चमोली जिला अस्पताल को मिली 35 लाख लागत की दो अत्याधुनिक मशीनें।
आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा दी गई मशीनों का डीएम ने किया शुभारंभ।
चमोली जिला अस्पताल में आंखों के इलाज के लिए अब अत्याधुनिक सुविधाएं हो गई है। आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने आंखों के उपचार के लिए जिला अस्पताल को अत्याधुनिक ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप और याग लेजर मशीन उपलब्ध करा दी है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुवार को जिला अस्पताल में इन मशीनों का शुभारंभ करते हुए बधाई दी।
जिलाधिकारी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे है। आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा जिला अस्पताल को नेत्र रोग के इलाज में सहायक अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध कराई गई है, जो निश्चित रूप से सीमांत जनपद के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में आईसीआईसीआई फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए सीमांत क्षेत्रों में शिक्षा को भी आगे बढ़ाने में फाउंडेशन से सहयोग की अपेक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी ने मरीजों एसएमएस से लैब टेस्ट रिपोर्ट भेजने हेतु जिला अस्पताल द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर का उद्घाटन भी किया। इस सॉफ्टवेयर से मरीजों को लैब टेस्ट की रिपोर्ट सीधे उनके मोबाइल फोन पर उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर आईसीआईसीआई फाउंडेशन के समन्वय सुधीर जैन, एसीएमओ डॉ. अभिषेक गुप्ता, पीएमएस डॉ अनुराग धनिक, पैथोलॉजिस्ट डॉ यशोदा पाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ निर्मल प्रसाद, डॉ स्वाति शर्मा, नेत्र रोह सहायक शिवसिंह राणा आदि उपस्थित थे।
आंखों के इलाज में याग लेजर मशीन और ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप मशीनें है उपयोगी।
जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञों ने बताया कि आंख में मोतियाबिंद हटाने के कुछ महीनों बाद लेंस के पीछे झिल्ली बन जाती है। इस झिल्ली को हटाने के लिए लोगों को दूरदराज शहरों में जाना पडता था। लेकिन अब याग लेजर मशीन लग जाने से इसका उपचार अब जिला अस्पताल में ही हो सकेगा। इससे नेत्र रोगियों का समय की बचत के साथ खर्च भी कम होगा। इसके अलावा इस मशीन की सहायता से लीक हो रही रक्त वाहिकाओं को सील करना, आंख में दबाव कम करना, कॉर्निया को बदलना और आईरिस का हिस्सा हटाना जैसी कई प्रकार की दृष्टि समस्याओं का उपचार हो सकेगा। जबकि ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप या सर्जिकल माइक्रोस्कोप विशेष रूप से सर्जिकल सेटिंग में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिससे आंखों के सर्जरी के दौरान नेत्र सर्जन को बेहतर सुविधा मिलेगी।