कुमाऊं मंडल में पिछले चौबीस घंटे में 14 वनाग्नि घटनाओं में 21.47 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया है। मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय से जारी वनाग्नि बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में कुमाऊं मंडल में सिविल वन क्षेत्र और आरक्षित वन क्षेत्र में वनाग्नि की 7 से 7 घटनाएं हुई हैं।
कुमाऊं में पहली नवंबर से अब तक वनाग्नि की 394 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 527 हेक्टेयर जंगल जला गया है। राज्य में अब तक 315 वन अपराध (वनाग्नि) मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 267 अज्ञात और 48 ज्ञात हैं। इन मामलों में अब तक ५२ लोगों को नामजद किया गया है।
बीते कई दिनों से नैनीताल के जंगलों में आग लगने की घटनाए बढ़ी हैं। बीते दिनों हुई बारिश ने लोगों को गर्मी से कुछ राहत दी, लेकिन भारी मात्रा में पिरूल भी गिरा है। अब तक लाखों हेक्टेयर जंगल जला दिए गए हैं, इसलिए वन विभाग को पिरूल उठाने की याद आती है। 120 टन पिरूल जल्द ही जंगलों से निकालने की योजना बनाई गई है। वन विभाग हर साल सड़क किनारे वाले जंगलों से पिरूल उठाता है, जो जंगलों को आग लगने से बचाता है। जिससे जंगलों में आग लगने का खतरा कम रहता है, लेकिन इस वर्ष अप्रैल में ही जंगलों में आग लगने से जंगल राख हो गए।
पिछले दिन की बारिश के बाद सड़कों और जंगलों में फिर से भारी मात्रा में पिरूल गिरा है। जिससे जंगलों में फिर से आग लगने का खतरा बढ़ा है। यह देखते हुए आसपास के जंगलों से पिरूल उठाने का काम शुरू हो गया है। जिससे जंगलों में फिर से आग लगने से रोका जा सके। डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि नैनीताल डिविजन में ग्रामीण महिलाओं से 120 टन पिरूल उठाया जाएगा, एनटीपीसी से चर्चा के आधार पर। ताकि जंगल फिर से आग से बच जाएँ।