Sunday, September 8, 2024
uttarakhandekta
Homeउत्तराखंडदौराः परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय प्रवास पर आए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री...

दौराः परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय प्रवास पर आए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री , दिया ये संदेश

ऋषिकेशः बागेश्वरधाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत का लोकतंत्र सबको बोलने की आजादी देता है, जबकि अन्य देशों में बने‌ कानून के कारण इस प्रकार की आजादी नहीं है। उन्होंने धर्म और राजनीति को एक सिक्के के दो पहलू बताया है।

यह बात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने परमार्थ निकेतन में आयोजित पत्रकार‌‌ वार्ता के दौरान कही, उन्होंने कहा कि वह परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय प्रवास पर आए है क्योंकि‌‌ उन्होंने विचार किया कि अब पर्चा बनाने से देश का भला नहीं हो सकता जिसके लिए उनके‌ द्वारा यहां ऊर्जा संचय ब्रायन डिटॉक्स समागम का आयोजन किया जिसमें  600 से अधिक साधकों ने  एक साथ बैठकर चिंतन किया।

जिसमें मनुष्य के अंदर आए विकारों की मुक्ति के लिए कार्य किया गया है। जिसमें विदेशी   ऑस्ट्रेलिया , जर्मन ‌से डाक्टर और नेपाल के साधक भी उपस्थित थे । उन्होंने कहा कि इससे पहले वह बागेश्वर में  ब्रेन डिटॉक्स पर बागेश्वर धाम में कार्यशाला लगा चुके‌ हैं अब यहां दूसरी बार लगाई गई है। इसमें  धर्म की चर्चा होती है।

क्योंकि भारतीय संस्कृति सबसे पुरातन संस्कृति है, जिसके लिए हिंदू मुस्लिम ईसाई की आवश्यकता नहीं है ब्रेन डिटॉक्स के माध्यम से देश के लोगों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान दिया जा सकता है उन्होंने कहा कि इस पद्धति के माध्यम से अपने ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है, इसी पद्धति से देश में शांति लाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि युवाओं को आज ऐसी साधना पद्धति की जरूरत है जिससे वे अपने आप से, प्रकृति से, अपने पूर्वजों से और अपने मूल्यों से जुड़ सकते हैं। हांलाकि इस पद्धति  पर बहुत से लोगों ने कार्य किया है लेकिन हमने अपने गुरु के आशीर्वाद से इस पर कार्य प्रारंभ किया है।

आज विज्ञान के जमाने में लोग मोबाइल पर बैठे ‌रहते हैं।जिससे वह कई बीमारियों से घिर रहे हैं, जिसके कारण उनका दिमाग कमजोर हो रहा है, जिसका समाधान किए जाने के लिए ब्रेन डिटॉक्स आवश्यक है इसी के माध्यम से मनुष्य के अदर शांति लाई जा सकती है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा वर्तमान समय में भारत की राजनीति दूसरी और जा रही है जिसमें सुधार की आवश्यकता है।

उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चारों धामों को लेकर बधाई गए कानून पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब इस कानूनके बाद भारत‌में कही चार धाम के नाम से कोई मंदिर नहीं बन सकता। लेकिन कुछ लोग आज भी इसे लेकर राजनीतिक कर रहे हैं, जो की उचित नहीं है। उनका कहना था कि भारत के लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है, परंतु अन्य देशों में ऐसा नहीं है। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि भी उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments