आज की बेतरतीब जीवन शैली, गलत खानपान, प्रदूषण युक्त पर्यावरण में 90% लोग समय से पहले बूढ़े हो रहे हैं, गलत बहकावे में आ कर लोगों ने प्राकर्तिक तेल और नमक को अपने से दूर कर दिया, फैक्टरियों में बनने वाले तेल और नमक पर भरोसा कर बैठे, नतीजा ये हुआ कि समय से पहले शरीर के जोड़ों ने जबाब दे दिया, कैल्सियम की कमी, जोडों में तरलता (लिक्विडिटी) की कमी, जोड़ घिस जाना, कमर में असहनीय दर्द होना, गठिया, साइटिका आदि जैसे जिद्दी रोगों ने आज बहुतायत लोगों को घेर लिया है इसी का फायदा उठा कर तरह तरह के pain balm आज बाजार में आ गए हैं, ये बाम तुरंत में राहत तो दे देते हैं लेकिन स्थाई उपचार नही कर पाते, दर्द की दवाइयां तो और बुरा हाल करती हैं, लगातार दवाई खाने से किडनी पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
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ज़रूरत है हमे अपना उपचार स्वयं करने की
घर में खाने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग करें (आयोडीन के भ्रम जाल से निश्चिन्त रहें, नमक से आयोडीन नही मिलता) खाना पकाने में शुद्ध सरसों, तिल का तेल प्रयोग करें (तेल या घी से कोलेस्ट्रॉल नही बढ़ता).
घर पर ये उपाय भी करें
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देशी बबूल (कीकर) की फली 20नग
देशी बबूल गोंद 20 ग्राम
सफेद मुसली 20 ग्राम
अश्वगंधा 20 ग्राम
अलसी चूर्ण 20 ग्राम
सतावर चूर्ण 20 ग्राम
मेथी 20 ग्राम
काली जीरी 20 ग्राम
काली मिर्च 10 ग्राम
हल्दी 10 ग्राम
बड़ी इलायची 2 नग
गोखरु (छोटा) 5 नग
सोंठ 1 छोटा tukda
प्रवाल पिष्टी 2 ग्राम
कपरदक भष्म 2 ग्राम
शंखभस्म 2 ग्राम
स्वर्ण माक्षिकभस्म 2 ग्राम
शुद्ध शिलाजीत 2 ग्राम
गोदंती भस्म 2 ग्राम
महा वात विध्वंसन रस2 ग्राम
सबको कूट पीस कर कपड छान कर कांच के जार य़ा शीशी में भर ले
इस पाउडर की 3 ग्राम मात्रा प्रति दिन केवल एक बार ही लेनी है,
पाउडर को गुनगुने दूध से ही लें, पहले दिन से ही आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
किसी दर्द नाशक तेल की मालिश जोड़ों में सुबह शाम करें। 1 से 2 माह के नियमित उपचार से इस जटिलरोग के उन्मूलन में सफलता मिल जाएगी।
जिन लोगों को जोडों में दर्द गठिया, साइटिका आदि की समस्या आ गयी है या जिन्हें डॉक्टर्स ने घुटने बदलवाने की सलाह भी दे दी हो वो इसका सुबह शाम गुनगुने दूध से सेवन करें, इसके साथ हरसिंगार (पारिजात) का काढ़ा, और नियम संयम का पालन करें, हल्का ,सुपाच्य भोजन करें, पेट में कब्ज न् होने दें।
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