Sunday, May 19, 2024
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गठिया रोग और यूरिक एसिड की तकलीफ यूं करे दूर अपनाए निज़ात पाने के ये घरेलू उपाय

यूरिक एसिड का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार :

1-रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले शरीर में जमा यूरिक एसिड को घुलाकर शरीर से बाहर निकालने वाले पदार्थ जैसे- पोटाशियम प्रधान खाद्य पदार्थ लौकी, तरबूज, ककड़ी, खीरा, पत्तागोभी, पालक, सफेद पेठा आदि के रस को प्रतिदिन पीना चाहिए और फिर उपवास रखना चाहिए।

2-इस रोग से पीड़ित रोगी को लहसुन अधिक खाने चाहिए।

3-सुबह के समय में अंकुरित मेथीदाना तथा शहद का सेवन करने से यूरिक एसिड कम हो गठिया रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

4- गठिया रोग से प्रभावित भाग पर नारियल या सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से जोड़ों की अकड़न कम हो जाती है और दर्द भी कम हो जाता है।

5- रोगी को 1 चुटकी हल्दी खाकर ऊपर से पानी पीने से दर्द में आराम मिलता है।

6-इस रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि हारसिंगार की 4-5 पत्तियों को पीसकर 1 गिलास पानी में मिलाकर सुबह तथा शाम लगातार 2-3 सप्ताह तक पिये तो उसका यूरिक एसिड कम हो गठिया रोग जल्दी ठीक हो जाता है।

7-यूरिक एसिड की बढ़ी हुयी मात्रा कम करने के लिए कई आसन हैं जिन्हें प्रतिदिन करने से गठिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है ये आसन इस प्रकार हैं- पद्मासन, वज्रासन, उज्जायी, सूर्यभेदी, प्राणायाम, भस्त्रिका-नाड़ीशोधन, सिद्धासन, गोमुखासन, गोरक्षासन, सिंहासन तथा भुजंगासन आदि।

यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए क्या नहीं

• रोगी को संतुलित, आसानी से पचने वाला भोजन खाना चाहिए जैसे चोकर युक्त आटे की रोटी, छिलके वाली मूंग की दाल खाएं।
• सब्जियों में सहिजन, मेथी, सरसों का साग, लौकी, तुरई, पत्ता गोभी, परवल, अजमोद,आलू, अदरक, करेला, लहसुन का सेवन करें।
• डेयरी पदार्थ जैसे दूध और दूध से बने उत्पाद कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। इन्हें ले सकते है लेकिन बेहतर यह होगा की आप इस रोग में दूध दही भी कम मात्रा में ही लें।
• कैल्शियम की पूर्ति फलों और सब्जियों से करें।
• रोगी बादाम, अखरोट, काजू, मूंगफली आदि भी खाएं।
• चाय में ग्रीन टी और तुलसी की चाय ।
• इस रोग में हींग, शहद, अश्वगंधा और हल्दी भी लाभकारी है।

यूरिक एसिड में क्या नहीं खाना चाहिए / परहेज :

• यूरिक एसिड बढ़ने पर बासी, गरिष्ठ, घीतेल में तले हुए, अचार, मिर्च मसालेदार भोजन न खाएं। इस रोग में गैस पैदा करने वाले खट्टी व ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए।
• सॉफ्ट ड्रिक और मैदे से बनी चीजे, डिब्बा बंद भोजन, फ्रोजन सब्जियां और जंक फूड, नही लेने चाहिए।
• गठिया रोग में रात या शाम के समय दही, छाछ, लस्सी आदि का परहेज रखें ।
• रोगी खटाई युक्त चीजें कच्चा आम, इमली, सिरका आदि का सेवन न करें।
• कॉफी, चाय और सोडा ड्रिक में कैफीन होती है। कैफीन शरीर में कैल्शियम का एब्जाब्शन रोकती है, जिससे हडियों को नुकसान हो सकता है। इसलिए शरीर में ज्यादा कैफीन नहीं जानी चाहिए।
• ज्यादा एल्कोहल यानी शराब भी हमारी हड़डियों को नुकसान पहुचाती है ।

यूरिक एसिड में इन बातों का भी रखें ख्याल :

• नियमित टहलना, घूमनाफिरना, व्यायाम एवं मालिश करें।
• सीढ़ियां चढ़ते समय, घूमनेफिरने जाते समय छड़ी का प्रयोग करें।
• रोगी ठंडी हवा, नमी वाले स्थान व ठंडे पानी के संपर्क में न रहें।
• रोगी घुटने के दर्द में पालथी मार कर न बैठे एवं अधिक आराम करने की भी आदत न डालें।
• दर्द निवारक दवाओं की आदत न डालें।

