टिहरी: कहते है न कुछ करने की चाह हो तो आप हर मंजिल पा सकते है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है टिहरी की बेटी श्वेता भट्ट कुकरेती ने। जहां बेटियों को ये कहा जाता है कि उन्हें सिर्फ घर संभालना है वहीं बेटियां अपनी मेहनत और प्रतीभा ये साबित कर रही है कि वह किसी से कम नहीं। इसी कड़ी में प्रदेश का नाम करने वालों की फहरिस्त में डॉ. श्वेता भट्ट कुकरेती का नाम जुड़ गया है। डॉ. श्वेता का चयन केरल वन अनुसंधान में वैज्ञानिक के पद पर हो गया है। उनकी इस उपलब्धि से गांव और प्रदेश में खुशी की लहर है।
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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मूल रूप से टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के सेमल्थ गांव की रहने वाली डॉ. श्वेता भट्ट कुकरेती का चयन केरल वन अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है। श्वेता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से पूरी हुई है। उन्होंने जीआईसी खाड़ी से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके बाद श्वेता ने एफआरआई देहरादून से काष्ठ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में 2010 में एमएससी की डिग्री हासिल की।
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बताया जा रहा है कि श्वेता ने काष्ठ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में पीएचडी के दौरान इसी विषय में शोध कर वर्ष 2016 में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अब वह केरल वन अनुसंधान में वैज्ञानिक के तौर पर चुनी गई हैं। पूरे परिवार में तो हर्ष का माहौल है ही। इस उपलब्धि से पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है। श्वेता के परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। तो वहीं प्रदेश को उनपर गर्व है।