Friday, September 20, 2024
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क्रोंचासन : शरीर को हल्का बना फिट रखने के लिए बना संपूर्णासन, जानिए इसके और फायदे और विधि

योग अपनाए सुंदर जीवन पावे
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क्रोंचासन शब्द संस्कृत भाषा के शब्द क्रोंच से बना हुआ है जिसका अर्थ सारस होता है। अंग्रेजी में इस आसन को हेरॉन पोज (Heron Pose) कहते हैं। क्रोंचासन को करने के दौरान शरीर सारस या क्रोंच पक्षी जैसी आकृति बनाता है इसीलिए इसे क्रोंचासन कहा जाता है।सारस खेतों में पाया जाने वाला पक्षी है। सारस खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े-मकौड़े खाकर किसान की मदद करता है। सारस उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी भी है

क्रोंचासन, योग विज्ञान में मध्यम कठिनाई वाला आसन है। इसे अष्टांग योग की शैली का आसन माना जाता है। क्रोंचासन का अभ्यास 30 सेकेंड से लेकर 1 मिनट तक किया जाना चाहिए। इस आसन को करने से लोगों के जोड़ लचीले होने लगते हैं और जिन लोगों के पैर फ्लैट होते हैं उन्हें भी काफी राहत मिलती है। क्रोंचासन का नियमित अभ्यास शरीर की मांसपेशियों और जॉइंट्स के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है

क्रोंचासन करने की विधि
सर्व प्रथम समतल, शांत ,स्वच्छ व सुरक्षित स्थान पर आप उचित आसन बिछाकर उस पर पैरों को सामने की ओर फैला कर बैठ जाए। 

फिर दाहिने पैर को मोड़कर शरीर के पीछे की तरफ ले जाएं और कूल्हे के नीचे दबा लें। 

इस दौरान शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें। 

दोनों हाथों से बाएं पैर के तलवे को पकड़कर ऊपर उठाएं। 

गर्दन और पीठ को सीधा बनाए रखें। 

पैर को उठाते हुए गर्दन की सीध में लाने का प्रयास करें। 

गहरी सांस खींचते रहें और इसी स्थिति में 30 सेकेंड तक बने रहें। 

सांस छोड़ते हुए पैर को नीचे की तरफ लेकर आएं। 

इसी स्थिति को दूसरे पैर के साथ भी करें।

क्रोंचासन के लाभ
पैरों, पीठ, हैमस्ट्रिंग, घुटनों, पिंडलियों और कूल्हों पर अच्छा खिंचाव मिलता है।

क्रोंचासन के निरंतर अभ्यास से शरीर में रक्त का प्रवाह अच्छा रहता है।

क्रोंचासन करने से मांसपेशियां और पैरों के जोड़ मजबूत हो जाते हैं। 

इस आसन के अभ्यास से पेट के भीतरी अंगों को अच्छी मसाज मिलती है। 

पेट के अंगों को टोन करने और छाती को फैलाने के लिए फायदेमंद।

फ्लैट फुट यानि पैरों के समतल होने की समस्या में बहुत फायदेमंद माना जाता है।

पेट फूलने और गैस बनने की समस्या से भी राहत मिलती है।

क्रोंचासन की सावधानियां
ध्यान दीजिएगा कि
क्रोंचासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए। लेकिन अगर आप शाम के वक्त ये आसन कर रहे हों तो जरूरी है कि आपने भोजन कम से कम 4 से 6 घंटे पहले कर लिया हो।

ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आसन करने से पहले आपने शौच कर लिया हो और पेट एकदम खाली हो।

गर्भवती स्त्री, ह्रदय रोग व उच्चरक्त चाप के मरीज या हड्डी रोग के मरीज या जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई हो वो व्यक्ति कतई इस आसन को ना करे

क्रोंचासन का अभ्यास शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। तथा नौसिखिए शुरुआत में क्रोंचासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें। 

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

सेहत भरी बातें – योग व प्राकृतिक चिकित्सा

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