Friday, September 20, 2024
uttarakhandekta

Police Officers Conference

आज पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड, देहरादून में दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन (Police Officers Conference) की शुरूआत हुई, जिसमें समस्त फील्ड अधिकारी (जनपद प्रभारी, सेनानायक, शाखा एवं इकाई प्रभारी), परिक्षेत्र प्रभारी, प्राधानाचार्य एटीसी, पीटीसी एवं पुलिस मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए।

सम्मेलन का शुभारम्भ मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन डॉ. एस. एस. संधू जी द्वारा किया गया। सम्मेलन के प्रारम्भ में श्री हरवंश कूपर, माननीय भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष/माननीय मंत्री उत्तराखण्ड सरकार के आकस्मिक निधन पर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। तत्पश्चात DIG P/M- श्री सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विगत वर्षों में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों, ड्रग्स एवं साईबर क्राईम के सम्बन्ध में किये जा रहे Enforcement और Awareness कार्यों एवं पुलिस के शासन स्तर के मुद्दों, भविष्य की कार्ययोजना और उत्तराखण्ड पुलिस को कैसे आगे बढ़ाना है इससे मुख्य सचिव जी को अवगत कराया।

इस दौरान मुख्य सचिव जी पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा- आज पहली बार आपके बीच इतने विस्तृत रूप से बैठने का मौका मिला और उत्तराखण्ड पुलिस के बारे अच्छी जानकारी हुई कि पुलिस क्या कर रही है और हम किस दिशा में जा रहे हैं। आज के सेशन का मेन थीम स्मार्ट पुलिसिंग था। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने काफी प्रयास किए हैं। ट्रेडिशनल क्राइम के बजाय साइबरक्राइम बढ़े हैं, जिसके लिए निर्णय लिया गया कि देश का बेस्ट IIT जिसमें कंप्यूटर साइंस का डिपार्टमेंट साइबर सिक्योरिटी में सबसे अच्छा है, उत्तराखंड पुलिस के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड शासन द्वारा व्यय भार वहन किया जाएगा। उत्तराखंड पुलिस एवं आईआईटी का कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट साइबर क्राइम को रोकने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगा।

मुख्य सचिव जी ने कहा कि कम अपराध होने तथा सुरक्षित एवं शांतिप्रिय माहौल होने के कारण यहां पर उद्योगों एवं पर्यटन के अनुकूल माहौल बना है और उत्तराखंड पर्यटकों का फेवरेट डेस्टिनेशन बना हुआ है। उत्तराखंड के पुलिस कर्मियों का व्यवहार अन्य प्रदेशों के मुकाबले बेहतर रहता है। पर्यटक प्रदेश के लिए जरूरी है कि प्रदेश में शांति रहे, पुलिस कर्मियों को चाहिए कि वे भी ऐसा व्यवहार रखें ताकि पर्यटकों को पुलिस को देखकर विश्वास एवं सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो। हमें खुशी है कि हमारी पुलिस इस दिशा में अग्रसर है।

ड्रग्स के लिए गठित ADTF को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। ड्रग्स के विरूद्ध पुलिस, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग में समन्वय जरूरी है। इसके लिए इनकी संयुक्त रूप से त्रैमासिक मीटिंग की जाएगी।

श्री Ashok Kumar IPS, DGP Sir ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने इन 20 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है। हमारे infrastructure बेहतर हुए हैं। संवेदनशील पुलिसिंग की ओर भी काफी काम हुआ है, परंतु अभी भी हमें काफी कुछ हासिल करना बाकी है। हमें उत्तराखण्ड पुलिस को देश की सर्वोत्तम पुलिस बनाना है। स्मार्ट पुलिसिंग के माननीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप Moving Towards SMART Policing थीम पर उत्तराखण्ड पुलिस के ऑपरेशनल, प्रशासनिक और मार्डनाइजेशन के स्तर को बढ़ाने तथा उसे और अधिक स्मार्ट बनाने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया है।

मुख्य सचिव जी के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा/विचार-विमर्श किया गया।
➡ कार्मिक, प्रोवजिनिंग, आधुनिकीकरण, पुलिस कल्याण, कानून व्यवस्था, फायर, संचार, ड्रग्स, साइबर क्राइम आदि मुद्दों पर गहराई से मंथन किया गया।

➡ एंटी ड्रग्स, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों हेतु पॉलिसी पर चर्चा की गयी।

➡ पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण यथा केदारकांठा, चोपता में थाने/चौकियां खोले जाने पर चर्चा।

➡ पुलिस आधुनिकीकरण हेतु बजट बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया।

➡ पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षण भत्ते प्रदान करने का अनुरोध किया गया।

➡ प्रदेश में पुलिस भवनों, थाना/चौकियों के भवनों हेतु बजट बढ़ाने का अनुरोध किया गया।

➡ निष्क्रिय वाहनों के स्थान पर नए वाहनों स्वीकृत करने पर चर्चा की गयी।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments