Saturday, September 21, 2024
uttarakhandekta
Homeजीवन शैलीतुलासन : 6 पैक्स बनाने वाले इस आसन के जानिए अन्य फायदे...

तुलासन : 6 पैक्स बनाने वाले इस आसन के जानिए अन्य फायदे और योग विधि

योग अपनावे सुंदर जीवन पावे

तुलासन, संस्कृत भाषा का शब्द है। ये शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द तुला (Tola / Tula) का अर्थ तराजू या Scale से है। दूसरे शब्द आसन का अर्थ किसी विशेष स्थिति में खड़े होने, झुकने या बैठने से होता है। इसे अंग्रेजी में Pose या पोश्चर (Posture) भी कहा जाता है। तुलासन को अंग्रेजी भाषा में स्केल पोज या Scale Pose भी कहा जाता है।

तुलासन, योग विज्ञान की हठ योग शैली का योगासन है। इसे करने का समय 30 सेकेंड से 60 सेकेंड तक बताया गया है। इसके बाद किसी तरह का दोहराव नहीं करना पड़ता है। ये मध्यम कठिनाई या इंटरमीडिएट लेवल का योगासन है।

इस आसन के नियमित अभ्यास से हाथ ,जांघें ,हैमस्ट्रिंग आदि स्ट्रेच होते हैं। जबकि हाथ,कंधे, पेट, हिप्स,पीठ,कलाइयां आदि मजबूत होती हैं।

तुलासन योग के लाभ

हाथों और कंधों की ताकत को सुधारता है।

डाइजेस्टिव सिस्टम को सुधारता है।

कोर और पेट की मांसपेशियों को सख्त बनाने में मदद करता है।

सिक्स पैक एब्स बनाने में मदद करता है।

शरीर में चेतना और संतुलन का विकास करता है।

बाइसेप्स, ट्राइसेप्स को टोन करता है।

हाथों की ब्रोचियोरैडियलिस (Brachioradialis) मांसपेशी को टोन करता है।

मूल बंध के साथ तुलासन करने पर आत्मविश्वास बढ़ता है।

उड्डियान बंध के साथ तुलासन करने पर इरादे मजबूत होते हैं।

आत्मविश्वास बढ़ने पर घंटों तक मेडिटेशन में बैठा जा सकता है।

एकाग्रता बढ़ाने के लिए इस आसन का इस्तेमाल ऋषि भी करते थे।

मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपूर चक्र को जाग्रत करता है।

शरीर में संतुलन लाकर हानिकारक टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालता है।

शरीर में स्थिरता की भावना का विकास करता है।

एंग्जाइटी, स्ट्रेस आदि की समस्या को दूर करता है।

शरीर और दिमाग को शांत करने में मदद करता है

तुलासन योग क़ी सही विधि

सबसे पहले एक समतल साफ व स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाकर आप उस पर सुखासन में बैठ जावे

अब एक पांव को दूसरे पांव क़ी जंघा के ऊपर रखकर सावधानी से पद्मासन की मुद्रा में आ जावे

पैरों के तलवे ऊपर की तरफ ही रखे

इस तरह दोनों पैरों के टखने जांघों पर दबाव डालेंगे।

दोनों हाथों क़ी हथेलियों को खोलते हुए पंजों को जांघों के पास जमीन पर रखे रखें।

हथेलियों से आसन पर दबाव डालें।

दबाव क़ी इस क्रिया को करते हुए शरीर को ऊपर उठाने क़ी कोशिश करें

संतुलन बनाते हुए शरीर का हथेलियों पर वजन डालते हुए जमीन से ऊपर उठा ले

इस​ स्थिति में 30-60 सेकेंड तक बने रहें।

धीरे-धीरे आसन को छोड़ते हुए पुनः मूल स्थिति में आ जावे

इस आसन का अभ्यास अब टांग बदलकर दोहराव कर करें

तुलासन योग क़ी सावधानियां

तुलासन का अभ्यास खाली पेट ही करें और वो भी सुबह के समय ही। अगर शाम को ये आसन कर रहे हैं तो भोजन 4 से 6 घंटे पहले कर लें।

रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर ये आसन न करें।

गंभीर बीमारी होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।

डायरिया होने पर ये आसन न करें।

गर्दन में दर्द होने पर तुलासन नहीं करना चाहिए।

कंधे में दर्द की समस्या होने पर हाथ ऊपर न उठाएं।

घुटने में दर्द या आर्थराइटिस होने पर दीवार के सहारे ही अभ्यास करें।

दिल और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ये आसन न करें।

शुरुआत में तुलासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें।

संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं।

तुलासन के अभ्यास से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments