Thursday, September 19, 2024
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कोविड-19 बीमारी से लड़ने में कोवैक्सीन की दोनों डोज 50 प्रतिशत तक असरदार

(नई दिल्ली) कोविड-19 बीमारी से लड़ने में कोवैक्सीन की दोनों डोज 50 प्रतिशत तक असरदार
नई दिल्ली (ईएमएस)। द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के वास्तविक दुनिया के पहले आकलन के अनुसार, कोवैक्सीन की दोनों खुराक कोविड-19 के खिलाफ 50 प्रतिशत तक प्रभावी हैं। द लैंसेट में हाल ही में प्रकाशित एक अंतरिम अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि कोवैक्सीन की दो खुराक, जिसे बीबीवी 152 के रूप में भी जाना जाता है, में बीमारी के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावकारिता थी और किसी प्रकार का जोखिल नहीं दिखा था। वीनतम अध्ययन ने 15 अप्रैल से 15 मई तक दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 2,714 अस्पताल कर्मियों का आकलन किया, जिनमें लक्षण थे और सीओवीआईडी ​​-19 का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था। शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि अध्ययन अवधि के दौरान डेल्टा संस्करण भारत में प्रमुख चिंता का कारण था, जो सभी पुष्टि किए गए कोविड-19 मामलों में लगभग 80 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार था। कोवैक्सीन, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी, इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (एनआईवी-आईसीएमआर), पुणे के सहयोग से विकसित की गई है, जिसकी एक डोज मिलने के बाद 28 दिनों में दूसरी दी जाती है। इस साल जनवरी में, कोवैक्सीन को भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (ॅभ्व्) ने भी इसी महीने की शुरुआत में कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के लिए मान्यता दी। एम्स नई दिल्ली में मेडिसिन के अतिरिक्त प्रोफेसर मनीष सोनेजा ने कहा, श्हमारा अध्ययन इस बात की पूरी तस्वीर पेश करता है कि बीबीवी 152 (कोवैक्सीन) क्षेत्र में कैसा काम करता है और इसे भारत में कोविड-19 की वृद्धि की स्थिति के संदर्भ में माना जाना चाहिए, जो कि डेल्टा वेरिएंट की संभावित प्रतिरक्षा क्षमता के साथ जुड़ा है।श् उन्होंने आगे कहा कि हमारे निष्कर्ष इस बात का सबूत देते हैं कि तेजी से वैक्सीन रोलआउट कार्यक्रम महामारी नियंत्रण के लिए सबसे आशापूर्ण रास्ता बना हुआ है, जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में अतिरिक्त सुरक्षात्मक उपाय जैसे मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाना शामिल होने चाहिए।
अजीत झाध्देवेंद्रध्ईएमएसध्नई दिल्ली

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