जिलाधिकारी ने कहा कि मानवीय लापरवाही के कारण सड़क दुर्घटनाएं एक अभिशाप के रूप में सामने आ रही है उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को पूर्ण तरह से जागरूक एवं सचेत रहकर तथा सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अंकुश लगाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी व्यक्तियों को यातायात नियमों का शत-प्रतिशत पालन करना चाहिए ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने सभी वाहन चालकों से अपील करते हुए कहा कि अपनी आंखों की जांच अवश्य कराएं और अपनी फिटनेस पर विशेष ध्यान दें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सुरक्षित परिवहन राष्ट्र एवम नागरिकों की प्रगति के लिये जरूरी है, यातायात को सुरक्षित एवं सुगम बनाना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि तेज गति, अधिक भार, नशे में वाहन चलाना, माल वाहकों में सवारी ढोना, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग व यातायात संकेतों का उल्लंघन वाहन दुर्घटनाओं का मूल कारण हैं, इन सभी कारणों को ध्यान में रखकर ड्राइविंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चौपहिया वाहन चलाते सीट बैल्ट का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहन में सवार व्यक्तियों को उच्च गुणवत्ता के हैलमेट पहनें और तीन सवारी कतई न बैठायें। उन्होंने कहा कि यातायात डियूटी में नियुक्त पुलिस कर्मियों को यातायात नियन्त्रण में सहयोग करें और मोड़ों पर वाहन चलाते समय हार्न का प्रयोग करें एवं वाहन को निर्धारित गति सीमा में रखें।
जिलाधिकारी ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन न चलाने दें, अपने लाडले को प्यार दो, बाईक नहीं।
जिलाधिकारी ने कहा कि दुर्घटना होने की स्थिति में घायल व्यक्ति की हर संभव मदद करें एवं आपातकालीन नम्बरों पर सूचना दें। माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार पुलिस द्वारा इन व्यक्तियों से अनावश्यक पूछताछ नहीं की जायेगी ।
इस दौरान उप जिलाधिकारी तुषार सैनी, डॉ.सुदीप सक्सेना, उप निरीक्षक विनोद फर्त्याल, महेश चंद्र, के.शर्मा सहित क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।
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