गठिया रोगी ये करे उपाय

  1. मूली : मूली के रस में 10-12 बूंद लहसुन का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से जोड़ों के दर्द मे लाभ मिलता है।
    जोड़ों के, कंधे के और घुटने के दर्द में मूली का सेवन करने से हडि्डयों की जकड़न खुल जाती है।

2 अदरक : अदरक के 500 मिलीलीटर रस और 250 मिलीलीटर तिल के तेल को एक साथ मिलाकर आग पर पकाएं। जब रस जलकर खत्म हो जाए तो इस तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश करने से जोड़ो की सूजन में बहुत लाभ होता है। अदरक के रस में नारियल का तेल भी पकाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। अदरक को पीसकर जोड़ो की सूजन और पैरों के जोड़ों पर लेप करने से सूजन और दर्द जल्दी ठीक हो जाते हैं।

  1. सोंठ : 10 ग्राम सोंठ को 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर ठण्डा होने पर शहद या शक्कर के साथ मिलाकर सेवन करने से गठिया रोग में होने वाला घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है। 1 चम्मच सोंठ और आधा टुकड़ा जायफल को एकसाथ पीसकर तिल के तेल में मिलाकर इसमें कपड़ा भिगोकर जोड़ों पर पट्टी बांधने से जोड़ो के दर्द में आराम होता है। 3 ग्राम सोंठ को 3 ग्राम कचूर के साथ मिलाकर पीस लें। पुनर्नवा के 100 मिलीलीटर काढ़े के साथ इस चूर्ण को खाने से गठिया (घुटनों का दर्द) रोग से ग्रस्त रोगी को लाभ मिलता है। आधा कप अजवायन के रस में पानी मिलाकर रोजाना सुबह-शाम भोजन करने के बाद लगातार 15 दिन तक सेवन करने से गठिया के रोग में हडि्डयों में कमजोरी के कारण उत्पन्न दर्द दूर हो जाता है। सोंठ और हरड़ का चूर्ण अथवा सोंठ और गिलोय का चूर्ण बनाकर खाने से गठिया का रोग नष्ट हो जाता है तथा दर्द में आराम मिलता है। सोंठ को फेंटकर प्रतिदिन रात को सोते समय सेवन करने से गठिया के रोगी को आराम मिलता है।

सोंठ और जायफल को 10-10 ग्राम की मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर 75 मिलीलीटर तिल के तेल के साथ मिलाकर गर्म कर लें। फिर इस तेल के जल जाने पर ठण्डा करके छान लें। इस तेल की जोड़ों पर मालिश करने से गठिया रोग में होने वाला दर्द जल्दी ठीक हो जाता है।

घुटने के दर्द को नष्ट करने के लिए


10 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम कालीमिर्च, 5 ग्राम बायबिडंग और 5 ग्राम सेंधानमक को एकसाथ मिलाकर कूटकर और पीसकर चूर्ण बनाकर 1 छोटी बोतल में भर लें। इस चूर्ण में आधा चम्मच शहद मिलाकर चाटने से गठिया रोग से ग्रस्त रोगी का दर्द दूर हो जाता है। 10 ग्राम सोंठ और 10 ग्राम अजवायन को 200 मिलीलीटर सरसों के तेल में डालकर आग पर गर्म कर लें। सोंठ और अजवायन भुनकर जब लाल हो जाए तो तेल को आग से उतार लें। यह तेल सुबह-शाम दोनों घुटनों पर मलने से रोगी के घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।

  1. कलौंजी : 1 चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और 2 चम्मच शहद को मिलाकर दिन में 2 बार सुबह खाली पेट और रात में सोते समय रोगी को पिलाने से गठिया रोग में आराम मिलता है। मोटी-मोटी कुटी हुई 1 चम्मच दानामेथी में 21 दाने कलौंजी के मिलाकर सुबह खाली पेट तथा रात को सोते समय ठंडे पानी से रोजाना फंकी लेने से घुटनों के दर्द में आराम होता है।
  2. गिलोय : 2 से 4 ग्राम गिलोय के चूर्ण को दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया और मूत्र की अम्लता का रोग ठीक हो जाता है। गिलोय और सोंठ को बराबर मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बनाकर पीने से पुराने से पुराने गठिया रोग में आराम मिलता है।
  3. लहसुन : लहसुन की कलियों को शुद्ध घी में तलकर रोजाना खाने से आमवात या गठिया का दर्द दूर हो जाता है। लहसुन के रस की 10 से 30 बूंदों को 2 से 3 ग्राम शहद के साथ सेवन करने से गठिया (घुटनों का दर्द) का दर्द दूर हो जाता है। लहसुन को सरसों के तेल में पकाकर गठिया रोग से ग्रस्त अंगों पर मालिश करने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है। भोजन के साथ लहसुन खाने से कुछ दिनों में ही घुटनों का दर्द दूर हो जाता है

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

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