पेरिस (ईएमएस)। प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की दुर्लभ पांडुलिपि को 1.17 करोड़ यूरो (लगभग 1.3 करोड़ डॉलर) में नीलामी किया गया है। क्रिस्टीज ने इसे पेरिस में एक खरीदार को बेच दिया। क्रिस्टीज ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि जून 1913 और 1914 की शुरुआत के बीच आइंस्टीन और मिशेल बेसो द्वारा हाथ से लिखी 54 पेजों की थ्योरी सामान्य सिद्धांत के सापेक्षता के विकास में महत्वपूर्ण थी।
यह उस सिद्धांत को जीवित रखने के लिए एक दस्तावेज है जो वैज्ञानिक क्रिस्टीज को आकर्षित करता है। उन्होंने इसके मूल्य का अनुमान 24 लाख से 35 लाख डॉलर के बीच लगाया था। आइंस्टीन-बेस्सो पांडुलिपि को 1913 से 1914 में स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में 34 साल के आइंस्टीन और उनके स्विस इंजीनियर दोस्त मिशेल बेसो ने हाथ से लिखा था। नवंबर 1915 में प्रकाशित आइंस्टीन के सापेक्षता के प्रसिद्ध सिद्धांत ने 20वीं शताब्दी के दौरान सैद्धांतिक भौतिकी और खगोल विज्ञान की पूर्व प्रचलित मान्यताओं को पूरी तरह से बदल दिया है।
नीलामी कर रहे हाउस का कहना है कि आइंस्टीन-बेस्सो पांडुलिपि के आधार पर ही सापेक्षता के सिद्धांत का जन्म हुआ था। ऐसे में यह पाडुलिपि 20वीं शताब्दी के उस महानतम वैज्ञानिक के दिमाग के बारे में आकर्षक जानकारी दे सकती है। इस पांडुलिपि में लिखे समीकरण उस समय समस्या को हल करने में विफल रहे थे, लेकिन बाद के दिनों में जब उनमें सामान्य सुधार किए गए तब उन्हें सापेक्षता का सिद्धांत मिल गया।
क्रिस्टी ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह नीलामी में आने वाली अबतक की सबसे मूल्यवान आइंस्टीन पांडुलिपि है। यह पहली बार नहीं है, जब आइंस्टीन की पांडुलिपियों को नीलामी के लिए रखा गया है। 2002 में उनकी एक पांडुलिपि 559,500 डॉलर में बिकी थी। सापेक्षता का सिद्धांत या थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी आधुनिक भौतिक विज्ञान का बुनियादी सिद्धांत है। 1906 में आइंस्टीन ने चार शोधपत्र निकाले, इनमें से ही एक था-ऑन दी इलेक्ट्रो-डायनोमिक्स ऑफ मूविंग बॉडीज। इस पेपर में ही सापेक्षता के विशेष सिद्धांत का जिक्र किया गया था। लेकिन, भौतिक विज्ञान में उनके इस सिद्धांत को 1909 में मान्यता मिली। उन्होंने 1915 में सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत को प्रस्तुत कर तहलका मचा दिया था।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021
क्रिस्टीज ने 97 करोड़ रुपये में नीलाम की अल्बर्ट आइंस्टीन की लिखी दुर्लभ पांडुलिपि
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