई खाप नेताओं ने आंदोलन को जारी रखने का समर्थन करते हुए कहा कि एमएसपी को लेकर अभी संघर्ष चलते रहना चाहिए। बीते एक साल से किसान संगठन यूपी और हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और इसके चलते कई रास्ते भी जाम हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट बिरादरी की खाप पंचायतों ने किसान आंदोलन को खुला समर्थन दिया था, लेकिन पीएम के ऐलान के बाद अलग-अलग सुर देखने को मिल रहे हैं। गठवाला और चैबीस खाप ने जहां आंदोलन खत्म करने की बात कही है तो कुछ और खाप पंचायतों ने संयुक्त किसान मोर्चा की रणनीति का समर्थन किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद मीटिंग कर फैसला लिया था कि आंदोलन अब भी जारी रहेगा। मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर एमएसपी गारंटी कानून समेत 6 मांगों को पूरा करने की बात कही है। मोर्चा का कहना है कि इन मांगों के पूरा होने के बाद ही किसान घर वापसी करेंगे। पंवार खाप के नेता धर्मवीर सिंह पंवार ने कहा कि एक साल के आंदोलन के बाद सरकार ने तीन नए कानूनों को वापस लिया है। अब भी लंबे समय से चला आ रहा एमएसपी का मुद्दा लंबित है। अभी हमारी आधी मांगे ही मानी गई हैं। इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के साथ हैं कि आंदोलन चलना चाहिए। यही नहीं कुछ खाप नेताओं ने तो बीजेपी के नेताओं का हवाला देते हुए कहा है कि अभी ये कानून लौट सकते हैं। ऐसे में हम कैसे उनकी बातों को मान लें। देश खाप के नेता यशपाल थांबा ने कहा कि कुछ बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि इन बिलों को वापस लाया जा सकता है। ऐसे में जब तक संसद से कानून वापस नहीं होते हैं, हम उनका यकीन नहीं कर सकते। हालांकि इन नेताओं से चैबीस खाप के लीडर सुभाष छपरौली की राय अलग है। सुभाष ने कहा कि सरकार ने तीनों नए कानूनों को वापस ले लिया है। इसलिए किसानों को सीमाओं पर आंदोलन खत्म करना चाहिए। मैं भी दूसरे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ हूं, लेकिन किसानों को वापल लौटना चाहिए और सरकार से एमएसपी और बिजली बिल जैसे मुद्दे पर बात जारी रखनी चाहिए।
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(नई दिल्ली) अरविंद केजरीवाल के पंजाब दौरों से टेंशन में कांग्रेस
नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लगातार पंजाब दौरों के चलते पंजाब कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला लिया है। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सिखों को साधने और फिर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देकर दलितों को संदेश देने के बाद अब पार्टी सवर्ण हिंदू वोटर्स को साधने की कोशिश में है। इसी के तहत कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और फिलहाल किसी भी जिम्मेदारी से अलग सुनील जाखड़ को प्रमोट करने का फैसला लिया है। जाट नेता सुनील जाखड़ लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और हिंदू वोटर्स में उनका अच्छा प्रभाव रहा है। एक तरफ राज्य के सीएम चरणजीत चन्नी लगातार खुद को आम आदमी बताते हुए दौरे कर रहे हैं तो वहीं जाट सिखों के बीच नवजोत सिद्धू को पार्टी प्रमोट कर रही है। लेकिन हिंदू मतदाताओं के बीच किसी चेहरे को लेकर पार्टी कमी महसूस कर रही थी। ऐसे में सुनील जाखड़ को एक बार फिर प्रमुखता दी जा सकती है। पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा कि सिद्धू और चन्नी को बड़ी भूमिका देने के बाद अब सुनील जाखड़ को प्रमोट करने पर विचार चल रहा है। इस बारे में जल्दी ही फैसला लिया जाएगा। उन्हें चुनाव समिति में कोई अहम रोल मिल सकता है। हालांकि अब तक उनकी भूमिका को लेकर कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा है। लेकिन इस बारे में जल्दी ही ऐलान हो सकता है।
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(नई दिल्ली) फिर कोरोना के 10,000 से कम नए केस शायद न आए अब तीसरी लहररू डॉ. गुलेरिया
नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में कोरोना वायरस के नए केसों में लगातार कमी बनी हुई है। एक बार फिर से 10,000 से कम नए केस आए हैं। बीते 24 घंटे में एक तरफ कुल 9,283 नए केस मिले हैं तो वहीं 10,949 लोग रिकवर हुए हैं। इससे एक्टिव केसों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली है और अब यह आंकड़ा महज 1,11,481 ही रह गया है। यह आंकड़ा बीते 537 दिनों यानी करीब डेढ़ साल में सबसे कम है। यही नहीं रिकवरी रेट भी बढ़ते हुए 98.33 फीसदी पर पहुंच गया है, जो बीते साल मार्च के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इस बीच कोरोना टीकों में भी तेजी देखने को मिल रही है। अब तक देश में 1118 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लग चुके हैं और जल्दी ही यह आंकड़ा 120 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है। इस बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि शायद अब देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका बहुत कम है कि देश में पहली और दूसरी की तरह कोरोना की तीसरी लहर आएगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से केसों में गिरावट देखने को मिल रही है, उससे साफ है कि वैक्सीन से लोगों की रक्षा हो रही है और फिलहाल कोरोना की बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है। आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव की पुस्तक श्गोइंग वायरलरू मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन- द इनसाइड स्टोरीश् की लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने यह बात कही। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से वैक्सीन के प्रभाव के चलते संक्रमण की रफ्तार थमी और अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है, उससे हर दिन तीसरी लहर आने का डर खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता भी है तो शायद यह पहली और दूसरी लहर की तरह खतरनाक न हो। उन्होंने कहा कि गुजरते समय के साथ यह महामारी बीमारी के तौर पर तब्दील हो जाएगी। लेकिन इसकी घातकता कम हो जाएगी। बूस्टर डोज के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल जिस तरह से केसों में कमी जारी है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि देश में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज या फिर तीसरी डोज की जरूरत है।
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(नई दिल्ली) भारत में बैन होगी निजी क्रिप्टोकरंसी
नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक बिल पेश करने जा रही है। सरकार ने कहा है कि केंद्रीय रिजर्व बैंक के समर्थन वाली डिजिटल करंसी के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।लोकसभा ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक बिल लाया जाएगा। इस बिल में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव है। पिछले हफ्ते ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बिटकॉइन युवाओं के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा था कि अगर ये गलत हाथों में पड़ जाएं तो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकती हैं। भारत क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध का ऐलान करने वाली दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इससे पहले सितंबर में चीन ने क्रिप्टोकरंसी में हर तरह के लेनदेन को अवैध करार दे दिया था। निजी करंसी पर चिंता भारत में पिछले एक साल में क्रिप्टोकरंसी का बाजार बहुत ज्यादा बढ़ा है। पिछले साल अप्रैल में में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी पर लगे प्रतिबंध के आदेश को पलट दिया था जिसके बाद लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें निवेश किया। चेनालिसिस नामक संस्था के मुताबिक पिछले एक साल में क्रिप्टोकरंसी में निवेश 600 प्रतिशत बढ़ा है। जानिए, बिटकॉइन कैसे काम करता है एक अनुमान के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है। इसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है। बीती जून में भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान किया था कि वह अपनी डिजिटल करंसी लाने की योजना पर काम कर रहा है और इस साल के आखिर तक इसे पेश किया जा सकता है। बैंक ने बिटकॉइन, ईथीरियम और अन्य निजी करंसियों को लेकर चिंता भी जताई थी। ससंदीय बुलेटिन के मुताबिक नए लोकसभा सत्र में लाए जाने वाले बिल में अपवाद के तौर पर कुछ विकल्प भी होंगे ताकि क्रिप्टो तकनीक को बढ़ावा दिया जाए।
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(नई दिल्ली) प्रदूषण पर फिर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई शुरू की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर उसने प्रदूषण को कम करने के क्या काम किए हैं। यही नहीं बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, श्समस्या यह है कि लोगों की बहुत अपेक्षाएं हैं कि कोर्ट काम कर रही है और सरकार कोई काम नहीं कर रही है। कुछ अखबारों की खबर है कि कोर्ट की ओर से उठाए गए कदमों के बाद पलूशन में 40 फीसदी की कमी आई है। हमें यह पता नहीं कि यह कितना सही है।श् अदालत ने कहा कि अब मजदूरों ने हमसे संपर्क किया है कि निर्माण कार्य शुरू होना चाहिए। कल किसान हमसे मांग करेंगे कि उन्हें पराली जलाने की परमिशन दी जाए। कोर्ट ने कहा कि भले ही प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ है, लेकिन हम इस मामले को बंद नहीं करने वाले हैं। हम इस पर सुनवाई जारी रखेंगे। इसके साथ ही अदालत ने मामले को स्थगित करते हुए सोमवार को अगली सुनवाई करने का फैसला लिया है। बेंच की अगुवाई कर रहे चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा, श्भले ही पलूशन का लेवल कम हुआ है, लेकिन हम इस मामले को बंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम आगे भी आदेश देना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम हर दिन या फिर हर दूसरे इस पर सुनवाई करेंगे। इसके साथ ही अदालत ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि फिलहाल यह 381 है और आपने जो 290 का आंकड़ा दिया है, वह सही नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कोई बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। भले ही अभी प्रदूषण कुछ कम हो गया है, लेकिन यह फिर से गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। इसे कम करने के लिए अगले दो से तीन दिनों में कदम उठाएं। अब अदालत ने दिल्ली में लगातार जारी प्रदूषण पर सोमवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है।
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(कानपुर) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर के दो दिवसीय दौरे पर करीबियों संग ताजा करेंगे बचपन की यादें
कानपुर (ईएमएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंच रहे हैं। शहर के अपने 32 करीबियों से मुलाकात करेंगे और हालचाल जानेंगे। कई करीबियों के साथ बचपन की याद ताजा करेंगे। राष्ट्रपति से आरएसएस के क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह, प्रांत संघ चालक ज्ञानेंद्र सचान, विभाग संघचालक डा. श्याम बाबू गुप्ता व प्रांत सहकार्यवाह भवानी भीख मिलने जाएंगे। पुराने सहयोगी डा. प्रताप नारायण दीक्षित राष्ट्रपति से मिलने और हाल चाल जानने को आतुर हैं तो डा. पीएन वाजपेयी और जया मिश्रा भी उनसे मुलाकात करेंगी। भाजपा नेता आनंद राजपाल, इंद्र गुज्जर, अनुराग, आनसंद कुमार, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, विनोद अग्रवाल, डॉ. सरस्वती अग्रवाल समेत 32 लोग राष्ट्रपति से मिलेंगे। पूर्व सांसद देवीबख्श सिंह भी उनसे मिलेंगे। इसके साथ ही परौंख, कल्याणपुर और जालौन के भी कई लोग राष्ट्रपति से मिलेंगे। राष्ट्रपति के आगमन से पहले मेहरबान सिंह का पुरवा में हेलीपैड और कार्यक्रम स्थल को पुलिस ने अपने घेरे में ले लिया है। हेलीपैड के बगल में पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में सेफ हाउस बनेगा। राष्ट्रपति बुधवार को मेहबान सिंह का पुरवा स्थित चैधरी हरमोहन सिंह पैरा मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर मर्दनपुरवा चैकी के पास हेलीपैड बना है, जहां मंगलवार को गेरू और गोबर से लिपाई होती रही। जलकल की टीम ने टैंकर से आसपास पानी का छिड़काव कराया।
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(पटना ) पटना की सड़कों पर दिखा लालू यादव का अलग अंदाज
पटना (ईएमएस)। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव का राबड़ी आवास पर अलग ही अंदाज देखने को मिला। पूर्व सीएम खुली जीप में बैठकर उसे ड्राइव करते हुए डा. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा तक गए। फिर गाड़ी बैक करके वापस आ गए। इस दौरान पार्टी के समर्थक जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। लालू ने जीप ड्राइव करने की वीडियो को खुद शेयर करते हुए लिखा है कि संसार में जन्मा हर शख्स किसी ना किसी रूप में ड्राइवर है। लालू ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा आज वर्षों बाद अपनी प्रथम गाड़ी को चलाया। इस संसार में जन्मे सभी लोग किसी ना किसी रूप में ड्राइवर ही तो हैं। आपके जीवन में प्रेम, सद्भाव, सौहार्द, समता, समृद्धि, शांति, सब्र, न्याय और खुशहाली रूपी गाड़ी सबको साथ लेकर सदा मजे से चलती रहे। राजद समर्थकों का कहना है कि लालू प्रसाद अब स्वस्थ हो रहे हैं। यह कार्यकर्ताओं के लिए काफी सुखद है। उन्हें उम्मीद है कि अब लालू पटना में रहकर सक्रिय राजनीति करेंगे। बता दें कि पूर्व सीएम चारा घोटाला मामले में पेशी के लिए पटना आए हैं। वे किडनी, हार्ट सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं और दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान लालू पटना आए थे और उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार भी किया था। हालांकि तबीयत बिगड़ने पर वे दिल्ली वापस चले गए थे। चारा घोटाला मामले में फिजिकल अपीयरेंस का आदेश मिलने पर वे सोमवार को पटना पहुंचे थे। मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने अब उन्हें फिजिकल अपीयरेंस से छूट दे दी है। आज वे लंबे समय बाद पार्टी कार्यालय पहुंचेंगे और लालटेन का अनावरण करेंगे। इसके लिए पार्टी कार्यालय को सजाया गया है। कार्यालय में 11 फीट ऊंची संगमरमर के पत्थर से बनी लालटेन का निर्माण नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव व प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह की देखरेख में किया गया है। छह टन भारी लालटेन का निर्माण पार्टी कार्यालय में उसी स्थान पर कराया गया है, जहां वर्षों से झंडोत्तोलन होता आया है।
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(नई दिल्ली) निजी कंपनियां भी चलाएंगी भारत गौरव ट्रेनेंरू रेल मंत्री
नई दिल्ली (ईएमएस)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्ण ने भारत गौरव ट्रेनों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत गौरव ट्रेनों का संचालन आईआरसीटीसी के अलावा निजी कंपनियां भी कर सकेंगी। रेल मंत्री ने कहा कि श्श्हमने श्भारत गौरवश् ट्रेनों के लिए 180 से अधिक ट्रेनों का आवंटन किया है और 3033 कोचों की पहचान की है। इसके लिए आज से ही आवेदन लेने शुरू किए जाएंगे। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने इन ट्रेनों की शुरुआत की है। इसी के तहत हाल ही में रामायण एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत की गई थी, जो भगवान राम से जुड़े तीर्थ स्थानों के लोगों को दर्शन कराएंगी। इस महीने की शुरुआत में ही रेल मंत्री ने इनके बारे में बताते हुए कहा था, श्भारत गौरव ट्रेनों का संचालन लोगों को भारत की संस्कृति, परंपरा और विविधता से परिचय कराने के लिए किया जा रहा है।श् अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत गौरव ट्रेनों के संचालन से रेलवे की आय में भी इजाफा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल थीम बेस ट्रेनों के संचालन के लिए हमने 150 रेलगाड़ियों और 3000 से ज्यादा कोच की पहचान की है। यात्री और मालवाहक ट्रेनों के बाद रेलवे अब टूरिज्म सेक्टर में भी एंट्री कर रहा है। भारत गौरव ट्रेनों के जरिए लोग देश की परंपरा, इतिहास और संस्कृति के बारे में जान सकेंगे। इसके लिए आज से ही आवेदनों की शुरुआत हो रही है। मीडिया से बात करते हुए वैष्णव ने कहा, श्हमारे इस नए प्रस्ताव के तहत यदि कोई ऑपरेटन किसी स्टेशन पर ट्रेन को पार्क करना चाहता है तो उसे वह सुविधा मिलेगी। इसके अलावा खान-पान की सुविधा भी वे अपने हिसाब से तय कर सकेंगे रेल मंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव में काफी लोगों ने रुचि दिखाई है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मेक माई ट्रिप, राजस्थान डिपार्टमेंट ऑफ टूरिज्म या फिर ओडिशा टूरिज्म समेत कोई भी विभाग या कंपनी अपने मुताबिक ट्रेनें ले सकते हैं और उनका संचालन कर सकते हैं। संस्थाओं को अपने प्लान के मुताबिक ट्रेनों के संचालन की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि कंपनियां ट्रेनें चलाएंगी, जबकि रेल मंत्रालय उन्हें मेंटनेंस, वॉटर सप्लाई और खाने के लिए कच्चे माल की सप्लाई जैसी सेवाएं मुहैया कराएगा। किराये के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टूर ऑपरेटर्स की ओर से इसे तय किया जाएगा, लेकिन अत्यधिक वसूली नहीं की जा सकेगी। ऐसा कुछ होने पर रेल मंत्रालय की ओर से इसमें दखल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों में तेजस, वंदे भारत समेत किसी भी कैटिगरी के कोच का इस्तेमाल किया जा सकेगा। ऑपरेटर्स की मांग के आधार पर इन्हें मुहैया कराया जाएगा। ट्रेन के कोचों और सुविधाओं के मुताबिक किराये में भी अंतर होगा।
