Monday, October 21, 2024
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बैंक से लेकर गाड़ी तक बनाये अपना नॉमिनी मिलेगी हर ट्रांसफर की दिक्कतों से आजादी

कोरोना काल की इस मुश्किल समय में विवेक से काम लें और भविष्य का पूरा खयाल रखें. अच्छी बुरी घटना किसी के साथ हो सकती है. इसलिए जमा-पूंजी से लेकर गाड़ी आदि तक का नॉमिनी अवश्य बनाया जाना चाहिए.

नॉमिनी बनाने के कई फायदे हैं. किसी के साथ अनहोनी होने और परिवार को छोड़ कर चले जाने की स्थिति में नॉमिनेशन एक बड़ा संबल बनकर उभरता है.

वाहन और नॉमिनी
मालिक की जमा-पूंजी उसके नाम होती है और इससे परिवार का खर्च चलता है. वाहनों के बारे में भी यही नियम है. वाहन मालिक दुर्भाग्यवश इस दुनिया में न रहे तो उसकी गाड़ी किसी काम की नहीं रह जाएगी. लेकिन अगर समय रहते वाहन का नॉमिनी बना लिया जाए तो परिवार के काम आ जाएगी. नॉमिनी का नाम कागज में दर्ज नहीं होने पर गाड़ी को अपने नाम कराने में कई दिक्कतें आती हैं. दफ्तरों के चक्कर लगाने होते हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि समय रहते गाड़ी का नॉमिनी तय कर दें.

वाहन RC में नॉमिनेशन के क्या है नये नियम
इस काम में सरकार मदद कर रही है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इसका नया नियम बनाया है जिस पर रायशुमारी चल रही है. अब तक देश में सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 के मुताबिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन आदि होता है. सरकार ने इसके नियम में कुछ संशोधन किए हैं. इसके मुताबिक गाड़ी मालिक अब पेपर पर नॉमिनी का नाम दर्ज कर सकेंगे. अगर यह काम होता है तो दुख की घड़ी में गाड़ी को ट्रांसफर कराने में दिक्कत नहीं आएगी. वाहन मालिक की मृत्यु हो जाने पर गाड़ी ट्रांसफर का काम आसान होगा. गाड़ी का पेपर बनवाते वक्त नॉमिनी का नाम दर्ज कराया जा सकता है. हालांकि बाद में भी यह काम हो सकता है, लेकिन शुरू में यह आसानी से होगा.

वाहन RC में कैसे दर्ज होगा नॉमिनी का नाम
सरकार ने ऑनलाइन एप्लिकेश के जरिये भी नॉमिनी का नाम जोड़ने की सुविधा दी है. नए नियम के मुताबिक नॉमिनी का नाम दर्ज कराने के लिए कुछ कागजात जमा कराने होंगे. इसके बाद गाड़ी के पेपर पर नॉमिनी का नाम दर्ज हो जाएगा. बाद में जिस व्यक्ति के नाम पर गाड़ी होगी, उसे ट्रांसफर करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. पेपर ट्रांसफर करने का काम आसान भी होगा. वाहन मालिक की मृत्यु होने पर नॉमिनी की तरफ से रजिस्ट्री ऑफिस में घटना के 30 दिन के भीतर गाड़ी ट्रांसफर करने का आवेदन देना होगा. आवेदन प्राप्ति के 3 महीने के भीतर नॉमिनी के नाम से गाड़ी ट्रांसफर हो जाएगी. इसके लिए फॉर्म 31 को भरकर रजिस्ट्री ऑफिस में जमा कराना होगा.

नॉमिनी का नाम बदल भी सकते हैं
यह काम बाद में भी कर सकते हैं या नॉमिनी का नाम बदला जा सकता है. किसी कारणवश नॉमिनी के नाम पर विवाद हो, गाड़ी मालिक और नॉमिनी के बीच तलाक हो गया हो तो नॉमिनी का नाम बदले जाने का भी नियम है. नॉमिनी से जुड़े नियम में बदलाव के लिए परिवहन मंत्रालय ने 27 नवंबर, 2020 को एक मसौदा तैयार किया था. यह बदलाव सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 के अंतर्गत है. इसमें पूरा नियम नॉमिनी का नाम जोड़ने या उसमें किसी प्रकार के बदलाव से जुड़ा है. अभी यह नियम अमल में नहीं आया है और इस पर रायशुमारी चल रही है.

वाहन रजिस्ट्रेशन में नाम पहले जोड़ लें, आसानी होगी
परिवहन मंत्रालय के नए प्रस्ताव में वाहन मालिक की मृत्यु होने पर गाड़ी का कानूनी वारिस कौन होगा, इसका नियम बनाया गया है. अगर किसी गाड़ी मालिक ने वाहन के कागज में नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं कराया है, तो बाद में गाड़ी किसके नाम होगी, इससे जुड़े क्लॉज भी शामिल किए जा रहे हैं. उस क्लॉज में बताया जाएगा कि गाड़ी अपने नाम करने के लिए क्या शर्तें होंगी और वारिस को कौन-कौन से कागजात देने होंगे. अगर नॉमिनी का नाम पहले से दर्ज है तो गाड़ी उसके नाम पर आसानी से ट्रांसफर की जा सकेगी. अन्यथा कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती हैं, यहां तक इस काम में कुछ देरी भी संभव है. इससे बचने का सही तरीका है कि लोग गाड़ी के पेपर पर नॉमिनी का नाम जरूर दें.

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