Nagaland Meghalaya Election 2023 नगालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटिंग जारी है। इस बार अलग राज्य की मांग, भ्रष्टाचार के खात्में सहित अन्य मुद्दों को लेकर लोग वोटिंग करने वाले हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन सरकार बनाने वाली भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने को लेकर इस बार पूरी ताकत लगाए है। वहीं, आज तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में विभानसभा उपचुनाव भी हैं। आइए, 10 प्वाइंट में जानें आज के चुनावों में क्या खास है…
- नगालैंड और मेघालय दोनों में इस बार 59 सीटों पर ही मतदान हो रहा है।
- यहाँ मेघालय Meghalaya Election में सोहियांग सीट पर एक उम्मीदवार की मौत के बाद चुनाव टाल दिया गया तो वहीं नगालैंड की अकुलुतो सीट पर भाजपा के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार ने चुनाव से हटने का फैसला लिया है। इसके बाद भाजपा विधायक को पहले ही जीत मिल गई है।
- अगर मेघालय की बात करें तो विधानसभा चुनाव में भाजपा बड़ा लक्ष्य रखकर आगे बढ़ रही है। सीएम कोनराड संगमा की पार्टी NPP (नेशनल पीपुल्स पार्टी) से अनबन के बाद भाजपा इसबार अकेले चुनाव लड़ रही है और उसे सीटें बढ़ने की उम्मीद है।
- Meghalaya Election मेघालय में इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां भाजपा, कांग्रेस, संगमा की एनपीपी के साथ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भी मैदान में है।
- पूर्व सीएम मुकुल संगमा और कई अन्य कांग्रेस विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद अब वह राज्य में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बन गई है।
- माना जा रहा है कि कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी की पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी पैठ बनाने की महात्वकांक्षा के चलते भी भाजपा से अनबन हुई है। अब एनपीपी की नजर नगालैंड पर भी है।
- Nagaland Election में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है और भाजपा अपनी साथी एनडीपीपी (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। भाजपा 20 तो एनडीपीपी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें कि नगालैंड में एनडीपीपी नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं।
- नगालैंड में कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट 23 और 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
- उपचुनावों की बात करें तो तमिलनाडु में इरोड पूर्व, अरुणाचल प्रदेश में लुमला, पश्चिम बंगाल में सागरदिघी और झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट पर मतदान हो रहा है।
- इरोड पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव सत्तारूढ़ DMK गठबंधन और विपक्षी पार्टी AIADMK दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके को इस चुनाव से सत्ता में रहने के बाद भी अपनी लोकप्रियता को साबित करना होगा। वहीं बंगाल में ममता की पार्टी टीएमसी को भी उपचुनाव में अपनी साख को बचाना होगा।