राकेश बिष्ट ने शिक्षक की नौकरी छोड़कर फूलों की खेती शुरू की. उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर नर्सरी स्थापित की और 30 से अधिक युवाओं को रोजगार दिया. उनकी सफलता ने उत्तराखंड के युवाओं के लिए स्वरोजगार की नई राहें खोलीं.
शिक्षक की नौकरी छोड़ी… फूलों से रच दी नई कहानी: राकेश बने पहाड़ के लिए मिसाल
