योग अपनाए सुंदर जीवन पावे
यह दो शब्दो से मिलकर बना है स्कंद +आसन। स्कंद का आशय विभिन्न अर्थों में शरीर व कार्तिकेय के साथ बाहर निकालना और ध्वस्त होना जैसे कार्यों के लिए भी प्रयुक्त किया गया है। स्कंदासन, जिसे साइड लंज या सर्फर्स लंज के नाम से भी जाना जाता है, इसमें पैरों को बाहर की ओर निकाला जाकर शरीर को नीचे झुकाते हुए प्रणाम की मुद्रा में संतुलित किया जाता है। यह दिखने में सरल लेकिन शक्तिशाली है। यह एक डीप स्ट्रेच, बैलेंसिंग पोज़ और स्ट्रेंथ बिल्डर है, क्योंकि यह आपके कोर को सक्रिय करते हुए आपके हिप्स और हैमस्ट्रिंग को खोलता है। यह आसन सभी खिलाड़ियों और सैनिकों के लिए आवश्यक माना जाता है क्योंकि ये पैरों की जकड़न से कूल्हों की जोड़ तक सभी भागों पर अच्छा काम करता है।
सकंदासन के पूर्व अभ्यास या सहायता के लिए आप अतिरिक्त संतुलन के लिए दीवार के सहारे भी अभ्यास कर सकते हैं, अपने पैरों या उंगलियों के नीचे एक कुशन का उपयोग कर सकते हैं, या कुर्सी के किनारे से अपने कूल्हों का सहारा ले सकते हैं।
स्कन्दासन के लाभ
स्कंदासन से शरीर में मजबूती आती है
स्कंदासन आपकी हैमस्ट्रिंग और हिप एडक्टर्स को स्ट्रेच करता है
अंदरूनी व कोर ताकत बनाता है
स्कंदासन से शरीर संतुलन में सुधार होता है
योद्धा जैसी अधिक चुनौतीपूर्ण पोज़ के लिए लचीलापन बढ़ाता है
पावों व जंघाओं को अधिक मजबूत , लचीला और हड्डियों व मांसपेशियों को त्वरित तैयार होने की पोजिशन देता है
पाचन क्रिया मजबूत कर पेट भी साफ रखने में मददगार होता है।
स्कन्दासन योग विधि
सर्वप्रथम किसी शांत, सुरक्षित, समतल ,स्वच्छ व उचित स्थान पर उचित आसन लगाकर ताड़ासन में खड़े हो जावे।
धीरे धीरे अपने पैर बाहर की और फैलाते हुए अपने दोनो पैरों पर एक साथ वजन डालते हुए खड़े होना शुरू करें।
शरीर का संतुलन बनाए रखे
शरीर को सीधा ही रखे
अब अपने दाहिने पैर को सीधा रखते हुए बाए पाव पर अपना वजन शिफ्ट करते हुए अपने बाएं घुटने को मोड़ना शुरू करें।अर्थात बैठने की क्रिया की शुरुआत करे
अपने दाहिने पैर को एड़ी के सहारे और लंबा करें तथा ध्यान रहे आपके दाहिने पैर की उंगलियां ऊपर की ओर हों।
अपनी रीढ़ को सीधा करें।
बाए पैर के पंजे को जमीन से स्पर्श कराते हुए एडी को ऊपर की और रखे
पूरी तरह से बाया घुटना मोड़कर बाए पैर की एड़ी के ऊपर अपनी जंघा टिका दे
आप अपने हाथों को हृदय के केंद्र में रख सकते हैं, उन्हें त्रिभुज की तरह व्यापक रूप से बाहर की ओर झुका सकते हैं, उन्हें अपने सिर के ऊपर उठा सकते हैं, या जो भी आपको सही लगे।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहे फिर पुनः धीरे धीरे शरीर को ताड़ासन की मुद्रा में ले आवे
यही क्रिया दूसरी तरफ दोहराएं
यह एक चक्र पूरा हुआ
इसी प्रकार आप शुरूरात में 2-3 चक्र करते हुए निरंतर अभ्यास से समय अवधि व चक्र की संख्या और गति बढ़ा सकते है।
स्कंदासन योग में सावधानियां
प्राय गर्भवती स्त्री, हड्डी जोड़रोगी, उच्च रक्तचाप व ह्रदय रोगी, हाल ही में सर्जरी कराए व्यक्ति को इस आसन को करने की सलाह नही दी जाती।
शुरुआती व नव सीखिए विशेषज्ञ की सलाह और देखभाल में ही ये आसन करे
भारत माता की जय
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः