Thursday, September 19, 2024
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346 वें बलिदान दिवस पर गुरु तेग बहादुर को दी श्रद्धांजलि गुरु तेगबहादुर ने हिन्दू धर्म की रक्षा कीः अनिल आर्य

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद ने हिन्द की चादर, नवम सिख गुरु श्री गुरु तेगबहादुर जी के 346 वे बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि 24 नवम्बर 1675 को अत्याचारी मुगल शासक औरंगजेब ने इस्लाम स्वीकार न करने पर उनका शीश दिल्ली के चांदनी चौक पर कटवा दिया था। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि श्री गुरु तेगबहादुर हिन्दू धर्म के रक्षक थे। उन्होंने अपना शीश कटवा दिया पर इस्लाम स्वीकार नहीं किया। यह उनके बलिदान का अनुपम उदाहरण है। आज की नयी पीढ़ी को उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर हिन्दू धर्म की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि मैं सनातन धर्मी हूं इस्लाम स्वीकार नहीं करूंगा वह इस पर अडिग रहे। आज उनके बलिदान स्थली पर गुरुद्वारा शीशगंज स्थापित है। उन्होंने 16 अप्रैल 1664 को सिखों के नोवे गुरु का पद संभाला। सिख इतिहास प्रेम, त्याग और बलिदान की गाथाओं से भरा हुआ है। हमें अपने हिन्दू धर्म पर गर्व करना चाहिए जहां ऐसे वीरों ने जन्म लिया है। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि सवा लाख से एक लड़ाऊं बहादुरी का उदाहरण है, हमें अपने बलिदानी वीरों का इतिहास नयी पीढ़ी को पढ़ाना चाहिए। गायिका प्रवीन आर्या, दीप्ति सपरा, रजनी गर्ग, रजनी चुघ, डॉ. रचना चावला, रविन्द्र गुप्ता, प्रवीना ठक्कर,नरेन्द्र आर्य सुमन आदि ने मधुर गीत सुनाये। प्रमुख रूप से सरदार हरभजन सिंह देयोल, आचार्य महेन्द्र भाई, यशोवीर आर्य, रामकुमार सिंह, धर्मपाल आर्य,देवेन्द्र भगत, दुर्गेश आर्य, अरुण आर्य, आस्था आर्या आदि उपस्थित थे।

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