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Thursday, April 24, 2025

Chardham Yatra: 2025 में, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी की एक रेल लाइन बनाई जाएगी, जिससे लोग चार धामों को ट्रेन से जा सकेंगे।

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2025 में आप ट्रेन से चार धाम घूम सकेंगे। रेलवे की चारधाम परियोजना के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को रेलवे से जोड़ने का काम तेजी से हो रहा है। पिछले दिनों रेलवे बोर्ड की सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने इसका निरीक्षण किया था।

इस परियोजना में 327 किमी का रेलवे ट्रैक तैयार किया जाना है। तीन चरणों में बंटी इस परियोजना को रेलवे 2025 तक पूरा करने की दावा कर रही है। इसकी शुरुआत मुरादाबाद रेल मंडल से काफी पहले हो चुकी है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है।

सुरंगों को मौसम प्रतिरोधी बनाने के लिए अब फिनिशिंग किया जा रहा है। यहां भारी बारिश और भूकंप भी नहीं होंगे। रेलवे प्रशासन का कहना है कि काम पूरा होने के बाद ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की दूरी लगभग डेढ़ से दो घंटे में पूरी हो जाएगी। यह ट्रैक ऐसा बनाया जा रहा है कि ट्रेन 100 km/h की रफ्तार से दौड़ सके।

चारधाम की यात्रा करने में जहां लोगों को 15 दिन लग जाते थे। वहीं रेलवे की इस परियोजना के पूरा होने के बाद यह यात्रा चार से से पांच दिन में हो जाएगी।105 किमी हिस्से में सिर्फ सुरंगें 

इस परियोजना में 153 किमी का रेल रूट मुरादाबाद मंडल में आता है। इसमें से 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी। इस लाइन के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

जिसमें कुछ रेलवे स्टेशनों व सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना को विस्तार देकर बदरीनाथ और केदारनाथ तक बढ़ाया जाएगा। 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी।
12 नए स्टेशन, देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग बनेगी

इस रेखा में कुल बारह स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनमें योग नगरी ऋषिकेश, मुनि की रेती, शिवपुरी, मंजिलगांव, साकनी, देवप्रयाग, कीर्ति नगर, श्रीनगर, धारीदेवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर और कर्णप्रयाग शामिल हैं। ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच एक सुरंग विदेशी तकनीक से बनाई जाएगी।

जिस तकनीक से स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया के बर्फीले पहाड़ों में रेल सुरंग बनाए जाते हैं उसी तकनीक से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग मार्ग पर 17 सुरंग बनाए जाएंगे। ऋषिकेश से 48 किमी दूर 15 किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी। निर्माण पूरा होने पर यह देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग होगी। गढ़वाल हिमालय में स्थित चार धाम मंदिरों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को रेलवे से जोड़ना इस परियोजना का उद्देश्य है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। रेलवे बोर्ड की सीईओ ने इसे नजदीक से देखा है। सुरंगों में रेल लाइन बिछाने व अन्य कार्य चल रहा है। रेलवे का लक्ष्य 2025 तक इस रूट पर ट्रेनों को शुरू करना है। – राजकुमार सिंह, डीआरएम

 

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