कोई भी भूखा ना सोए इस सोच के साथ केंद्र सरकार जन वितरण प्रणाली के तहत देश भर में दुकानों का संचालन करा रही है. ये दुकान देश में गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों को राशन मुहैया करा रहे हैं. पीडीएस के तहत दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपए किलो चावल देने का प्रावधान है. 2014 के पहले केंद्र सरकार ने लोगों को एपीएल (अबव पॉवर्टी लाइन) और बीपीएल (बेलो पॉवर्टी लाइन) के दर्जे में बांटा था.
2014 के बाद बदल गई व्यवस्था
इस व्यवस्था में बीपीएल परिवार वो था जो गरीबी रेखा से नीचे था. जबकि एपीएल वो जो गरीबी रेखा से ऊपर था. जन वितरण दुकान से उन्हें इसी आधार पर राशन मिलता था. लेकिन साल 2014 में सत्ता पलट के बाद एपीएल और बीपीएल की व्यवस्था को हटाकर सरकारी राशन लेने वाले लाभुकों को पीएचएच (प्रायोरिटी हाउसहोल्ड) और एएवाई (अंत्योदय अन्न योजना) के दर्जे बांट दिया गया.
PHH राशन कार्ड
अब पीएचएच राशन कार्ड उन परिवारों को जारी किया जाता है, जो गरीबी रेखा से नीचे होते हैं और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं. गरीबी रेखा से नीचे वाला प्रत्येक परिवार जिसके पास पीएचएच राशन कार्ड है, उसे प्रति सदस्य प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है. इस पांच किलो में दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल शामिल है. आसान भाषा में कहें तो अगर चार लोगों का परिवार है तो उसे कुल 20 किलो सरकारी राशन मिलेगा, जिसमें आठ किलो गेहूं होगा और 12 किलो चावल होगा.
35 किलो राशन देने का प्रावधान
वहीं, अंत्योदय अन्न योजना के तहत उन परिवारों का राशन कार्ड बनता है जो “गरीब से गरीब” हैं. मतलब तो मानक गरीबी रेखा से काफी नीचे हैं. इन परिवारों को सरकार की ओर से हर महीने 35 किलो राशन देने का प्रावधान है. हालांकि, इसमें प्रति व्यक्ति राशन देने का कोई प्रावधान नहीं है. ये कार्ड ऐसे परिवार का बनाया जाता है, जिसमें सदस्य कम हों. ताकि उन्हें लाभ मिल सके.
ध्यान दें कि भारत सरकार ने दोनों राशन कार्ड बनाने के लिए जो नियम रखे हैं, उसमें प्रपत्र “क” का फार्म भरने की प्रक्रिया है. ये फॉर्म संबंधित प्रखंड कार्यालय में या ऑनलाइन भी भरा जा सकता है. 45 दिनों के अंदर कार्ड बना कर देने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. बता दें कि बिहार में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित राशन के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति परिवार पर 1 लीटर केरोसिन तेल भी दिया जाता है. जबकि बिहार के अलावे अन्य राज्यों में राज्य सरकार अपनी ओर से कई तरह के सामान जन वितरण दुकान के जरिए सरकारी दर पर लोगों को मुहैया कराती है.
डीलरों को मिलता है इतना कमीशन
हालांकि, भारत सरकार सभी राज्यों को सिर्फ चावल, गेहूं तथा मिट्टी का तेल ही देती है. सरकार एफसीआई द्वारा राज्य के एसएफसी (स्टेट फूड कॉरपोरेशन) को अनाज मुहैया कराती है. फिर स्टेट फूड कॉरपोरेशन सभी डीलरों को अनाज देती है. बिहार में डीलरों को वितरण करने के एवज में प्रति किलो 70 पैसे का कमीशन मिलता है. डीलरों की मनमानी रोकने के लिए सरकार ने बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था सभी जन वितरण दुकानों पर कर दी है. ताकि गरीबों के हक का हनन ना हो.
राशन कार्ड बनवाए घर बैठे
अगर आपके पास राशन कार्ड नहीं है तो आप घर बैठे इसे बनवा सकते हो