Saturday, October 5, 2024
uttarakhandekta
Homeउत्तराखंडआलू के बीज के लिए चमोली के काश्तकारों की बाहरी बाजारों पर निर्भरता...

आलू के बीज के लिए चमोली के काश्तकारों की बाहरी बाजारों पर निर्भरता होगी कम

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत चमोली में मुंदोली में शुरू की गई आलू बीज उत्पादन योजना

चमोली जनपद में आलू का उत्पादन विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। यहां जैविक खादों के साथ आलू के उत्पादन के चलते इसकी मैदानी बाजारों में अच्छी मांग रहती है। लेकिन जनपद के काश्तकारों को उन्नतशील बीज न मिलने से उन्हें परेशानी का सामाना करना पड़ता था। जिससे देखते हुए प्रशासन की ओर से ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत जनपद में ही बीज उत्पादन की योजना तैयार की है। योजना के प्रथम चरण में देवाल ब्लॉक के मुंदोली गावं को चयनित किया गया है।

चमोली जिले के देवाल, थराली, दशोली, जोशीमठ, निजमूला नीति और माणा घाटियों में काश्तकार व्यावसायिक स्तर पर आलू का उत्पादन करते हैं। लेकिन वर्तमान तक काश्तकार आलू के उन्नतशील बीज के लिए बाहरी बाजारों पर निर्भर हैं। ऐसे में छोटी जोत के किसानों को आलू के उत्पादन से सीमित लाभ मिल पाता है। जिसे देखते हुए विकास विभाग ने छोटी जोत के किसानों की आय बढाने की मंशा से ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत जनपद में ही आलू बीज के उत्पादन की योजना बनाई है। योजना के संचालन के लिए पहले चरण में देवाल ब्लॉक के मुंदोली गांव को चुना गया है। जहां आलू के उन्नतशील बीज का उत्पादन कर जनपद के काश्तकारों को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे जहां आलू का व्यावसायिक उत्पादन करने वाले काश्तकारों की बीज के लिए बाहरी बाजारों पर निर्भरता कम हो जाएगी। वहीं बीज के विपणन से छोटी जोत वाले किसानों की आय में भी वृद्धि हो सकेगी।

चमोली में की जलवायु आलू के उत्पादन के लिये बेहतर है। ऐसे में आलू के बीज का उत्पादन से काश्तकारों की आय को सुदृढ़ किया जा रहा है। जिसे देखते हुए काश्तकारों को तकनीकी सहयोग देकर उत्पादन में उच्चतम स्तर की गुणवत्ता प्राप्त की जाएगी। जिसके लिए रीप परियोजना के माध्यम से काश्तकारों को सहयोग दिया जा रहा है।
अभिनव शाह, मुख्य विकास अधिकारी, चमोली

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments