एक तरफ कांग्रेस के तमाम पदों से हटाए गए किशोर उपाध्याय को लेकर पार्टी में लगातार इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि कि वह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं वही किशोर उपाध्याय कांग्रेस आलाकमान को जो संदेश दे रहे हैं उससे तो कोई दूसरी तस्वीर नजर आ रही है
जी हाँ भाजपा के साथ मेलजोल के चलते पार्टी के कोप से जूझ रहे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने शीर्ष नेताओं को अपनी सफाई दी है।किशोर ने मार्मिक अंदाज में कांग्रेस के साथ अपने 44 साल के रिश्तों का उल्लेख किया है। साथ ही कहा कि भाजपा व अन्य दलों के नेताओं के साथ के उनकी मुलाकात केवल वनाधिकार आंदोलन के तहत एक राय बनाने तक ही सीमित थी। वो कांग्रेस के समर्पित सिपाही हैं और आगे भी रहेंगे।
हाईकमान के साथ साथ किशोर ने सीनियर ऑर्ब्जवर मोहन प्रकाश को भी अपने मन की बात लिखकर भेजी है। मोहन प्रकाश ने इसकी पुष्टि की। वहीं किशोर ने कहा कि भाजपा नेताओं ने उन्हें वनाधिकार आंदोलन पर चर्चा के लिए बुलाया था। मैं शुरू से सभी दलों से इस मुद्दे पर मिलता रहा हूं। अब सवाल तो प्रह्लाद जोशी से पूछा जाना चाहिए कि क्या किशोर उपाध्याय ने उनसे टिकट मांगा था?
वैसे एक कहावत है धनुष से निकला तीर और मुह से निकली तीखे शब्द कभी वापस नही आते है वैसे प्रयास थूक के चाटने जैसा है