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Saturday, November 15, 2025

यूपी: करीब छह घंटे तक चली थी तलाशी तीन जवान निलंबित

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अब 35वीं वाहिनी पीएसी परिसर की बैरक में एक युवा को अगवा कर बंधक बनाकर पीटने के मामले में पीएसी के तीन जवानों को निलंबित किया गया है। उस रात वे सभी अलग-अलग गेट पर काम कर रहे थे। तलाशी के दौरान, खिलाड़ियों के ठहरने वाले बैरकों से भारी मात्रा में दवाएं और इंजेक्शन बरामद हुए हैं। उन्हें पकड़ा गया है और पीएसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मेरठ पुलिस के दो सिपाही, विशाल चौहान और विशांत राणा, अच्छी तरह से खेलते हैं। 35 वीं वाहिनी पीएसी ने खेल प्रतियोगिता में भाग लिया। दोनों यहीं ठहरे रहे। 13 अप्रैल की रात को दोनों चारबाग चले गए। यहाँ पर कैंट के एक युवा फैज से कुछ बहस हुई। उसे अगवा कर पीएसी परिसर में ले जाया गया। यहां उसके बाल काट दिए गए और बैरक में जमकर पीटा गया। महानगर थाने में दोनों सैनिकों सहित 15 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। सिपाहियों पर शांतिभंग का आरोप लगाया गया था। पीएसी के तीन कर्मचारियों अभिषेक यादव, शुभम कुमार और कार्तिकेय सिंह को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है। 2021 में तीनों बैच के सिपाही हैं।

इसलिए नपे तीनों जवान
दरअसल, 13 अप्रैल की रात को अभिषेक यादव की गेट नंबर 2 पर रात 12 से 3 बजे तक ड्यूटी थी। वहीं, शुभम की गेट नंबर तीन व कार्तिकेय की गेट नंबर चार रात 10 से 2 बजे तक ड्यूटी थी। आरोपी सिपाही पीएसी परिसर से बाहर गए। युवक को उठाकर भीतर आए और फिर उसको बंधे तक छोड़ने गए, लेकिन किसी भी गेट पर उनकी इंट्री नहीं की गई। इस लापरवाही के लिए इन पर कार्रवाई की गई।

करीब छह घंटे तक चली थी तलाशी
सूत्रों के मुताबिक वारदात के बाद 14 अप्रैल को आईजी पीएस ने उन बैरकों की तलाशी कराई जहां पर खिलाड़ी रुके हैं। बैरकों से शक्तिवर्धक दवाओं के अलावा ऐसे इंजेक्शन बरामद हुए जिनको खिलाड़ी खेल से पहले लेते हैं। सूत्रों का दावा है कि कुछ ड्रग्स भी बरामद हुईं। दवाओं की मात्रा इतनी अधिक थी कि एक छोटा डाला भर गया। तलाशी शाम करीब पांच से रात 11 बजे तक चली थी।

कोच समेत एक दर्जन लोग भी जांच के दायरे में आए
आरोपी सिपाही 13 अप्रैल की रात करीब दो बजे से महानगर पुलिस की हिरासत में थे। पुलिस ने 14 अप्रैल की दोपहर पीएसी के अफसरों को इसकी जानकारी दी। हैरानी की बात ये है कि इस बीच हुई गणना में आरोपी दोनों सिपाहियों की उपस्थिति दर्ज कर दी गई। यदि ऐसा न हुआ होता तो उसी वक्त पकड़ में आ जाता कि दो सिपाही गैर हाजिर हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक कोच समेत करीब एक दर्जन जिम्मेदार जांच के दायरे में हैं।

बयान देने से कतराते रहे अफसर
प्रकरण में बातचीत के लिए आईजी पीएस अपर्णा कुमार से संपर्क किया गया। उनका कहना था कि मामले में 35वीं वाहिनी पीएसी के कमांडेंट बयान दें। कई बार कॉल करने के बाद कमांडेंट अतुल शर्मा ने जब कॉल रिसीव की तो उन्होंने कुछ देर में जानकारी देने की बात कही। बाद में कॉल रिसीव नहीं की। कुल मिलाकर अफसर प्रकरण में बयान देने से कतराते रहे।

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