Wednesday, October 16, 2024
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बूस्टर डोज को लेकर कोई इमरजेंसी नहीं, बहुस्तरीय परीक्षण के बाद ही लेंगे निर्णय रू पॉल


नई दिल्‍ली (ईएमएस)। देश में कोरोना वायरस संक्रमण को मात देने के लिए बड़े स्‍तर पर टीकाकरण चल रहा है। इस समय कोरोना वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज को लेकर भी चर्चा गरम है। इस बीच सरकार की ओर से गठित कोविड टास्‍क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा है कि जब बूस्‍टर डोज को लेकर सभी गहन वैज्ञानिक परीक्षण पूरे हो जाएंगे, तब देश में बूस्‍टर डोज लगानी शुरू की जा सकती है। उन्‍होंने कहा जब विज्ञान कह देगा कि बूस्‍टर डोज दे देनी चाहिए तो उसे लगाया जाने लगेगा।
वीके पॉल ने कहा कि इस संबंध में जब कई अध्ययन सामने आ रहे हैं, हम अभी भी यह समझने के लिए सटीक जवाब की तलाश कर रहे हैं कि कौन सा सही बूस्टर है और इसका टीकाकरण शुरू करने के लिए सही समय क्‍या है। डॉ वीके पॉल ने यह बातें इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव की किताब ‘गोइंग वायरल’ के विमोचन के दौरान कहीं। डॉ पॉल ने कहा, बूस्टर डोज देने के लिए कोई इमरजेंसी की स्थिति नहीं है। हम सभी उपलब्ध आंकड़ों की गहराई से जांच कर रहे हैं और कोई भी निर्णय लेने से पहले इसपर व्यवस्थित समीक्षा करने की जरूरत है। उनका कहना है कि वैसे भी बाद में पूरी आबादी को बूस्टर डोज नहीं दिया जाएगा। हमारे पास अभी समय है।
भारत पहले से ही कोविड-19 टीकों की तीसरी डोज लगाने पर नीति बनाने पर विचार कर रहा है। एक एक्‍सपर्ट समूह देश में वैक्सीन की तीसरी डोज पर एक नीति दस्तावेज तैयार करने पर काम कर रहा है। डॉ पॉल ने कहा कि एक उचित परिदृश्य को देखते हुए कोविड-19 खत्‍म हो जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत को संक्रमण को बढ़ने से रोकने और मृत्यु दर को रोकने के लिए दवाओं की जरूरत है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 24 नवंबर 2021

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