सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः
आमतौर पर जिन लोगों को सर्वांगासन का अभ्यास कठिन लगता है या वो इसे अच्छे से नहीं कर पाते वो पद्मा सर्वांगासन का अभ्यास कर सकते हैं। इसको करने से शरीर लचीला होता है, जिससे सर्वांगासन करने में कठिनाई का अहसास नहीं होता
पद्म सर्वांगासन के लाभ
यह आसन संपूर्ण शरीर को लचीला बनाता है
इसके अभ्यास से रीढ़ क़ी हड्डी में मजबूती आती है
इसका निरंतर अभ्यास रक्षति शुद्दीकरण क़ी प्रक्रिया को बढाता है और परिसंचरण को नियंत्रित करता है
इस आसन को करने से गर्दन और कंधों का व्यायाम होता है, जो रक्त संचार को बनाएं रखने में बहुत ही कारागार होते हैं।
इस आसन को करने से अनिंद्रा और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
इसको करने से मानसिक शांति मिलती है।
इसको करने से मेधा शक्ति में विकास होता है ।
इसको करने से मांसपेशियां मजबूत होती है।
पद्म सर्वांगासन क़ी विधि
सबसे पहले आप एक समतल साफ और शांत स्थान पर आसन बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
इस अवस्था में घुटनों मोड़ते हुए अपने तलवों को जमीन से टिका दें।
आपकी बाहें शरीर के दोनों तरफ और हथेलियाँ जमीन पर होनी चाहिए ।
अपने घुटनों को छाती से लगायें ।
हथेली से जमीन को दबा कर रखें।
हाथो को मजबूती से जमाते हुए अपनी हिप्स को जमीन से उठा लें।
कोहनी को मोड़ते हुए हाथों को कमर पर रखें।
शरीर को सहारा देते हुए कोहनी और बाहों से जमीन को दबाएं।
अपने पैरों को शरीर से 45 डिग्री तक सीधा करके रखें।
अब इस मुद्रा में कुछ सेंकड तक बने रखें ।
फिर धीरे-धीरे करके अपनी पुरानी मुद्रा में वापिस आ जाएँ।
विश्राम करें और इस प्रकार योग का एक चक्र पूरा करें
निरंतर अभ्यस् से इन चक्रों क़ी संख्या व समयावधि बढ़ाई जा सकती है ।
पद्म सर्वांगासन में सावधानियां
इसका अभ्यास करते समय कठिनाई का अहसास हो रहा हो तो शरीर को लचीला बनाने के लिए आपको योग मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए जिनसे मेरुदंड, कमर, घुटनों, और एडियों में पर्याप्त लचक पैदा हो सके। इस आसन को करते समय हमें अपने पैरों में संतुलन बनाये रखने की विशेष आवश्कता होती है।
तीव्र ज्वर व उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
गर्दन पीठ व रीढ़ में कष्ट होने पर इस मुद्रा को नहीं करना चाहिए।
नेत्र रोग वाले मरीजों को इस का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
गर्भवती और मासिक धर्म के समय महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
हाल ही में हुई सर्जरी य़ा हड्डियों के दर्द ऋग वालो को इस आसन से बचना चाहिए