सरकार और नेता तो कभी नहीं सोचेगी पर क्या हो गया है हमारे हिन्दू धर्म के पीठाधीसो और शंकराचार्य को
पूछता है पहाड़ : आप से जो हिंदू धर्म के ठेकेदार है और हमारे सम्मानित पीठाधीस और शंकराचार्य है
चार धाम के मंदिरों के आस पास के गेस्ट हॉउस को क्यों नहीं तुड़वाती
हमारे पवित्र धाम के हर पत्थर में भगवान् विराजमान है अब स्वाभाविक है वहां रहेंगे तो बाथरूम भी जायेंगे तो अपना मल भी त्यागेंगे यही वजह है की यहाँ आपदा आ रही है जिसको हम देवीय आपदा कहते है पर कोई भी यह आंदोलन नहीं करेगी की मंदिर के आस पास 5 किलो मीटर तक किसी के लिए भी रहने की कोई व्यवस्था ना हो तभी हम अपने धामों की प्रभुता बरकरार रख सकते है
और अगर सरकार को यात्री के लिए कुछ करना तो यात्रा को सुगम बनाने के लिए वहां ट्रॉली लगवाएं क्यों की ना वहां लोग रहेंगे ना कूड़ा करकट ना प्लास्टिक की बोतल ,ना इंसानो की जिस्म की गर्मी
एक समय यात्रा केवल बड़े बुजुर्गों के लिए होती थी पर अब शादी हुई और दूल्हा दुल्हन पहुँच गए दादा दादियों ने नाती,पोतों के साथ गर्मी से राहत के लिए पहुँच गए करा दिया सरकारी रजिस्ट्रेशन और भगवन ना करे रुद्रप्रयाग में रैंतोली के पास जैसी टेम्पो ट्रैवलर हाईवे से खाई में गिरकर जैसी दुर्घटनाग्रस्त घटना तो
कोई यहाँ रील बना रहा है