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(नई दिल्ली) एक फैसले से राजी नहीं होंगे किसान मोदी सरकार से उठ चुका है अन्नदाताओं का भरोसारू सचिन पायलट
नई दिल्ली (ईएमएस)। उपचुनावों में हार और आने वाले विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। यह बात कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कही। साथ ही उन्होंने यह भी कहाकि किसान एक फैसले से राजी नहीं होने वाले हैं। उन्होंने दावा किया कि अन्नदाताओं का भरोसा मोदी सरकार से उठ चुका है। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहाकि मोदी सरकार को न सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए। बल्कि उपज की खरीद सुनिश्चित करने के लिए भी कोई नियमन या कानून बनाना चाहिए। पायलट ने कहाकि अब मोदी सरकार चाहे कुछ भी करे, किसानों के मन की पीड़ा खत्म करने में बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में किसानों की ओर से इतना लंबा आंदोलन नहीं देखा गया। यह एक साल तक चला। अगर कानूनों को वापस ही लेना था तो लोगों की जान और जीविका को नुकसान पहुंचाने की क्या जरूरत थी। पायलट ने कहाकि किसानों को नक्सलवादी, अलगाववादी और आतंकवादी तक कहा गया। मंत्री के रिश्तेदारों ने लोगों पर गाड़ियां चढ़ा दीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि अगर किसानों को लेकर इतनी कटुता थी तो फिर सरकार ने कानूनों को वापस लेने की घोषणा क्यों की? उन्होंने कहाकि निश्चित तौर पर राजनीतिक नफा-नुकसान का आकलन करने के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत सप्ताह तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसके लिए विधायी प्रक्रिया भी पूरी होगी। पायलट ने आरोप लगाया कि कानून बनाने की घोषणा से पहले किसान संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं की गई। संसद में श्प्रचंड बहुमतश् के बल पर इन कानूनों को थोप दिया गया। किसानों का गला घोंट दिया गया। कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि किसान इस सरकार को हमेशा संदेह की नजर देखेंगे। हमारे ऊपर किसानों का कर्ज है जो इस देश को अन्न मुहैया कराते हैं। इस दौरान पायलट से पूछा गया कि कृषि कानूनों पर पीछे हटने से भाजपा को आगामी चुनावों में कोई फायदा होगा? इस पर पायलट ने कहाकि गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) ने इस्तीफा नहीं दिया है। किसानों पर दर्ज किए गए मामले अब भी मौजूद हैं। लोगों ने अपने प्रियजन को खोया है। ऐसे में वो लोग उस साल को कैसे भूल सकते हैं, जिसमें उन्हें इन सबसे गुजरना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता है कि हमें किसानों के आंदोलन का राजनीतिकरण करना चाहिए, लेकिन आखिरकार भारत के लोग जानते हैं कि ये कानून किसानों की मदद के लिए नहीं, बल्कि दूसरे समूहों के लिए थोपे गए थे।
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(नई दिल्ली) ) ममता बनर्जी को पीएम उम्मीदवार घोषित करे टीएमसी
नई दिल्ली (ईएमएस)। णमूल कांग्रेस को ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए और फिर तय हो जाएगा कि विपक्ष उन्हें अपना नेता मानता है या फिर नहीं। सीएम ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे को लेकर तंज कसते हुए भाजपा ने यह बात कही है। भाजपा की बंगाल यूनिट के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए ममता को कैंडिडेट बनाया जाना चाहिए। ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे को लेकर मजूमदार ने कहा, श्यदि ममता बनर्जी बंगाल की सीएम हैं तो फिर यह तय है कि वह दिल्ली जाएं और मंत्रियों एवं पीएम से मुलाकात करें। हर सीएम दिल्ली जाकर राज्य के विकास के लिए केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करता है।श् इससे आगे सुकांता मजूमदार ने कहा, श्जहां तक उनके विपक्ष का चेहरा होने की बात है तो फिर टीएमसी को उन्हें पीएम कैंडिडेट घोषित कर देना चाहिए। उसके बाद यह फैसला हो जाएगा कि विपक्ष उन्हें अपने नेता के तौर पर स्वीकार करता है या फिर नहीं। हमारा पीएम का चेहरा तय है और वह नरेंद्र मोदी हैं।श् सोमवार को दिल्ली पहुंचीं ममता बनर्जी गुरुवार तक राजधानी में ही रहने वाली हैं। वह बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने वाली हैं। वह पहले ही बता चुकी हैं कि इस दौरान वह पीएम मोदी से बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने और राज्य के विकास को लेकर बात करेंगी। मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहती हैं। इसी मकसद से वह अपने नेताओं को अलग-अलग राज्यों में भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंसा के जरिए वह तीसरी बार सीएम बन गई हैं और अब इस हिंसा को वह देश भर में ले जाना चाहती हैं। त्रिपुरा में हिंसा के आरोप लगाते हुए टीएमसी के दिल्ली में प्रदर्शन को लेकर भी मजूमदार ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि वह धरना की तो मास्टर हैं। मजूमदार ने कहा, श्ममता बनर्जी ने अपने भ्रष्ट पुलिस अफसरों और मंत्रियों को बचाने के लिए भी धरना दिया था। वह सीबीआई ऑफिस में भी धरना देने पहुंची थीं।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) सीएम योगी आदित्यनाथ का आदेश 30 नवंबर तक सभी को लगाएं वैक्सीन की पहली डोज
नई दिल्ली (ईएमएस)। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज करने के निर्देश दिए हैं। नवंबर के अंत तक शत प्रतिशत पात्रों को कोरोना टीके की पहली डोज देने का लक्ष्य तय करते हुए इसे पूरा करने को कहा है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) यूपी के जीएम (टीकाकरण) डा. मनोज शुक्‍ला ने बताया है कि क्षेत्र में ही लोगों की सुविधानुसार टीकाकरण बूथ लगाए गए हैं, जहां पहली और दूसरी डोज दी जा रही है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने में अब गैर सरकारी संगठन भी मैदान में उतरेंगे। ये संगठन प्रदेश सरकार के साथ मिलकर लोगों को टीकाकरण कराने के लिए जागरूक करेंगे। गैर सरकारी संगठनों के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता इस मुहिम में पूरे प्रदेश में जुटेंगे। नवंबर से प्रदेश में क्‍लस्‍टर मॉडल के चलते टीकाकरण में तेजी आई है। टीकाकरण को तेजी से बढ़ाने के लिए क्लस्टर मॉडल, स्‍कूल कॉलेजों में टीकाकरण कैंप, गांवों में अधिक बूथ के साथ ही कोरोनारोधी टीकाकरण से कोई ना छूटे इसके लिए जिला संयुक्त अस्पताल में रात दस बजे तक टीकाकरण किया जा रहा है। हर जिले में एक केंद्र पर रात दस बजे तक टीकाकरण कराया जा रहा है। सभी पात्रों का टीकाकरण हो सके इसके लिए टीकाकरण की अब तक पहली डोज न पाने वालों की सूची तैयार की जा रही है। जिनका दूसरा डोज ओवरड्यू हो गया हो, उनकी एक अलग सूची बनाई जा रही है। 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश से देश के दूसरे प्रदेश टीकाकरण में कहीं पीछे हैं। यूपी में अब तक 15 करोड़ 14 लाख से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें अब तक 10 करोड़ 69 लाख से अधिक पहली डोज और 04 करोड़ 45 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) कृषि कानूनों को रद्द करने की ओर पहला कदम केंद्रीय कैबिनेट से मिलेगी बिल को मंजूरी
नई दिल्ली (ईएमएस)। पीएम मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पहला कदम उठाने जा रहा है। सरकार के सूत्रों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार 24 नवंबर को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मंजूरी दे सकता है। कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को आगामी संसद सत्र में पेश किया जाएगा। भारत सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में उठाए जाने वाले विधायी कार्य में श्द फार्म लॉ रिपील बिल, 2021श् को शामिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले शुक्रवार को घोषणा की थी कि केंद्र इस महीने के आखिर में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा और इसके लिए आवश्यक विधेयक लेकर आएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। केंद्र द्वारा 2020 में कानून पारित किए जाने के बाद से किसान सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर अपना डेरा जमाए हुए हैं। उनके विरोध प्रदर्शन को लगभग एक साल हो गया है। कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 किसानों के उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन के किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते, कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तुओं (संशोधन) को निरस्त करने का प्रयास करता है। अधिनियम, 2020, कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 को पेश करने और पारित करने के लिए सूची में शामिल किया गया है। यह सरकार के एजेंडे वाले 26 नए विधेयकों में शामिल है।
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(नई दिल्ली) संसद में अब हंगामा नहीं बहस करेगी कांग्रेसय शीतकालीन सत्र के लिए बदली रणनीति
नई दिल्ली (ईएमएस)। कृषि कानूनों के वापस लेने के ऐलान के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में पार्टी हंगामा करने के बजाए सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेगी। पार्टी की कोशिश है कृषि कानून वापस लेने वाले बिल पर बहस के दौरान वह अपनी बात रखे। ताकि, पांच राज्यों के चुनाव से पहले सदन के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके। संसद सत्र में पार्टी की रणनीति तय करने के लिए रणनीतिक समूह को बैठक होगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चैधरी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। बैठक संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस ने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि आवश्यक विषयों से ध्यान भटकाने के लिए सत्ता पक्ष तरह-तरह के मुद्दे ला रहा है। महंगाई के मुद्दे पर पार्टी दिसंबर के पहले सप्ताह में राजधानी दिल्ली में बड़ी रैली करने की भी तैयारी कर रही है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेडा ने कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि टमाटर 100 रुपए प्रति किलो से ज्यादा दाम पर बिक रहे हैं। प्याज की कीमत भी बढ़ रही हैं। ऐसा लग रहा है कि रसोई घर में धारा 144 लगी हुई है। खेड़ा ने कहा कि बड़ी -बड़ी बात करने वाले लोग तरह-तरह के मुद्दे सामने लाकर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। सब्जियों के दाम, खाने के तेल के दाम और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि असल मुद्दे हैं। वर्ष 2024 के चुनाव में बदलाव की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि जनता सरकार की नीतियों से परेशान आ चुकी है। पिछले सात साल के दौरान जनता लगातार सरकार की गलतियों का खामियाजा भुगत रही है। कृषि कानूनों का जिक्र किए बिना पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी गलती का अहसास एक साल बाद होता है। वह उस गलती को ढकने के लिए फिर गलती करते हैं। उन्होंने कहा कि उपचुनावों में सरकार को कुछ-कुछ समझ में आ गया है, आने वाले चुनावों में पूरी तरह समझ में आ जाएगा।
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(जम्मू) जम्मू-कश्मीर में 25 हाईवे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत करेंगे नितिन गडकरी
जम्मू (ईएमएस)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को जम्मू में 11,721 करोड़ रुपये के निवेश से कुल 257 किलोमीटर लंबी 25 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ये परियोजनाएं जम्मू और कश्मीर घाटी के बीच हर मौसम में संपर्क प्रदान करेंगी। मंत्रालय ने कहा कि ये क्षेत्र की कृषि, औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक प्रगति के साथ-साथ रक्षा बलों की तेज आवाजाही के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इसने आगे कहा कि परियोजनाएं विभिन्न जिला मुख्यालयों की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को जोड़ेगी और रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेंगी। मंत्रालय ने कहा, ष्परियोजनाओं में कुछ खंडों का पुनर्वास और उन्नयन, पुल और सुरंग का निर्माण और ब्लैक स्पॉट का सुधार शामिल होगा।
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(मथुरा) सपा-रालोद गठबंधन से कितना सधेंगे यूपी के जा‍तीय समीकरण
मथुरा (ईएमएस)। अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि इस बार वह बड़े दलों से गठबंधन नहीं करेंगे। सोमवार को समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन की गांठ बंध गई है। दोनों पार्टियों में हुए समझौते के मुताबिक सपा रालोद को विधानसभा की करीब 36 सीटें देगी। इनमें से जयंत 30 सीटों पर रालोद और छह सीटों पर सपा के सिंबल पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। रालोद से गठबंधन से पहले अखिलेश ने केशव देव मौर्य के महान दल, डा. संजय सिंह चैहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया है। ओमप्रकाश राजभर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे। ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर के हैं और आसपास के जिलों में राजभर जाति का अच्छा वोट बैंक है। जाहिर है, छोटे दलों से गठबंधन के पीछे अखिलेश की जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति है जिसकी सफलता की कसौटी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम होंगे। जहां तक रालोद का सवाल है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर उसका प्रभाव है। रालोद से दोस्ती कर अखिलेश की मंशा पश्चिम की जाट बेल्ट में स्थिति मजबूत करने की है। यूपी की राजनीति में गठबंधन बनना और टूटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन समय के साथ अखिलेश यादव की जयंत चैधरी के संग दोस्ती और गहराती जा रही है। विधानसभा चुनाव-2022 के लिए रालोद मुखिया जयंत चैधरी पर भले ही अन्य दलों ने डोरे डाले हों मगर उन्होंने सपा के साथ ही जाना मुनासिब समझा। सपा और रालोद के बीच चुनाव से पहले यह तीसरा गठबंधन है। समाजवादी पार्टी और रालोद के बीच पहला गठबंधन लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 में हुआ। वैसे तो इस चुनाव में मुख्य गठबंधन सपा और बसपा के बीच हुआ, लेकिन अखिलेश ने अपने कोटे की तीन सीटें बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा रालोद को देकर इसकी शुरुआत की। लोकसभा चुनाव में करारी हार और बसपा से गठबंधन तोड़ने के बाद भी अखिलेश ने रालोद का साथ नहीं छोड़ा। विधानसभा चुनाव के लिए जब पार्टियां एक-दूसरे के संपर्क में थी तब जयंत चैधरी और प्रियंका गांधी की मुलाकात चर्चाओं में रही। कांग्रेस और रालोद के गठबंधन को लेकर भी कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अखिलेश और जयंत की मंगलवार को हुई मीटिंग ने साफ कर दिया कि दोनों पार्टियां 2022 के चुनाव में भी साथ-साथ रहेंगी।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021.

(नई दिल्ली) वैक्‍सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को शिकार बना सकता है श्डेल्‍टाश् वैरिएंट, ताजा शोध ने बढ़ाई चिंता
नई दिल्‍ली (ईएमएस)। कोरोना वायरस के श्डेल्टाश् वैरिएंट को लेकर किए गए एक ताजा शोध के नतीजे चिंता बढ़ाने वाले हैं। भारत में किए गए अध्ययन में सामने आया है कि पूरी तरह से वैक्‍सीनेटेड आबादी में भी यह वैरियंट फैल सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार शोधकर्ताओं के अनुसार डेल्‍टाश् वैरिएंट से लड़ने के लिए वैक्‍सीन के अलावा संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए रणनीति की जरूरत पड़ेगी। दिल्‍ली के दो अस्‍पतालों में किया गया अध्ययन बताता है कि वैक्‍सीनेशन से वायरल हमले की गंभीरता कम होती है, मगर ब्रेकथ्रू इन्‍फेक्‍शन के मामले भी आए हैं। इस तरह के संक्रमण से आगे कमजोर लोग भी संक्रमित हो सकते हैं, यह खतरा भी है।
आईएनएसएसीओजी कंसोर्टियम, सीएसआईआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के शोधकर्ताओं ने हेल्‍थ वर्कर्स के बीच ब्रेकथ्रू इन्‍फेक्‍शन के 113 मामलों का डेटा विश्लेषित किया। एपिडेमियोलॉजिकल और वायरस जीनोम सीक्‍वेंसिंग डेटा से संभावित ट्रांसमिशन नेटवर्क्‍स तैयार किए गए। स्‍टडी के अनुसार, इस बात की संभावना काफी ज्‍यादा है कि वैक्‍सीन की दो डोज ले चुके लोगों ने भी सार्स-कोव-2 फैला सकता है।
एक केस ऐसा भी मिला जिनमें दोनों लोगों को दोनों डोज लग चुकी थीं और उनमें से एक ने दूसरे को संक्रमित कर दिया। यानी जिन इलाकों की ज्‍यादातर आबादी फुली वैक्‍सीनेटेड है, वहां भी इन्‍फेक्‍शन नियंत्रण के उपाय करने की जरूरत है। इस अध्ययन के नतीजे बेहद अहम हैं, क्‍योंकि कोविड को लेकर लापरवाही बढ़ रही है, खासतौर से दोनों डोज लगवा चुके लोगों में। अध्ययन के अनुसार वैक्‍सीन इस गंभीर बीमारी के खिलाफ बेहद प्रभावी है, लेकिन ब्रेकथ्रू इन्‍फेक्‍शंस एक सच्‍चाई है। विशेषज्ञों ने उच्‍च टीकाकरण वाले इलाकों में भी संक्रमण नियंत्रण के उपायों और मास्‍क की जरूरत पर जोर दिया है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) अगले माह भारत आएंगे पुतिन, एके-203 राइफल व कुछ अन्य रक्षा करारों पर हो सकते हैं हस्ताक्षर
नई दिल्‍ली (ईएमएस)। एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम के बाद अब भारत ने रूस के साथ एके-203 राइफल खरीद समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले माह होने वाली भारत यात्रा के दौरान लंबे समय से लंबित ‘एके-203’ कलाशनिकोव राइफल खरीद समझौते पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर वार्ता करने के लिए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन अगले माह भारत यात्रा पर आने वाले हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई ‘रक्षा खरीद परिषद’ (डीएसी) की बैठक में राइफल के संयुक्त उपक्रम के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई और ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि इस समझौते में आने वाली अड़चनों को दूर कर लिया गया है।
करीब पांच हजार करोड़ रुपए के इस सौदे के तहत, भारत और रूस संयुक्त उपक्रम के रूप में उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में लगाई जाने वाली उत्पादन इकाई में 10 साल के भीतर छह लाख से ज्यादा एके-203 राइफलों का निर्माण करेंगे। सूत्रों के अनुसार कीमत सहित कई अन्य विवाद के मुद्दों को सुलझा लिया गया है। दोनों पक्षों ने पिछले साल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मास्को यात्रा के दौरान इस समझौते को सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई थी। संयुक्त उपक्रम द्वारा एके 203 कलाशनिकोव राइफलों के निर्यात की संभावना तलाशने की भी उम्मीद है। मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए पुतिन के 6 दिसंबर को भारत आने की संभावना है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(नई दिल्ली) जेवर एयरपोर्ट के बाद फिल्म सिटी का नंबरतेजी से चल रहा है कामरू सीएम योगी आदित्यनाथ
नई दिल्ली (ईएमएस)। जेवर में बन रहा उत्तर प्रदेश का 5वां इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2024 से शुरू हो जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को इस हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के लिए जेवर पहुंचने वाले हैं। तकार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2024 तक इस हवाई अड्डे को चालू करना है और इससे एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, श्जेवर एयरपोर्ट को बनाने में कुल 34 से 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश होना है और इससे करीब 1 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। यूपी का यह 5वां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में जेवर का हवाई अड्डा ऐसा पहला एयरपोर्ट होगा, जो प्रदूषण से पूरी तरह मुक्त रहेगा। यह एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा भी होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, श्यह भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जो किसी भी तरह के प्रदूषण से मुक्त होगा। इसके साथ ही हम फिल्म सिटी पर भी काम तेज करने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है।श् बता दें कि हाल ही में यूपी में कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की भी शुरुआत हुई है। इसका उद्घाटन भी पीएम नरेंद्र मोदी ने ही किया था। पीएमओ के मुताबिक जेवर का हवाई अड्डा दिल्ली-एनसीआर में बनने वाला दूसरा एयरपोर्ट होगा। इससे दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव कम हो सकेगा। इससे नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा समेत पश्चिम यूपी के कई जिलों और हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल और वल्लभगढ़ जैसे शहरों के लोगों को सहूलियत मिलेगी। नोएडा के विकास के लिहाज से भी इस हवाई अड्डे को अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले योगी सरकार कई अहम प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ा रही है या फिर उनके कामों को पूरा करने की ओर है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का भी उद्घाटन किया था।
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(नई दिल्ली) किसान आंदोलन थमा नहीं अब जाट आरक्षण की फिर जोर पकड़ रही मांग भाजपा की बढ़ सकती है परेशानी
नई दिल्ली (ईएमएस)। तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद यूपी समेत 5 राज्यों के चुनावी संघर्ष को पहले से आसान समझ रही भाजपा की मुश्किलें अब भी कम होती नहीं दिख रही हैं। एक तरफ किसान आंदोलनकारियों ने अब भी घर लौटने से इनकार कर दिया है तो वहीं यूपी में जाट आरक्षण की मांग फिर से तेज हो गई है। यदि यह मांग जोर पकड़ती है तो फिर जाट बिरादरी का समर्थन हासिल करने में भाजपा को मुश्किल हो सकती है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाट आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मंगलवार को जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि जाट आरक्षण की लड़ाई सड़कों पर नहीं वोट से होगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2015-2017 में आरक्षण का वादा किया था। वादा किया है तो निभाना पड़ेगा। जाट समाज अब आरक्षण के लिए राजनीतिक संघर्ष के लिए तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन तो कृषि कानून के विरोध में हुए मूवमेंट से भी बड़ा है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मेरठ और सहारनपुर मंडल के पदाधिकारियों की बैठक मेरठ में चैपल स्ट्रीट स्थित रेस्टोरेंट में हुई। बैठक में संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जाट समाज के प्रमुख संगठनों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों की उपस्थिति में केंद्रीय स्तर पर जाट आरक्षण का वादा किया था। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री चैधरी विरेंद्र सिंह के आवास पर आरक्षण का भरोसा दिलाया गया था। यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार की ओर से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी जाट समाज के सामने वायदे किए गए थे। हमारी मांगें लंबित हैं, जिन्हें अब पूरा करने वक्त है। यही नहीं यशपाल मलिक ने कहा कि हम मुरादाबाद मंडल में अगली बैठक 25 नवंबर को करने जा रहे हैं। इसके बाद अलीगढ़, आगरा और अन्य मंडलों में मीटिंग्स होंगी। यही नहीं 1 दिसंबर को जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जयंती पर अभियान भी चलाया जाएगा। यशपाल मलिक ने कहा कि हम इस बार सड़क पर आरक्षण की लड़ाई नहीं लड़ेंगे बल्कि वोट से लड़ेंगे। यशपाल मलिक ने कहा कि सात मंडलों में 124 विधानसभा सीटों पर जाट समाज का असर है। जाट आरक्षण नहीं मिला तो फिर हम राजनीतिक निर्णय के लिए बाध्य होंगे मलिक ने चुनाव के समय आरक्षण की मांग पर कहा कि राजनीतिक फैसले जब चुनाव के समय होते हैं तो संघर्ष भी इसी समय होगा। उन्होंने कहा कि अब वादा नहीं आरक्षण चाहिए। अगली बैठक 25 को मुरादाबाद में होगी।
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(नई दिल्ली) शीत सत्र में 26 विधेयकों को मिलेगी मंजूरी क्रिप्टोकरेंसी पर भी कानून बनाने की है तैयारी
नई दिल्ली (ईएमएस)। मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें तीनों कृषि कानून को निरस्त करने वाले विधेयक से लेकर क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन बिल शामिल है। लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन बिल 2021का मकसद आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना है। विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने का प्रावधान भी किया गया है। हालांकि, इसमें कुछ छूट की बात भी कही गई है, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके। शीत सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार इसलिए नियम बनाना चाहती है ताकि निवेशकों को उचित माहौल मिल सके और वे किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकें। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों को आगाह करते हुए कहा था कि यदि कुछ भी अनहोनी होती है तो वे खुद जिम्मेदार होंगे। हालांकि इसके बाद भी लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने बिल लाने का फैसला लिया है। तीनों कृषि कानून को वापस लेने से संबंधित विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसे ‘द फार्म लॉ रिपील बिल 2021’ नाम से सूचीबद्ध किया गया है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण वसंरक्षण) कीमत आश्वासन तथा कृषि सेवा करार कानून व आवश्यक वस्तु संशोधन कानून लागू किया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ने तीनों कानून वापस लेने की घोषणा की है। इस बिल को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट में पेश किया जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद संसद में आएगा।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) एके 203 राइफल के समझौते की अड़चनें दूर पुतिन की यात्रा के दौरान 5,000 करोड़ रुपये की डील पर हस्ताक्षर संभव
नई दिल्ली (ईएमएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले महीने होने वाली भारत यात्रा के दौरान भारत और रूस लंबे समय से लंबित श्एके-203श् कलाशनिकोव राइफल खरीद समझौते पर श्मेक इन इंडियाश् पहल के तहत हस्ताक्षर कर सकते हैं। इससे संबंधित घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी मंगलवार को दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर वार्ता करने के लिए रूप से के राष्ट्रपति पुतिन अगले महीने भारत यात्रा पर आने वाले हैं। 5000 करोड़ रुपए के इस डील के बाद भारत की ताकत में इजाफा होगा। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई श्रक्षा खरीद परिषदश् (डीएसी) की बैठक में राइफल के संयुक्त उपक्रम के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई और ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि इस समझौते में आने वाली अड़चनों को दूर कर लिया गया है। करीब पांच हजार करोड़ रुपये के इस सौदे के तहत, भारत और रूस संयुक्त उपक्रम उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक उत्पादन इकाई में 10 साल के भीतर छह लाख से ज्यादा श्ए के 203श् राइफलों का निर्माण करेगा। सूत्रों ने बताया कि कीमत सहित विवादास्पद मुद्दों को सुलझा लिया गया है। दोनों पक्षों ने पिछले साल सिंह की मास्को यात्रा के समझौते को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। संयुक्त उपक्रम द्वारा एके 203 कलाशनिकोव राइफलों के निर्यात की संभावना तलाशने की भी उम्मीद है। मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए पुतिन के 6 दिसंबर को भारत आने की संभावना है। दोनों पक्षों ने पिछले साल सिंह की मास्को यात्रा के समझौते को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। संयुक्त उपक्रम द्वारा एके 203 कलाशनिकोव राइफलों के निर्यात की संभावना तलाशने की भी उम्मीद है। मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए पुतिन के 6 दिसंबर को भारत आने की संभावना है।
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(नई दिल्ली) चार में से एक भारतीय के साथ जाति, धर्म के आधार पर स्वास्थ्य सुविधाओं में भेदभावरू सर्वे
नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में जाति और धर्म के आधार पर स्वास्थ्य सुविधाओं में भेदभाव को लेकर एक सर्वे सामने आया है। जिसमें यह दावा किया गया है कि चार में से एक भारतीय के साथ जाति-धर्म के आधार पर स्वास्थ्य सुविधाओं में भेदभाव किया जाता है। सर्वे में दावा किया गया है इसमें शामिल एक तिहाई मुस्लिम, 20 फीसदी से अधिक दलित और आदिवासियों और कुल जवाब देने वालों में से 30 फीसदी ने धर्म, जाति या बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर अस्पतालों में या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की ओर से भेदभाव किए जाने की जानकारी दी है। भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के साथ चुनौतियों पर अपने त्वरित सर्वेक्षण के परिणामों को मंगलवार को साझा किया। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे टीका नहीं ले सके क्योंकि जब वे टीकाकरण केंद्र पहुंचे तो टीके समाप्त हो गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वहीं 12 प्रतिशत इसलिए टीका नहीं लगवा सके क्योंकि वे टीके की श्उच्च कीमतेंश् वहन नहीं कर सके। श्सिक्योरिंग राइट्स ऑफ पेशेंट्स इन इंडियाश् शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, नौ प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें खुद को टीका लगवाने के लिए एक दिन की मजदूरी गंवानी पड़ी। एनजीओ ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत के टीकाकरण अभियान के श्कुछ प्रावधानोंश् के खिलाफ मरीजों के अधिकारों को शामिल करने के लिए सर्वेक्षण दो भागों में किया गया। उसने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मरीजों के अधिकार चार्टर पर सर्वेक्षण फरवरी और अप्रैल के बीच किया गया था और इसमें 3890 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई थीं। उसने कहा कि वहीं भारत के टीकाकरण अभियान पर सर्वेक्षण अगस्त और सितंबर के बीच 28 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में 10,955 उत्तरदाताओं को शामिल करते हुए किया गया। सर्वेक्षण के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा, श्श्चार भारतीयों में से एक को उनकी जाति और धर्म के कारण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में भेदभाव का सामना करना पड़ा।श्श् सर्वे में दावा किया गया है, श्एक तिहाई मुस्लिम उत्तरदाताओं, 20 प्रतिशत से अधिक दलित एवं आदिवासी उत्तरदाताओं और कुल उत्तरदाताओं में से 30 प्रतिशत ने धर्म, जाति के आधार पर अथवा बीमारी या स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर अस्पताल में या किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा भेदभाव किए जाने की सूचना दी। इसने दावा किया, 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जब वे या उनके करीबी रिश्तेदार पिछले 10 वर्षों में अस्पताल में भर्ती हुए तो उन्हें इलाज या प्रक्रिया शुरू होने से पहले इलाज या प्रक्रिया की अनुमानित खर्च का ब्योरा नहीं दिया गया। सर्वे के अनुसार वहीं 31 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मामले के कागजात, रोगी के रिकॉर्ड, जांच रिपोर्ट से अस्पताल द्वारा इनकार किए जाने की बात कही, भले ही उन्होंने इसकी मांग की। रिपोर्ट के अनुसार 35 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि कमरे में किसी महिला की मौजूदगी के बिना पुरुष परिचारक द्वारा उनकी शारीरिक जांच की गई।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्लीध्24ध्नवम्बरध्2021

(नई दिल्ली) कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का विवादित बयान 2014 के बाद अमेरिका का गुलाम बन गया है भारत
नई दिल्ली (ईएमएस)। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते संबंधों पर निशाना साधा है। इंडो-रूस फ्रेंडशिप सोसाइटी के एक कार्यक्रम में अय्यर ने कहा कि 2014 से हम अमेरिका के गुलाम बन गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अय्यर ने भी कहा कि अमेरिका के साथ तनाव था लेकिन मॉस्को के साथ हमारे संबंध कभी इस तरह तनावपूर्ण नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार आई है, स्थिति पूरी तरह बदल गई है। पीएम मोदी के जाने माने आलोचक अय्यर ने कहा कि मौजूदा सरकार के नेतृत्व में रूस के साथ भारत के संबंधों को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने रूस के साथ भारत के संबंधों को सुधार करने के लिए कदम उठाने की भी आपील की है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अय्यर ने कहा, ष्अमेरिकियों के साथ हमारे संबंधों में, कभी-कभी गर्व होता है। हालांकि, रूस के साथ ऐसा कभी नहीं होता है। चाहे वह उस समय का सोवियत संघ हो या आज का रूसी संघ। हम प्रत्येक को समान रूप से देखते हैं अय्यर ने जोर देकर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान सोवियत संघ भारत का सबसे करीबी दोस्त था। कांग्रेस नेता ने कहा, ष्इंदिरा एक रूसी नाम बन गई है। बहुत सी लड़कियों के नाम इंदिरा हैं, खासकर उज्बेकिस्तान में। अय्यर ने कहा स्वतंत्रता के आठ साल बाद 1955 के बाद रूस के साथ भारत के संबंध बढ़ते रहे। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, साहित्य और अन्य क्षेत्रों के क्षेत्र में संबंध विविध हो गए और वे बढ़ते रहे। एक क्षेत्र छूट गया, जो रक्षा है। हमने रक्षा निगम को सीमित रखा लेकिन अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधों का विस्तार किया कांग्रेस के पूर्व सांसद की टिप्पणी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कड़े बयान आने की उम्मीद है। अय्यर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों में सीमा पर गतिरोध में लगे हुए हैं। जबकि दोनों पड़ोसी देशों ने गतिरोध वाले कई जगहों से अपने सैनिकों को वापस ले लिया है। कुछ क्षेत्रों से विघटन के लिए विचार-विमर्श अभी भी जारी है।
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(नई दिल्ली) दुनिया में फिर कोहराम मचा रहा कोरोना डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
नई दिल्ली (ईएमएस)। दुनिया के लिए कोरोना का खतरा एक बार फिर खड़ा होता नजर आ रहा है, कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को कहा कि यूरोप में कोविड की मजबूत पकड़ बनी हुई है। और यहां सर्दियों तक मरने वालों की संख्या 22 लाख से ज्यादा हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में कुछ 7 लाख लोग मर सकते हैं, क्योंकि पूरे यूरोप में मामले बढ़ रहे हैं जो कि कुछ देशों को सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने अनुमान लगाया है कि अभी से लेकर 1 मार्च, 2022 के बीच 53 में से 49 देशों की गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) में उच्च या अत्यधिक तनावष् देखने को मिल सकता है। इसके अलावा कुल मौतों की संख्या भी 22 लाख तक पहुंच सकती है. फिलहाल कोरोना से मरने वालों की संख्या 15 लाख से ऊपर है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से होने वाली मौतें पिछले सप्ताह बढ़कर लगभग 4,200 प्रति दिन हो गईं, सितंबर के आखिर में एक दिन में 2,100 मौते दर्ज की जा रही थीं और अब आंकड़ा दोगुना हो गया है। जर्मनी में टीकाकरण करा चुके लोग भी वायरस से नहीं बच पा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक, हंस क्लूज ने एक बयान में कहा, “यूरोप और मध्य एशिया में कोविड -19 की स्थिति बहुत गंभीर है। हम आगे एक चुनौतीपूर्ण सर्दी का सामना कर रहे हैं उन्होंने ष्वैक्सीन प्लसष् दृष्टिकोण का आह्वान किया, जिसमें टीकाकरण, सामाजिक दूरी, फेस मास्क का उपयोग और हाथ धोना शामिल है। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को कोरोनो वायरस मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए और प्रतिबंधों का आह्वान किया क्योंकि देश की संक्रमण दर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई और अमेरिका ने भी जर्मनी में यात्रा के खिलाफ सलाह दी। स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने जर्मनी की चैथी लहर को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों को प्रतिबंधित करने का आह्वान किया, स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात उन लोगों से कही जिन्हें टीका लगाया गया था या जो हाल ही में कोविड -19 से ठीक हुए हैं या वो जिन्होंने हाल में वायरस का नकारात्मक परीक्षण किया है। स्पैन जर्मन रेडियो को बताया, ष्जर्मनी के कुछ इलाकों में स्थिति अब न केवल गंभीर है, बल्कि खतरनाक हो गई हैष् उन्होंने कहा, हमें मरीजों को इधर-उधर करना पड़ रहा है क्योंकि आईसीयू भरे हुए हैं और यह सिर्फ कोविड -19 रोगियों को प्रभावित नहीं करता है।
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(नई दिल्ली) यूपी मिशन 2022 क्या इस तरह बीजेपी को हरा पाएंगे अखिलेश यादव
नई दिल्ली (ईएमएस)। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव यूपी विधानसभा चुनाव-2022 के लिए छोटे दलों के साथ मिलकर नया चुनावी समीकरण बना रहे हैं। इसीलिए इस बार सपा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधने के लिए छोटे दलों से गठजोड़ कर रही है। पार्टी अब तक अलग-अलग इलाकों के पांच छोटे दलों से गठजोड़ कर चुकी है। यूपी विधानसभा चुनाव में कभी वोटकटवा की भूमिका निभाने वाले छोटे दलों की भूमिका इस बार बढ़ी हुई दिख रही है। बड़ी पार्टियां छोटे दलों को अपने साथ लेकर जातीय और क्षेत्रीय दोनों संतुलन बना रही हैं, जिससे जीत का समीकरण फिट हो जाए। अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि इस बार वह बड़े दलों से गठबंधन नहीं करेंगे। छोटे दलों के साथ उनका गठजोड़ होगा। इसी हिसाब से वह गठबंधन कर रहे हैं। रालोद से गठबंधन से पूर्व अखिलेश ने केशव देव मौर्य के महान दल, डा. संजय सिंह चैहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया है। ओमप्रकाश राजभर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे। इस बार बात न बनने पर उन्होंने सपा से गठबंधन कर लिया है। ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर के हैं और आसपास के जिलों में राजभर जाति का अच्छा वोट बैंक है। जहां तक रालोद का सवाल है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर उसका प्रभाव है। रालोद से दोस्ती कर अखिलेश की मंशा पश्चिम की जाट बेल्ट में स्थिति मजबूत करने की है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के मुखिया व चाचा शिवपाल सिंह यादव को गठबंधन के लिए भतीजे व सपा मुखिया अखिलेश यादव से गठबंधन का इंतजार है। पहले दीपावली और बाद में नेताजी मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन इन दोनों मौकों पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अंदर खाने की मानें तो सपा की अभी अन्य कई छोटे दलों से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। खासकर उन पार्टियों से जिनका अपने-अपने क्षेत्रों में जनाधार और अपनी जातियों पर पकड़ है। मगर प्रसपा को लेकर अभी तक स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है। यह बात अलग है कि अखिलेश कई मौकों पर यह जरूर कह चुके हैं कि चाचा का सम्मान होगा। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन आगे चलकर होगा। शिवपाल के रुख में भी बीते कुछ समय में नरमी देखी गई है।
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(नई दिल्ली) पीएम मोदी की तरह नीतीश कुमार भी वापस लें शराबबंदी कानून
नई दिल्ली (ईएमएस)। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचैल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून वापस लेने का अनुरोध किया है। शराबबंदी सुंदर कार्य है। यह होना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने बिहार की 13 करोड़ जनता के हित के लिए सोचा था। लेकिन रक्षक ही भक्षक बना हुआ है। रखवाले ही चोर बने हुए हैं। इस कारण इंजीनियरिंग और मेडिकल में पढ़ने वाले छात्र-नौजवान जेल जा रहे हैं, बेचने वाला नहीं जा रहा है। बचैल ने आगे कहा कि माफिया नहीं जा रहा है। जिस तरह के लोग पकड़े जा रहे हैं, वह बड़ा ही चिंतनीय है। इसलिए जिस तरह कृषि कानून वापस हुआ, नीतीश जी से निवेदन करूंगा कि शराबबंदी कानून भी वापस हो। पांच गुने दाम पर शराब बेची जाए, नहीं तो कोई न कोई रास्ता निकाला जाए। एक तरफ शराब मामले में लाखों परिवार केस लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस धंधे में लोग अरबपति बन गये। पुलिस से लेकर रखवाले तक इसमें संलग्न हैं, इसलिए मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूं कि इसको वापस ले लें। राज्यभर में शराबबंदी के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। पुलिस ने विभिन्न जिलों में पिछले एक सप्ताह में शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े 822 मामले दर्ज करते हुए 903 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान शराब बनाने वाली 19 भट्ठियों को ध्वस्त किया गया और 46 हजार 449 लीटर देसी-विदेशी शराब जब्त की गई। बीते एक सप्ताह में शराब की सबसे बड़ी बरामदगी औरंगाबाद के ओबरा में हुई। वहां 16 नवंबर को कंटेनर में छिपाकर ले जा रही 5978 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई थी। इसके अलावा सुपौल के पिपरा थाना क्षेत्र से 3028 लीटर, समस्तीपुर में यूपी के नंबर वाले ट्रक से 5413 लीटर, कैमूर के मोहनियां से 2367 लीटर और बेगूसराय के बखरी में एक ट्रक से 2964 लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। इसके अलावा बगहा के रामनगर से 105 गैलन में रखी 4200 लीटर स्प्रिट पकड़ी गई। पिछले एक सप्ताह में पटना, भागलपुर, खगड़िया, रोहतास, पूर्णिया, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, सहरसा, मधुबनी, बांका, जमुई, सीवान, गया, गोपालगंज, नवादा और रेल पुलिस जिला जमालपुर व कटिहार से भी शराब बरामद की गई है।
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(आगरा) बीजेपी मोदी के मंत्री रिजिजू के बयान पर योगी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी सफाई
आगरा (ईएमएस)। आगरा में एक खेल कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार में मंत्री विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच बनाए जाने पर विचार करने संबंधी बयान पर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सफाई दी है। कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की कोई भी बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहीं बनेगी और न ही अभी और न भविष्य में ऐसा कुछ बनाने की योजना है। उन्होंने ने कहा कि पहले भी यह मसला उठाया जा चुका है। लेकिन इस बात को समझना होगा कि ये कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए हाईकोर्ट, विधानसभा और सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी चाहिए। वैसे भी सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। तो इस विषय पर बात करना ही निरर्थक है। इससे पहले रिजिजू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की खंडपीठ के गठन को दिए गए बयान पर आक्रोश व्यक्त करते हुए ऐसे किसी भी प्रस्ताव का पूरी ताकत से विरोध करने का ऐलान किया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की एल्डर कमेटी ने बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे बचकाना व राजनीति से प्रेरित बयान करार दिया। आगरा में एक खेल कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार में मंत्री विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच बनाए जाने पर विचार करने संबंधी बयान पर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सफाई दी है। कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की कोई भी बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहीं बनेगी और न ही अभी और न भविष्य में ऐसा कुछ बनाने की योजना है। उन्होंने ने कहा कि पहले भी यह मसला उठाया जा चुका है। लेकिन इस बात को समझना होगा कि ये कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए हाईकोर्ट, विधानसभा और सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी चाहिए। वैसे भी सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। तो इस विषय पर बात करना ही निरर्थक है। इससे पहले रिजिजू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की खंडपीठ के गठन को दिए गए बयान पर आक्रोश व्यक्त करते हुए ऐसे किसी भी प्रस्ताव का पूरी ताकत से विरोध करने का ऐलान किया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की एल्डर कमेटी ने बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे बचकाना व राजनीति से प्रेरित बयान करार दिया।
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इंटरनेशनल
(राजकाज) पश्चिम यूपी को नई सौगात
तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद माना जा रहा है कि भाजपा को पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी समर में उतरने में मदद मिलेगी। इन कानूनों की वापसी के बाद जाट बिरादरी के प्रभाव वाली 60 से ज्यादा सीटों पर भाजपा की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यही नहीं पश्चिम यूपी को अब केंद्र सरकार की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच की सौगात मिल सकती है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान यह संकेत दिए। उन्होंने कहा कि विधि मंत्रालय के पास न्यायमूर्ति जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आगरा खंडपीठ की स्थापना को जल्द मंजूरी मिल जाएगी।

-समंदर में चीन को टक्कर
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना ने अपनी निगरानी क्षमता को बढ़ाने का प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत नौसेना अगले कुछ सालों में मानवरहित एरियल (ड्रोन) और अंडरवाटर सर्विलांस प्लेटफॉम्र्स की संख्या में बढ़ोतरी करेगी। मानवरहित प्लेटफॉर्म संबंधी रोडमैप के तहत यह खरीद की जाएगी। पिछले महीने शीर्ष नेवल कमांडर्स की एक कॉन्फ्रेंस में इसे फाइनल किया गया था। कॉन्फ्रेंस में नए जमाने के प्लेटफॉम्र्स की खरीद की आवश्यकता पर चर्चा की गई थी। मामले से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम को देखते हुए मुख्य फोकस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्गों की निगरानी बढ़ाने पर होगा।

-फंसा सपा-रालोद गठबंधन
बिजनौर की चांदपुर, सहारनपुर की गंगोह, बागपत की बड़ौत, मथुरा की मांट व छाता, शामली की थानाभवन, बुलंदशहर की शिकारपुर के अलावा मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट पर रस्साकशी चल रही है। इन सीटों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण दोनों दलों के बीच बात लंबी खिंच रही है। सोमवार को पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर दोनों दलों के बीच आधिकारिक गठबंधन की घोषणा भी खटाई में पड़ गई है। बुढ़ाना के कश्यप महासम्मेलन में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद गठबंधन के संकेत दे चुके हैं। रालोद और सपा के बीच सीटों की संख्या पर लगभग सहमति बन चुकी है, लेकिन इनमें पश्चिमी यूपी की करीब छह सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों दल अपना-अपना दावा कर रहे हैं।

-आर्यन खान की बढ़ेगी मुश्किल
ड्रग्स मामले में आर्यन खान की जमानत के बाद भी मामला ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सोमवार को कहा कि एनसीबी के अधिकारी आर्यन खान की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील दायर करने पर विचार विमर्श कर रहे हैं। इसके लिए हाई कोर्ट के जमानत आदेश की जांच परख कर कानूनी राय ली जा रही है। बता दें कि जस्टिस एन डब्ल्यू संब्रे की एकल पीठ ने 28 अक्तूबर को आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत स्वीकार कर ली थी।
सिद्वार्थ शंकर, 24 नवम्बर, 2021 (ईएमएस)

इंटरनेशनल
खुद से ही शादी करने के बाद अब खुद से ही तलाक चाहती हैं मॉडल
रियो डी जेनेरिया (ईएमएस)। कोई पुरुष पसंद नहीं आने पर 33 वर्षीय मॉडल क्रिस गैलेरा ने सितंबर 2021 में खुद से ही शादी कर ली थी।लेकन अब मॉडल अपने आप से तलाक चाहती हैं।क्रिस ने कहा कि वह पुरुषों पर भरोसा करके थक चुकी थीं।उन्हें कोई ढंग का पार्टनर नहीं मिल रहा था,इसकारण खुद से ही शादी कर ली थी।ब्राजीली मॉडल क्रिस गैलेरा ने बताया कि शादी के बाद वह बहुत खुश थीं और उस किसी की कमी भी महसूस नहीं होती थी।ना ही उन्हें इस बात का दुख था कि उनका कोई दूल्हा नहीं है।
लेकिन उन्हें अब खुद से तलाक लेना है।क्योंकि अब क्रिस की जिंदगी में एक शख्स आ गया है,जिससे उन्हें बहुत प्यार है। उन्हें लगता है कि यही उनका जीवनसाथी बनने लायक है।क्रिस ने कहा कि खुद से शादी करना उनके लिए 90 दिनों तक काफी रहा।अब वह अपने प्यार से शादी करना चाहती हैं।क्रिस ने बताया कि जब से उनकी जिंदगी में वह खास शख्स आया है, तभी से उन्हें प्यार में विश्वास होना शुरू हो गया।वहीं, सितंबर में जब क्रिस ने खुद से शादी की थी तब उन्होंने कहा था कि वह ऐसा करके बहुत ही अच्छा फील कर रही हैं।उन्हें ऐसा लग रहा था कि जैसे वह एक मैच्योर और दृढ़निश्चय वाली महिला हैं।
क्रिस ने अपनी शादी के दिन ब्राजील के साओ पाउलो में एक कैथोलिक चर्च के सामने खुशी-खुशी तस्वीरें भी खिंचवाई थीं।क्रिस ने एक बेहद सुंदर सफेद ड्रेस पहनी थी।उन्होंने हाथों में फूलों का बुके भी पकड़ा था।लेकिन क्रिस ने तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जहां एक तरफ काफी लोगों ने उनकी तारीफ की।
आशीष दुबे ध् 24 नंबवर 2021

(बीजिंग) 23000 से अधिक भारतीय छात्रों की वापसी पर चीन का रुख अब भी स्पष्ट नहीं
बीजिंग (ईएमएस)। चीन का कहना है कि वह चीनी विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे आसियान देशों के छात्रों को शीघ्र वापस बुलाने की अनुमति देगा, लेकिन कोरोना की वजह से लगाई गई वीजा पाबंदियों के चलते पिछले साल से देश में अटके 23,000 से अधिक भारतीय छात्रों की वापसी मुश्किल हो गई है।
चीन-आसियान देशों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन विदेशी छात्रों को लौटने के लिए एक समन्वित तरीके की व्यवस्था पर विचार कर रहा है। आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया,लाओस, मलेशिया, म्यामां, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। लिजियान ने कहा विदेश छात्रों के अध्ययन के लिए चीन लौटने के बारे में कोविड-19 के बीच सुरक्षा सुनिश्चित करने के आधार पर हम समन्वित तरीके वाली एक व्यवस्था पर विचार करेंगे।
उन्होंने कहा मैं फिर से कहना चाहूंगा कि महामारी की उभरती स्थिति के आलोक में चीन वैज्ञानिक विश्लेषण पर आधारित समन्वित तरीके से रोकथाम व नियंत्रण उपायों पर फैसला करेगा। चीन ने पिछले साल से भारतीयों को वीजा जारी करना बंद कर रखा है और वर्तमान में दोनों देशों के बीच उड़ानों का परिचालन भी नहीं हो रहा है, जिसके चलते 23,000 से अधिक छात्र, भारतीय कारोबारी और उनके परिवार स्वदेश में अटक गए हैं।
इन छात्रों में ज्यादातर छात्र चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं। वहीं, चीन में अध्ययन कर रहे दक्षिण एशियाई देशों के छात्रों को भी अपने-अपने देश में रूकना पड़ गया है। वे चीन की यात्रा पाबंदियों में ढील मिलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे वहां जाकर अपना अध्ययन पूरा कर सकें।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(वॉशिंगटन) ऐपल ने पेगासस बनाने वाली कंपनी पर केस दर्ज कर की आईफोन टार्गेट करने से रोकने की मांग
वॉशिंगटन (ईएमएस)। सिलिकॉन वैली की दिग्गज कंपनी ऐपल ने इजरायली स्पाईवेयर पेगासस बनाने वाली कंपनी पर मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे के जरिए एपल ने एनएसओ समूह को प्रचलन में मौजूद एक बिलियन आईफोन्स को टारगेट करने से रोकने की कोर्ट से मांग की है। एपल द्वारा दायर किए गए मुकदमे ने एनएसओ समूह की परेशानी को और बढ़ा दिया है।
दरअसल एनएसओ समूह हाल के दिनों में विवादों के केंद्र में रहा है, जिसके सॉफ्टवेयर पेगासस स्पाईवेयर के द्वारा दुनिया भर में नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी का आरोप लगा है। अमेरिकी अधिकारियों ने कुछ हफ्ते पहले एनएसओ को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। ब्लैक लिस्ट किए जाने का मकसद यह था कि अमेरिकी समूहों द्वारा सॉफ्टवेयर के निर्यात को रोका जाए। दरअसल आरोप यह भी लगाया जा रहा था कि इजरायल की कंपनी ने विदेशी सरकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेगागस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल में सक्षम बनाया है।
अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया की फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे पर एपल ने अपने बयान में कहा अपने यूजर्स के उत्पीड़न और उनको आगे नुकसान से बचाने के लिए एपल एनएसओ ग्रुप पर स्थाई रोक चाहता है। इसके साथ ही यह भी कि एनएसओ समूह ऐपल के किसी सॉफ्टवेयर, सर्विस या डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकता है।
आईफोन निर्माता कंपनी ने अपने मामले में लिखा प्रतिवादी कुख्यात हैकर हैं- 21वीं सदी के स्वार्थी लोग, जिन्होंने अत्यधिक परिष्कृत साइबर-निगरानी मशीनरी बनाई है, जो नियमित और प्रमुख तौर पर दुरुपयोग को आमंत्रित करती है। एनएसओ समूह ने कहा कि उसने किसी भी तरह की गलती नहीं की है। उसने दावा किया कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सरकारों द्वारा आतंकवाद और अन्य अपराधों से लड़ने में किया जाता है।
एनएसओ ग्रुप ने कहा बच्चों का शोषण करने वाले और आतंकी तकनीकी रूप से सुरक्षित माहौल में आसानी से साजिश रच सकते हैं, हम सरकारों को एक वैधानिक टूल्स देते हैं कि वे इन खतरों से मुकाबला कर सकें। एनएसओ ग्रुप अगले दिनों में भी सच्चाई के लिए लड़ता रहेगा। उल्लेखनीय है कि जिस किसी स्मार्टफोन में पेगासस पहुंच जाता है, वह एक तरीके से जासूसी डिवाइस बन जाता है। इसके बाद फोन पर मिलने वाले किसी भी संदेश को पढ़ा जा सकता है। उनकी फोटो देखी जा सकती है और लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है। यहां तक कि यूजर को पता चले बिना कैमरे को भी स्टार्ट किया जा सकता है। एपल ने कहा है कि दुनिया भर में 1.65 बिलियन एक्टिव डिवाइस हैं, जिनमें एक बिलियन से ज्यादा आईफोन हैं।
एनएसओ के खिलाफ एपल द्वारा दायर यह मुकदमा पहला मामला नहीं है। फेसबुक ने 2019 में एनएसओ समूह के खिलाफ केस फाइल किया था। फेसबुक ने आरोप लगाया था कि उसके व्हाट्स ऐप मैसेंजर के जरिए पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य जानी मानी हस्तियों की जासूसी को अंजाम दिया गया। कैलिफोर्निया की फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे में कहा गया था कि कुल 1400 डिवाइस को पेगासस के द्वारा टारगेट किया गया और मैसेजिंग ऐप के जरिए यूजर्स की महत्वपूर्ण जानकारियां चुराई गईं।
एनएसओ के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। यह समूह पहले से ही 500 मिलियन डॉलर के कर्ज में डूबा है।
कंपनी लीडरशिप में बदलाव हुआ है और अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद फ्रांस ने सॉफ्टवेयर खरीदने से मना कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पेगासस को लेकर दुनिया भर में फैली चिंताओं के चलते एपल ने सितंबर में सभी आईफोन्स में कमियों को दुरुस्त किया है, जिनके जरिए एनएसओ के सॉफ्टवेयर के घुसने की आशंका थी, कहा जाता है कि पेगासस किसी भी फोन में एंट्री कर सकता है और इसके लिए उसे किसी यूजर द्वारा मैसेज या लिंक पर क्लिक किए जाने की जरूरत नहीं है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(लंदन) हॉलीवुड कलाकार रोवन एटकिंसन की मौत की खबर झूठी ‎निकली
लंदन (ईएमएस)। लोगों की गॉसिप्स का शिकार सबसे ज्यादा कलाकार होते हैं। कभी किसी की झूठी अफेयर की खबर उड़ने लगती है तो कभी किसी की मौत की चर्चा जोरों पर रहती है। ऐसा ही खबर मिस्टर बीन यानि हॉलीवुड एक्टर रोवन एटकिंसन को लेकर आई जिसने फैंस को परेशान कर दिया। खबर थी कि 66 साल की उम्र के रोवन का निधन हो गया है। जैसी ही ये खबर सामने आई फैंस के बीच कोहराम मच गया। जहां कुछ सोशल मीडिया पर पूछने लगे कि क्या सच में रोवन की मौत हो गई है? कई लोगों ने तो बिना खबर की सत्यता की जांच किए ही उन्हें श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। इन सबके बाद रोवन एटकिंसन सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। लेकिन हम आपको बता दें कि मिस्टर बीन की मौत की खबरें सच नहीं बल्कि महज अफवाह हैं। वे ना केवल जिंदा हैं बल्कि पूरी तरह से स्वस्थ भी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये अफवाह एक ट्विटर हैंडल ने उड़ाई जो अमेरिकी न्‍यूज चैनल फॉक्स न्यूज होने का दावा कर रहा था। यहीं से रोवन की मौत की खबर आग की तरह फैल गई। इस फर्जी ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में एक स्पैम लिंक भी दिया गया था और भावुकता में इस लिंक पर क्लिक करने वाले लोग इस स्‍पैम का श‍िकार हो गए। वैसे ये पहली बार नहीं है जब मिस्टर बीन के निधन की खबर उड़ी हो। बता दें कि मिस्टर बीन की मौत को लेकर ऐसी ही खबर साल 2018 में भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उस वक्त भी उनकी मौत की झूठी खबर को लोगों ने सच मान लिया था। इससे पहले 2016 में भी कुछ लोगों ने ऐसी ही खबर फैलाई थी जिसमें मिस्टर बीन द्वारा आत्महत्या करने का दावा किया जा रहा था। बता दें कि श्मिस्टर बीनश् का किरदार टीवी पर पहली बार 1990 में दिखाई दिया था। इसके बाद ये किरदार धीरे-धीरे दुनियाभर में मशहूर हो गया।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(वाशिंगटन) अमेरिका ने 110 देशों को दिया न्‍यौता

