ऋषिकेश। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मां गंगा में अटूट आस्था रखते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में साफ कहा कि मां गंगा के बिना भारत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। राष्ट्रपति लंबे समय से परमार्थ निकेतन की विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती के दर्शन के अभिलाषी थे। परमार्थ निकेतन घाट से मां गंगा के विराट रूप के दर्शन होते हैं। राष्ट्रपति गंगा आरती के बाद काफी देर तक मां गंगा शांत लहरों को निहारते रहे। उनके चेहरे पर इस बात की संतुष्टि थी कि आखिरकार वे ऋषिकेश में मां गंगा की भव्य आरती के दर्शन कर पाए।
स्वार्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन की गंगा आरती देश विदेश में प्रसिद्ध है। विभिन्न देशों के राजनयिक, राजनीतिक हस्तियां, प्रसिद्ध कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता गंगा आरती को देखने के लिए ऋषिकेश आते हैं। वहीं हर साल देश विदेश के हजारों लोग शांति और अध्यात्म की खोज में परमार्थ निकेतन पहुंचते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी पिछले चार सालों से परमार्थ घाट पर होने वाली गंगा आरती के दर्शन के इच्छुक थे। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान स्वयं यह बात कही। साल 2019 में प्रयागराज कुंभ के दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने राष्ट्रपति को परमार्थ निकेतन आने का निमंत्रण दिया था। राष्ट्रपति ने भी पूरा मन बनाया था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते उनकी हसरत पूरी नहीं हो पाई, लेकिन आखिरकार मां गंगा ने राष्ट्रपति को परिवार सहित बुलाया और उन्होंने ऋषिनगरी में मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त किया।