  • चीन, रूस सहित कई देश मेहमानों की सूची से गायब
    वाशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका श्लोकतंत्रश् पर वैश्विक संवाद करने जा रहा है। इसके लिए उसने 110 देशों को न्‍यौता दिया है। दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में शुमार अमेरिका इस मसले पर वर्चुअल शिखर सम्‍मेलन आयोजित करने जा रहा है, जिसमें भारत और इराक सहित कई देशों को आमंत्रित किया गया है। वहीं अमेरिका कम्युनिस्ट देशों से दो-दो हाथ करने के मूड में है। दरअसल अमेरिका ने चीन, रूस और तुर्की सहित कई देश लोकतंत्र पर संवाद के लिए आमंत्रित देशों की सूची से बाहर रखा है। अमेरिका की मेजबानी में लोकतंत्र पर यह संवाद 9 और 10 दिसंबर को होने जा रहा है। भले ही अमेरिका ने चीन को इस सूची से बाहर रखा है लेकिन उसने ताइवान को इसमें शामिल होने का न्यौता दिया है। अमेरिका के इस कदम से साफ नजर आ रहा है कि बाइडन चीन के साथ दो-दो हाथ करने के मूड में है। अमेरिका ने गेस्ट लिस्ट से चीन, रूस और तुर्की के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका समेत कई देशों को इससे बाहर रखा है। वहीं नाटो के सदस्य टर्की को भी इस सूची में जगह नहीं दी गई है। बता दें कि पिछले दिनों ताइवान मुद्दे को लेकर अमेरिका और चीन आपस में भिड़ चुके हैं। ऐसे में चीन को सूची से बाहर रखकर अमेरिका ने ताइवान के प्रति अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। अमेरिका की ओर से वर्चुअल समिट में शामिल होने के लिए भारत को आमंत्रण भेजा गया है। वहीं पाकिस्तान और इराक को भी बाइडन ने न्योता भेजा है। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से तालिबान वैश्विक मान्यता के लिए काफी हाथ-पार मार रहा है लेकिन अमेरिका ने उसे तवज्जो न देते हुए गेस्ट लिस्ट से बाहर रखा है। बाइडन ने अफगानिस्तान को भी लोकतंत्र पर संवाद के लिए न्योता नहीं भेजा है।

सतीश मोरेध्24नवंबर

(एडिनबर्ग) इंडियाना में अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास की समयसीमा बढ़ाई गई
एडिनबर्ग (ईएमएस)। अमेरिका में संघीय अधिकारियों ने तकरीबन 4,100 अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास की समयसीमा बढ़ा दी है। यह अफगान शरणार्थी ‘इंडियाना नेशनल गार्ड’ के ‘कैम्प एटरबरी’ प्रशिक्षण चैकी पहुंचने के दो महीने से अधिक समय बाद भी वहीं रह रहे हैं। गृह सुरक्षा विभाग के अभियान ‘एलीज वेलकम’ के संयोजक आरोन बट ने कहा कि एजेंसी के सीमित पुनर्वास संसाधन और कोरोना वायरस के कारण पुनर्वास में देरी हुई है।
अधिकारियों ने बताया उनका लक्ष्य नवंबर की शुरुआत तक शरणार्थियों को स्थाई रूप से बसाने का था। अब इस साल के अंत तक बाकी बचे सभी शरणार्थियों को बसाने का नया लक्ष्य तय किया गया है। हालांकि, बट ने कहा कि छुट्टियों और सर्दियों के कारण यह समयसीमा 2022 की शुरुआत तक बढ़ सकती है।
इंडियानापोलिस से करीब 40 किमी दूर कैम्प एटरबरी अमेरिका में उन आठ स्थानों में से एक है, जिसका इस्तेमाल रक्षा विभाग अफगानिस्तान के विशेष आव्रजक वीजा आवेदक, उनके परिवार और अन्य अफगान कर्मियों को रखने में कर रहा है। बट ने बताया कि अभी तक करीब 250 अफगान नागरिक इंडियाना में बस गए हैं। इंडियाना के कार्यबल विकास विभाग के आयुक्त फ्रेड पायने ने बताया कि राज्य की एजेंसी शरणार्थियों को इंडियाना में नौकरियां तलाशने में भी मदद कर रही है। इंडियाना में 150 से अधिक नियोक्ताओं ने एजेंसी को बताया कि 4,000 नौकरियां शरणार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(कीव) सरकार विरोधी सामग्री प्रकाशित करने पर बेलारूस के सबसे पुराने अखबार पर लगा प्रतिबंध
कीव (ईएमएस)। बेलारूस के सबसे पुराने अखबार को उसकी स्थापना की 115वीं वर्षगांठ पर सरकार विरोधी सामग्री प्रकाशित करने की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह पूर्व सोवियत राष्ट्र में स्वतंत्र मीडिया पर सरकार की कठोर कार्रवाई का एक ताजा उदाहरण है। इस समाचार पत्र से के संपादक और एक पत्रकार जेल में हैं, जबकि इससे जुड़े अधिकांश पत्रकारों को देश छोड़कर भागना पड़ा है। समाचार पत्र ‘नशा निवा’ को मिन्स्क में केन्द्रीय जिला अदालत ने कट्टरपंथी बताते हुए अवैध घोषित कर दिया। कोर्ट ने सूचना मंत्रालय के अनुरोध पर यह कार्रवाई की।
‘नशा निवा’ की किसी भी सामग्री को प्रसारित या प्रचारित करने वाले को सात साल तक की कैद हो सकती है। बेलारूस के अधिकारियों ने ऑनलाइन समाचार पत्र को जुलाई में बंद कर दिया था और उसके मुख्य संपादक याहोर मार्टसिनोविच और पत्रकार एंड्री स्कर्को को गिरफ्तार कर लिया था। वे अब भी हिरासत में हैं। बेलारूस के करीब 29 पत्रकार अभी हिरासत में हैं, जो या तो सजा काट रहे हैं या अपने मुकदमे की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। ‘नशा निवा’ के अधिकतर अन्य पत्रकारों ने देश छोड़ दिया है। वे समाचार पत्र को ऑनलाइन प्रकाशित कर रहे थे।
‘बेलारूस पत्रकार संघ’ के प्रमुख आंद्रेई बास्टुनेट्स ने कहा कि अधिकारियों द्वारा सभी को कट्टरपंथी बताकर बेलारूस के स्वतंत्र मीडिया को तबाह करना जारी है। बेलारूस में स्थिति क्यूबा तथा ईरान से भी बदतर है और उत्तर कोरिया के मानदंडों के करीब पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि ‘नशा निवा’ का राष्ट्रीय विरासत के हिस्से के रूप में स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में व्यापक रूप से उल्लेख किया गया है। अभी यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि इस पर प्रतिबंध के बाद बेलारूस के अधिकारी स्थिति को कैसे संभालेंगे। उल्लेखनीय है कि ‘नशा निवा’ ने बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर खबरें दी हैं, जो अगस्त सन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अलेक्सांद्र लुकाशेंको के छठी बार राष्ट्रपति का कार्यकाल संभालने के बाद शुरू हुए थे। विपक्ष और पश्चिम ने राष्ट्रपति चुनाव में धांधली होने की बात कही है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(दमिश्क) फिर इंग्लैंड लौटना चाहती हैं स्वर्ग की तलाश में आईएसआईएस से जुड़ने वाली शमीमा बेगम
दमिश्क (ईएमएस)। इंग्लैंड में बेथनल ग्रीन स्कूल की छात्रा शमीमा बेगम इंग्लैंड से भागकर सीरिया पहुंची और आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गई थी। शमीमा बेगम ने बताया कि आतंकी समूह में शामिल होने से पहले ऑनलाइन मिले दोस्तों और दूसरे पुरुषों ने उसे अच्छी तरह मानसिक रूप से तैयार कर दिया था। सीरिया के एक जेल कैंप से वर्चुअल इंटरव्यू में उसने कहा कि वह ब्रिटेन में मुकदमे के लिए जाना चाहती हैं। शमीमा बेगम ने पूछताछ करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों को आमंत्रित किया है। शमीमा बेगम ने कहा जब उसने 2015 में यूके छोड़ा तो उसे श्ब्रिटेन से नफरत नहीं थीश्, बल्कि वह अपनी जिंदगी से नफरत करती थी, क्योंकि वह श्बहुत संकुचितश् महसूस करती थी। शमीमा बेगम ने इस्लामिक स्टेट के साथ अपने अनुभवों और सीरिया में जीवन के बारे में बात की। इंटरव्यू शुरू होने से पहले उन्होंने कहा कि क्या मैं अपना मास्क पहने रह सकती हूं? क्योंकि आज मैं बदसूरत लग रही हूं।
यह इंटरव्यू पूर्वोत्तर सीरिया में एक जेल शिविर में हुआ और शमीमा बेगम भले ही अपनी काली इस्लामिक स्टेट पोशाक से मुक्त हैं, लेकिन अपने कुख्यात अतीत की कैदी बनकर रह गई हैं। 15 साल की उम्र में उन्होंने श्स्वर्ग के वादेश् पर लंदन में अपने घर को छोड़ दिया था, लेकिन सीरिया जाकर उन्हें श्धरती पर नरकश् का एहसास हुआ। अब उनका कहना है कि उनसे कानून की अदालत में लड़ने को तैयार हूं, लेकिन मुझे मौका नहीं दिया जा रहा है। शमीमा बेगम इस लड़ाई को ब्रिटेन में लड़ना चाहती हैं। वह जेल जाने की भी उम्मीद करती हैं। हालांकि वह सिर्फ एक ही अपराध को स्वीकार करती हैं और वह है लंदन छोड़कर सीरिया की यात्रा करना। उन्होंने कहा यह केवल एक ऐसा फैसला नहीं था, जिसे मैंने बहुत जल्दी लिया था, बल्कि इसके बारे में मैंने कुछ समय के लिए सोचा था। मैं बहुत संकुचित महसूस कर रही थी और मुझे लगा कि मैं ब्रिटेन में एक ब्रिटिश महिला के रूप में वह जीवन नहीं जी सकती जो मैं चाहती थी।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(बीजिंग) चीन में 43 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंची जन्मदर, चिंता में पड़ी सरकार
बीजिंग (ईएमएस)। चीन की जन्म दर 1978 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। यह ऐसे समय पर हुआ है, जब सरकार जनसांख्यिकीय संकट को दूर करने के लिए संघर्ष कर रही है। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार सन 2020 में जन्म दर प्रति हजार लोगों पर 8.5 दर्ज की गई है, जो 1978 के बाद से सबसे कम है। चीन के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि तमाम सरकारी योजनाओं के बाद भी सन 2020 में देश में प्राकृतिक विकास दर घटकर 1.45 प्रति हजार तक पहुंच चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे के जन्म पर दशकों की हस्तक्षेपवादी नीतियों और उच्च जीवन लागत सहित हालिया दबावों के बाद संभावित जनसंख्या में गिरावट को रोकने के लिए सरकार दबाव में है।
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि चीन में बच्चों की जन्म दर उस समय बुरी तरह से गिर गई है, जब चीन की सरकार बच्चों की जन्म दर को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। रिपोर्ट में हालांकि नाटकीय गिरावट का कारण नहीं बताया गया है, लेकिन जनसांख्यिकीविदों ने प्रसव की उम्र की महिलाओं की गिरती संख्या और परिवार के पालन-पोषण की बढ़ती लागत की ओर इशारा किया है।
आंकड़ों से पता चला है कि चीन में जन्म दर पिछले कई सालों से लगातार गिरती जा रही है। ‘एक बच्चे की नीति’ में ढील देने के बाद भी चीन के लोग अब बच्चों को जन्म देने के लिए तैयार नहीं हैं। चीन विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और हाल के सालों में दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को खत्म करने के बावजूद चीन में युवा आबादी तेजी से कम हो रही है और जन्म दर घट रही है, इसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(ताइपे) चीन के हमले की आशंका में ताइवान ने तेज किया सैन्य प्रशिक्षण, सभी को सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य
ताइपे (ईएमएस)। चीन के हमले के खतरे के बीच ताइवान ने अपनी सेना का प्रशिक्षण तेज कर दिया है। दरअसल, चीन की सेना पीएलए ने अपने महत्‍वाकांक्षी सैन्‍य आधुनिकीकरण कार्यक्रम को पूरा कर लिया है। यही नहीं ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी श्‍वेतपत्र में कहा गया है कि चीनी सेना के पास प्रमुख हवाई अड्डों और बंदरगाहों की नाकेबंदी करने की क्षमता भी आ गई है। इसे देखकर ताइवान ने भी अपनी तैयारियां बढ़ा दी हैं और अधिकाधिक हथियार खरीदने का प्रयास कर रहा है।
वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन के अंदर क्षमता आ गई है कि वह ताइवान के नेतृत्‍व को साल 2027 तक वार्ता की मेज पर बैठने के लिए बाध्‍य कर सकता है। सन 2016 में सत्‍ता संभालने के बाद राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने ताइवानी सेना की ताकत को बढ़ाने पर पूरा जोर लगा दिया है। ताइवान ने अमेरिका से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदे हैं, क्‍योंकि उसके चीन के साथ संबंध बेहद खराब हो गए हैं।
अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने 75 करोड़ डॉलर के हथियार देने की मंजूरी दी है। इससे पहले डोनाल्‍ड ट्रंप ने सन 2020 में 5.1 अरब डॉलर के हथियारों को बेचने की अनुमति दी थी। ताइवान का रक्षा मंत्रालय ने रक्षामंत्रालय की क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्‍त 9 अरब डॉलर की मांग की है। यह पैसा उसके वर्तमान रक्षा बजट के अतिरिक्‍त है। ताइवान ने सभी पुरुष नागरिकों के लिए जरूरी कर दिया गया है कि वे राष्‍ट्रीय सेवा को पूरा करें। वास्‍तविकता में इसका मतलब यह है कि वे सेना के साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार रहें।
ताइवान के सैनिकों की संख्‍या फिलहाल 188,000 है और अगर नागरिक ठेकेदारों और ट्रेनी को मिला दिया जाए तो यह 215,000 तक हो सकती है। चूंकि ताइवान ज्‍यादा सेना को अलर्ट मोड पर नहीं रख सकता है, इसलिए अब रिजर्व को तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। ये रिजर्व ताइवानी सैनिक चीन की ओर से बमबारी होने की सूरत में रनवे को ठीक कर सकेंगे, वाहनों की रिपेयरिंग कर सकेंगे और खाई खोदने जैसे काम कर सकते हैं। हमले की सूरत में 10 लाख के करीब रिजर्व सैनिकों को पहले राउंड में बुलाया जा सकता है। हालांकि कई सैन्‍य विशेषज्ञ इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि ये रिजर्व युद्ध लड़ने के लिए कुशल नहीं होंगे।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(ब्यूनस आयर्स) आर्जेंटीना के आकाश में दिखे श्रहस्‍यमय बादलश्, स्थानीय लोगों में फैली दहशत
ब्‍यूनस आयर्स (ईएमएस)। आर्जेंटीना के आसमान में रहस्‍यमय बादल देखकर लोग दहशत में आ गए। ये बादल, सामान्य बादलों से अलग थे। ये ऐसे दिखाई दे रहे थे, जैसे रूई के विशाल गोले आसमान में तैर रहे हों। स्थानीय लोग ऐसे बादलों को अच्छा नहीं मानते। लोगों का कहना है कि ऐसे बादल दिखाई देने पर अक्सर तूफान आते हैं और भारी बार‍िश और बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
बताया जा रहा है कि गत 13 नवंबर को कासा ग्रांडे, कोरडोबा के आकाश में ये रहस्‍यमय आकार के बादल देखे गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल देखने में बहुत खूबसूरत दिख रहे थे, किन तेज तूफान आने की चेतावनी दे रहे थे। इन बादलों के वीडियो को इंटरनेट पर पिछले सप्‍ताह अपलोड किया गया था और अब तक हजारों लोग इसे देख चुके हैं। इस वीडियो को देखने के बाद इसे रूई, मार्श मैलो, डरावना करार दे रहे हैं। इस वीडियो में कैप्‍शन दिया गया है शनिवार को दोपहर में पूरा आकाश असामान्‍य बादलों से ढंका हुआ था। इसे देखकर मुझे लगा कि मैं जैसे पशुओं के बाड़े में फंसा हुआ हूं और इसके बाद बिजली कड़कने के साथ तेज तूफान, हवा और ओलावृष्टि शुरू हो गई।
वीडियो अपलोड करने वाले ने लिखा कि हम भाग्‍यशाली हैं कि इस विच‍ित्र घटना को कैमरे में कैद किया है, जो मौसम में हो रहे बदलानों का परिणाम है। इस वीडियो को देखकर एक यूजर ने कॉमेंट किया ये सबसे अच्‍छे बादल हैं जिसे मैंने अब तक देखा है। एक अन्‍य यूजर ने लिखा यह बहुत ही डरावना है। एक अन्‍य यूजर ने कॉमेंट किया यह किसी दूसरी ग्रह का भी हो सकता है। कई यूजर्स ने बादलों को बहुत ही सुंदर करार दिया। इन बादलों को देखकर एक पल के लिए ऐसा लगता ही नहीं कि ये बादल हैं।
पैटर्न में बने बादल आसमान पर कुछ यूं छाते हैं कि दूर-दूर तक इन्हें देखा जाता है। कई बार बारिश के बाद ऐसे बादल आपको देखने को मिल सकते हैं, मगर परफेक्ट बहुत कम ही दिखते हैं। माना जाता है कि ये बादल में पानी और बर्फ के कणों के ज्यादा होने के कारण बनते हैं। बादल के अंदर कुछ इस प्रकार से दबाव बनता है कि वे किसी थैले की तरह लटक जाते हैं। इनके दिखाई देने पर अक्‍सर तूफान आते हैं, भारी बार‍िश और बिजली गिरती है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(पेरिस) क्रिस्टीज ने 97 करोड़ रुपये में नीलाम की अल्बर्ट आइंस्टीन की लिखी दुर्लभ पांडुलिपि
पेरिस (ईएमएस)। पेरिस (ईएमएस)। प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की दुर्लभ पांडुलिपि को 1.17 करोड़ यूरो (लगभग 1.3 करोड़ डॉलर) में नीलामी किया गया है। क्रिस्टीज ने इसे पेरिस में एक खरीदार को बेच दिया। क्रिस्टीज ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि जून 1913 और 1914 की शुरुआत के बीच आइंस्टीन और मिशेल बेसो द्वारा हाथ से लिखी 54 पेजों की थ्योरी सामान्य सिद्धांत के सापेक्षता के विकास में महत्वपूर्ण थी।
यह उस सिद्धांत को जीवित रखने के लिए एक दस्तावेज है जो वैज्ञानिक क्रिस्टीज को आकर्षित करता है। उन्होंने इसके मूल्य का अनुमान 24 लाख से 35 लाख डॉलर के बीच लगाया था। आइंस्टीन-बेस्सो पांडुलिपि को 1913 से 1914 में स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में 34 साल के आइंस्टीन और उनके स्विस इंजीनियर दोस्त मिशेल बेसो ने हाथ से लिखा था। नवंबर 1915 में प्रकाशित आइंस्टीन के सापेक्षता के प्रसिद्ध सिद्धांत ने 20वीं शताब्दी के दौरान सैद्धांतिक भौतिकी और खगोल विज्ञान की पूर्व प्रचलित मान्यताओं को पूरी तरह से बदल दिया है।
नीलामी कर रहे हाउस का कहना है कि आइंस्टीन-बेस्सो पांडुलिपि के आधार पर ही सापेक्षता के सिद्धांत का जन्म हुआ था। ऐसे में यह पाडुलिपि 20वीं शताब्दी के उस महानतम वैज्ञानिक के दिमाग के बारे में आकर्षक जानकारी दे सकती है। इस पांडुलिपि में लिखे समीकरण उस समय समस्या को हल करने में विफल रहे थे, लेकिन बाद के दिनों में जब उनमें सामान्य सुधार किए गए तब उन्हें सापेक्षता का सिद्धांत मिल गया।
क्रिस्टी ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह नीलामी में आने वाली अबतक की सबसे मूल्यवान आइंस्टीन पांडुलिपि है। यह पहली बार नहीं है, जब आइंस्टीन की पांडुलिपियों को नीलामी के लिए रखा गया है। 2002 में उनकी एक पांडुलिपि 559,500 डॉलर में बिकी थी। सापेक्षता का सिद्धांत या थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी आधुनिक भौतिक विज्ञान का बुनियादी सिद्धांत है। 1906 में आइंस्टीन ने चार शोधपत्र निकाले, इनमें से ही एक था-ऑन दी इलेक्ट्रो-डायनोमिक्स ऑफ मूविंग बॉडीज। इस पेपर में ही सापेक्षता के विशेष सिद्धांत का जिक्र किया गया था। लेकिन, भौतिक विज्ञान में उनके इस सिद्धांत को 1909 में मान्यता मिली। उन्होंने 1915 में सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत को प्रस्तुत कर तहलका मचा दिया था।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

(फोटो-ईएमएस) मैक्सिको में वीजा नहीं दिये जाने पर विरोध करते हुए विस्थापित।

(लंदन) 52 साल की महिला का दावा, नियमित सेक्स ने बचाई जान
-पति ने फिर डॉक्टर ने बताया दोनों ब्रेस्ट में कैंसर गांठ बन रही थी
लंदन(ईएमएस)। करीब 52 साल की उम्र में भी नियमित रूप से सेक्स करना एक महिला के लिए फायदेमंद साबित हो गया। एक्टिव सेक्स लाइफ की वजह से उन्हें वक्त रहते एक बड़ी बीमारी का पता चल गया, जिससे उनकी जान जाते-जाते बच गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीना और डेज इस उम्र में भी सेक्सुअली काफी एक्टिव हैं। मेनोपॉज के बाद कपल को प्रेग्नेंसी का डर खत्म हो गया, जिसके बाद दोनों और करीब आ गए हैं। महिला को एक दिन अपने ब्रेस्ट में कुछ अजीब सा गांठ जैसा महसूस हुआ। उसने पति से पूछा कि यह कोई नई गांठ है या पहले जैसा ही सब नॉर्मल है। पति ने बताया कि यह गांठ जैसी लग रही है।
इसके बाद दोनों पति-पत्नी डॉक्टर के पास गए। वहां मेडिकल चेक अप में पता चला कि टीना ग्रे के दोनों ब्रेस्ट में गांठ बन रही थी। इनमें से एक गांठ छोटी और दूसरी बड़ी थी। डॉक्टरों के मुताबिक ये कैंसर की गांठ थी। टीना ने कहा कि सेक्सुअली एक्टिव होने की वजह से उन्हें इस खतरनाक बीमारी का वक्त रहते पता चल गया। जिसके चलते डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू कर दिया। महिला का ब्रेस्ट कैंसर स्टेज थ्री में पहुंच चुका था। ऐसे में मरीज का बचना मुश्किल होता है। इसके बावजूद डॉक्टरों ने महिला की सर्जरी कर उसकी गांठ को निकाल दिया, जिससे उसकी जान बच गई। टीना कहती हैं कि उन्हें यह जिंदगी पति डेज और ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस की वजह से मिली है। यौन सक्रिय होने की वजह से पति ने गांठ को तुरंत पहचान लिया। अगर ऐसा नहीं होता तो वह दुनिया में जीवित नहीं रह पाती।
पवन सोनीध्ईएमएस 22 नवंबर 2021

(जागरेब) तलाक हुआ तो महिला ने अपने डॉग से ही कर ली शादी
-शादी में 200 लोग हुए शामिल, कहा- इसके साथ मैं ज्यादा खुश
जागरेब(ईएमएस)। क्रोएशिया में रहने वाली एक महिला ने अपने जीवनसाथी से तलाक के बाद दूसरी शादी रचाई, लेकिन इस बार किसी इंसान से नहीं बल्कि अपनी फीमेल डॉग से। धूमधाम से हुई इस शादी में करीब 200 लोगों ने हिस्सा लिया। 47 साल की अमांडा रेजार्स का कहना है कि इस शादी से वो बेहद खुश हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें एक लाइफ पार्टनर में जो कुछ भी चाहिए, वो सब शेबा (फीमेल डॉग) में मिल गया है।
तलाक के बाद काफी महीनों तक अमांडा रेजार्स अकेली रहीं। अब वो अपने नए पार्टनर शेबा के साथ बेहद खुश है। रेजार्स का कहना है कि शेबा उन्हें अपने पहले पति से ज्यादा खुश रखती है। उन्होंने अपनी डॉग के साथ पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी की और उसे चूमते हुए अपना पार्टनर माना। अमांडा रेजार्स ने कहा, ‘वह मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। वो मुझे हंसाती है, खुश रखती है और जब मैं परेशान हो जाती हूं, तो मुझे सहारा भी देती है। अमांडा रेजार्स का कहना है कि बचपन से ही वो खुद को दुल्हन के लिबास में देखना चाहती थीं। दूसरी बार अपना सपना पूरा करने के लिए उन्होंने दुल्हन की पोशाक खुद डिजाइन की। उन्होंने कहा, ‘शेबा से शादी करना बेहद ही सुखद अहसास है, वो मुझे कभी तंग नहीं करती, मेरा काफी ख्याल रखती हैश्। एक टीवी शो में आमांडा ने बताया कि उनकी डॉग जब दो महीने की थी तभी से उन्हें उससे प्यार हो गया था। उसी समय उन्हें यकीन हो गया था कि वो एक दिन जरूर एक हो जाएंगे। टीवी शो के दौरान जब लोगों ने अमांडा से पूछा कि डॉग पालने के बाद उससे शादी करने का ख्याल कैसे आया? तो उन्होंने कहा कि प्यार कई तरह के होते हैं, लेकिन मेरा और शेबा का रिश्ता बहुत गहरा है और वो अपने इस नए रिश्ते को लेकर बेहद उत्सुक हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह रिश्ता समय के साथ और भी गहरा होगा।
पवन सोनीध्ईएमएस 22 नवंबर 2021

(लंदन) पार्किंग के झगड़े में बच्चों के सामने मां-बाप को मार डाला
-कपल की हत्या के बाद वहां से हो गए फरार बेकाबू आरोपी
लंदन(ईएमएस)। बढ़ती आबादी, बढ़ते वाहनों के साथ-साथ पार्किंग एक बड़ी समस्या बन गई है। इंग्लैंड के एक गांव में भी पार्किंग को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ, जो हत्या पर जाकर खत्म हुआ। एक कपल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। जिस दौरान, यह वारदात हुई कपल के बच्चे घर में ही मौजूद थे। अपनी आंखों के सामने अपने पैरेंट्स को मरता देखकर बच्चे गहरे सदमे में हैं। समरसेट के नॉर्टन फिट्जवॉरेन निवासी 36 वर्षीय स्टीफन चैपल और उनकी पत्नी जेनिफर को 21 नवंबर की रात मौत के घाट उतार दिया गया। दोनों का पास ही में रहने वाले एक युवक के साथ पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था। वारदात वाले दिन आरोपी युवक अपने एक साथी के साथ वहां पहुंचा था। जब दोनों पक्षों में कहासुनी हुई तो आरोपी बेकाबू हो गए और कपल की हत्या के बाद वहां से भाग निकले।
कपल का पार्किंग को लेकर काफी समय से आरोपियों से विवाद चल रहा था। हालांकि, किसी ने नहीं सोचा था कि बात इतनी बढ़ जाएगी। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। कपल को बुरी तरह से घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन इलाज से पहले ही उनकी मौत हो गई। वारदात के वक्त बच्चे भी घर में मौजूद थे, मगर आरोपियों ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। पड़ोसियों का कहना है कि कपल बेहद मिलनसार था। स्टीफन चैपल पेशे से टीचर थे और उनकी वाइफ घर पर ही रहती थीं। दोनों को कभी किसी ने बेवजह लड़ते हुए नहीं देखा। बीते कुछ समय से उनका पार्किंग को लेकर विवाद चल रहा था और इस मामले में एक बार पुलिस को भी बुलाया गया था। उस वक्त तो सब कुछ ठीक हो गया, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से विवाद होने लगा।
पवन सोनीध्ईएमएस 22 नवंबर 2021

रंगसंसार
(रंग संसार) थैंक गॉड 29 जुलाई को होगी रिलीज
अजय देवगन, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह स्टारर लॉन्ग अवेटेड फिल्म श्थैंक गॉडश् अगले साल रिलीज होगी। फुल एंटरटेन करने वाली इस फिल्म एक मैसेज भी होगा जो अगले साल 29 जुलाई 2022 को रिलीज होगी। डायरेक्टर इंद्र कुमार की ये फ्रेश और रिलेटबल कहानी न केवल आपको गुदगुदाएगी बल्कि अंत में एक सुंदर संदेश भी देगी। फिल्म टी-सीरीज फिल्म्स और मारुति इंटरनेशनल प्रोडक्शन के बैनर के साथ बनाई जा रही है। इसके प्रोड्यूसर भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, अशोक ठकेरिया, सुनीर खेतरपाल, आनंद पंडित हैं। टी-सीरिज ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से फिल्म की रिलीज डेट अनाउंस की है।

-मोहित मारवाह की पत्नी ने बेटी संग शेयर की उनकी फोटो
एक्टर मोहित मारवाह और उनकी पत्नी अंतरा मोतीवाला पिछले महीने एक बच्ची के माता-पिता बने हैं। अंतरा ने सोशल मीडिया पर फोटोज शेयर किया है। जिसमें मोहित अपनी बेटी को पकड़े हुए है, जिसका नाम उन्होंने थिया रखा है। उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ष्तुम्हें प्यार करते हुए आज एक महीना 20.10.2021 हो गया।” इसके साथ ही उन्होंने दिल और बुरी नजर से बचने वाले इमोजी लगाए हैं। मोहित के परिवार के कई फैमिली मेंबर्स ने पोस्ट पर प्यार बरसाया है। उनके कजन सोनम कपूर, रिया कपूर, शनाया कपूर और खुशी कपूर ने कमेंट में दिल वाले इमोजी पोस्ट किए।

-विरुष्का ने सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो, अनुंष्का बोलीं-आप अद्भुत व्यक्ति हैं
सेलिब्रिटी कपल विराट कोहली और अनुष्का शर्मा, जिन्हें उनके फैंस प्यार से विरुष्का बुलाते हैं। इस कपल की सोशल मीडिया पर एक बहुत ही प्यारी फोटो वायरल हो रही है, जिसे विराट ने रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर कैप्शन में ष्माई रॉक ❤️ष् लिखा। वहीं अनुष्का ने लिखा, आपका कोर ईमानदारी और स्टील की हिम्मत से बना है। साहस जो संदेह को विस्मृति में बदल देता है। मैं किसी को नहीं जानती जो आप जैसी अंधेरी जगह से खुद को उठा सकता है। आप हर तरह से बेहतर हैं, क्योंकि आप अपने अंदर किसी भी चीज को स्थायी नहीं मानते और निडर हैं। मुझे पता है कि हम सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह एक-दूसरे से बात करने वाले नहीं हैं, लेकिन कभी-कभी मैं सिर्फ चीख कर दुनिया को बताना चाहता हूं कि आप कितने अद्भुत व्यक्ति हैं। ️ किस्मत वाले हैं वे जो रियल में आपको जानते हैं।

-जय भीम के डायरेक्टर टीजे ज्ञानवेल ने वन्नियार समुदाय से बिना शर्त माफी मांगी
जय भीम पर चल रहे मौजूदा विवाद के बीच फिल्म के डायरेक्टर ने एक स्टेटमेंट जारी किया। डायरेक्टर टीजे ज्ञानवेल ने अपने बयान में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के सदस्यों के लगाए उन आरोपों पर लिखा है जिनमें यह कहा गया था कि फिल्म के कुछ दृश्य वन्नियार समुदाय के खिलाफ हैं। टीजे ने कहा कि किसी विशेष समुदाय को बदनाम करने का उनका इरादा कभी नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि विवाद के लिए सूर्या को दोष देना पूरी तरह अनुचित है। सूर्या, लिजोमोल जोस और मणिकंदन स्टारर जय भीम का प्रीमियर अमेजन प्राइम वीडियो पर 2 नवंबर को हुआ। रिलीज के बाद से ही फिल्म कई विवादों में आ गई। वन्नियार संगम ने समुदाय को बदनाम करने के लिए सूर्या, ज्योतिका, टीजे ज्ञानवेल और अमेजन प्राइम वीडियो को कानूनी नोटिस भेजा। दरअसल फिल्म में बैकग्राउंड में श्अग्नि कुंडमश् की तस्वीर वाला एक कैलेंडर दिखाई देता है। संयोग से, अग्नि कुंडम एक प्रतीक है जो वन्नियार संगम और समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है।
सिद्वार्थ शंकर, 23 नवम्बर, 2021 (ईएमएस)

खुली सड़क पर नेहा कक्ड़ ने पति किया लिपलॉक
-तस्वीरें इंटरनेट पर हुईं वायरल, रोहनप्रीत ने भी दी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली(ईएमएस)। बॉलीवुड की लोकप्रिय प्लेबैक सिंगर नेहा कक्कड़ की कुछ ताजा तस्वीरें इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में नेहा कक्कड़ रेड ड्रेस में एफिल टॉवर के सामने खड़ी नजर आ रही हैं। इन फोटोज में नेहा कक्कड़ और उनके पति रोहनप्रीत सिंह खुलेआम सड़क पर एक दूसरे के साथ कोजी होते दिखाई पड़ रहे हैं। नेहा कक्कड़ और रोहनप्रीत सिंह खुलेआम सबके सामने एक दूसरे को लिपलॉक करते दिख रहे हैं। एक्ट्रेस ने खुद इन तस्वीरों को अपने वैरिफाइड इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। इन फोटोज को शेयर करते हुए नेहा कक्कड़ ने लिखा, श्मोहब्बत का शहर पैरिस बहुत खूबसूरत लगता है। लेकिन सिर्फ तब जब तुम मेरे साथ होते हो, तुम्हारे बिना नहीं।श्
इस खूबसूरत से कैप्शन के साथ नेहा कक्कड़ ने तस्वीरों में अपने पति रोहनप्रीत को टैग किया है। इन तस्वीरों पर नेहा कक्कड़ के पति ने भी कॉमेंट करके अपनी प्रतिक्रिया दी है। रोहनप्रीत ने लिखा, श्मैं तुम्हें सबसे ज्यादा प्यार करता हूं मेरी जान।श् नेहा के भाई टोनी कक्कड़ ने इन तस्वीरों को फोटो ऑफ द ईयर करार दिया है और हर्ट इमोजी बनाया है। नेहा कक्कड़ और रोहनप्रीत के साथ में कई गाने रिलीज हो चुके हैं। दोनों ने साथ में जितने भी गाने गाए हैं तकरीबन वो सभी गाने सुपरहिट रहे हैं। बीते कुछ दिनों में नेहा कक्कड़ ने अलग तरह के जॉनर में भी कोशिश की है। हालांकि हनी सिंह के साथ उनका गाना कांटा लगा उस हद तक कामयाब नहीं रहा था।
पवन सोनीध्ईएमएस 22 नवंबर 2021

प्रियंका चोपड़ा के पति को है टाइप-1 डायबिटीज की बीमारी
-डॉक्टर के पास नहीं है इलाज, पीसी ने प्यार वाली इमोजी बनायी थी
नई दिल्ली(ईएमएस)। प्रियंका चोपड़ा जोंस और निक जोंस एक बार फिर चर्चा में है। जिसके पीछे का कारण इंस्टाग्राम पर प्रियंका का अपने नाम से जोंस हटा लेना है। लेकिन इसके कुछ दिन पहले ही निक जोंस ने इंस्टाग्राम पर ही अपनी गंभीर बीमारी के बारे में राज खोला था। जिसका इलाज डॉक्टर के पास भी नहीं है। उन्होंने बताया था कि 16 साल पहले उन्हें अपनी टाइप-1 डायबिटीज के बारे में पता चला था। जिस से लड़ने में उनके सपोर्ट सिस्टम ने उनकी मदद की। इस पोस्ट पर उनकी पत्नी पीसी ने प्यार और तारीफ वाली इमोजी से रिएक्ट किया था।
जब पैंक्रियाज में मौजूद सेल्स को इम्यून सिस्टम गलती से नष्ट करने लगता है, तो शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन का स्तर कम होने लगता है। क्योंकि, यही सेल्स इंसुलिन हॉर्मोन का निर्माण करती हैं। इस स्थिति में पैंक्रियाज कम या ना के बराबर इंसुलिन उत्पादित करने लगता है। चूंकि, यह डायबिटीज आमतौर पर किशोरों में होती है, इसलिए इसे जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है। मायोक्लीनिक के मुताबिक, टाइप-1 डायबिटीज में बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बच्चों जैसे बिस्तर गीला करना, अत्यधिक भूख लगना, अचानक वजन घटना, थकान और कमजोरी, चिड़चिड़ापन, नजर धुंधली होना, आदि के लक्षण और संकेत हो सकते हैं। मायोक्लीनिक कहता है कि, कई रिसर्च के बावजूद टाइप-1 डायबिटीज का कोई इलाज डॉक्टर के पास नहीं है। जिसके कारण इंसुलिन इंजेक्शन, डाइट और लाइफस्टाइल की मदद से ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने की कोशिश की जाती है। वरना, इसके कारण दिल की बीमारी, किडनी डैमेज, नर्व डैमेज, आई डैमेज आदि समस्याएं हो सकती हैं।
पवन सोनीध्ईएमएस 22 नवंबर 2021

कैटरीना-विक्की के बाद अब रकुल प्रीत सिंह भी कर सकती हैं शादी
-एक्ट्रेस ने अपने बर्थडे पर जैकी भगनानी संग रिलेशनशिप को शेयर किया था
नई दिल्ली(ईएमएस)। बॉलीवुड में शादियों का सीजन चल रहा है। कई बॉलीवुड कपल की शादी हो चुकी है और कइयों की होने वाली है और इस लिस्ट में अब जल्द ही एक और कपल का नाम जुड़ने वाला है। इस जोड़ी ने हाल ही में अपने प्यार का इजहार किया और लोगों को चैंका दिया और अब खबर आ रही है कि दोनों जल्द शादी कर सकते हैं। बीते दिन आदित्य सील और अनुष्का रंजन शादी के बंधन में बंध गए। इससे पहले राजकुमार राव और पत्रलेखा ने भी एक दूसरे के साथ सात फेरे लिए। ऐसे में अब सभी की निगाहें बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह की शादी पर टिकी हुई है। एक्ट्रेस ने पिछले महीने अपने बर्थडे पर एक्टर जैकी भगनानी संग अपने रिलेशनशिप को इंस्टाग्राम ऑफिशियल किया था।
हाल ही में बातचीत में रकुल ने रिश्ते को पब्लिक करने के फैसले के बारे में कहा कि मैंने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में की क्योंकि मुझे ये सब करना था। उन्होंने कहा, श्मैं उन चीजों को सुनना पसंद करती हूं जिन्हें मैं सुनना चाहती हूं। मैं चीजों से प्रभावित नहीं होना चुनती हूं। मैंने पर्सनल लाइफ के बारे में बात की क्योंकि मुझे लगा कि यह अच्छा होगा और मैं इसे शेयर करना चाहती हूं। रकुल ने बताया कि कैसे एक सेलेब की निजी जिंदगी हमेशा सुर्खियों के घेरे में रहती है। एक्ट्रेस ने कहा, श्एक सेलेब का जीवन हमेशा चर्चा के दायरे में होता है और ये एक पब्लिक फिगर होने का दूसरा पहलू है। मेरे आस-पास का शोर मुझे परेशान नहीं करता है। मैं कैमरे के सामने अपना काम करती हूं और ऑफ कैमरा मेरी खुद की पर्सनल लाइफ है। रकुल प्रीत सिंह ने कहा, श्जब भी मेरी शादी होगी तो बाकी चीजों की तरह मैं इसे भी सबके साथ शेयर करूंगी। फिलहाल मैं अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं और मुझे लगता है अभी यही ठीक रहेगा।श्
पवन सोनीध्ईएमएस 22 नवंबर 2021

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