उत्तराखंड में जैसे-जैसे चारधाम यात्रा जोर पकड़ रही है, वैसे ही दुर्घटनाओं की संख्या में भी तेजी के साथ बढ़ोत्तरी हो रही है. ताजा घटना क्रम आज का है. आज राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर कौड़ियाला के समीप यात्रियों से भरी बस के ब्रेक फेल हो गए। जिससे मौके पर चीख पुकार मच गई। देवदूत बन मौके पर पहुंची पुलिस ने यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जिसमें 5-6 लोग घायल थे। उन्हें अस्पताल पहुंचाया। वहीं अन्य लोगों को उनके गंत्वय की ओर रवाना किया गया। जिसपर यात्रियों ने पुलिस को थैंक यू कहा।
एसओ देवप्रयाग महिपाल रावत ने बताया कि दुर्घटना आज सुबह हुई, उन्हें 112 द्वारा सूचना दी गई थी कौड़ियाला से देवप्रयाग की तरफ एक यात्री बस पलट गई है। सूचना पर वह फोर्स सहित मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा एक यात्री बस UP 17 AT 7947 चालक वीरेंद्र सिंह जो तेलंगाना की सवारी को बद्रीनाथ चार धाम यात्रा कराकर वापस जा रहा था।
कौडियाला से देवप्रयाग की तरफ बस का अचानक ब्रेक फेल हो जाने से पलट गई थी। जिसके अंदर यात्रियों की बचाओ बचाओ पुकार मच गई जो हेल्प हेतु पुकार रहे थे मैंने तुरंत अपनी फोर्स की मदद से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जिसमें 5-6 लोग घायल थे घायल हुए व्यक्तियों को हमारे द्वारा तुरंत चिकित्सालय हेतु ऋषिकेश भेज दिया गया बाकी लोगों को सुरक्षित बस से बाहर निकलकर एक गाड़ी में बैठाकर ऋषिकेश भेज दिया गया है जहां पर ट्रेवल्स की दूसरी बस को आने को बताया जो सवारी को ले जाएगी सुरक्षा हेतु मैंने एक सिपाही को उनके साथ भेज दिया गया है लोगों द्वारा तुरंत पुलिस हेल्प पहुंचने पर जो हेल्प किया उसके लिए उत्तराखंड पुलिस तारीफ की ओर धन्यवाद कहा।
घायलों के नाम पता
1- नरुला बालराज उम्र 69 बर्ष 2- जयप्रदा 71 वर्ष 3- गणेश 51 वर्ष 4- श्रीलता 50 वर्ष 5-बोरंगतीराजू 49 वर्ष 6-संध्यारानी 52वर्ष सभी निवासी गण बांरगला तेलंगाना।
उन्होंने बताया कि प्रथम जांच करने पर ड्राइवर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मेरी गाड़ी में 28 सवारी थे जिनको चार धाम यात्रा कराकर वापस हरिद्वार ले जा रहा था। प्रातः 5:45 बजे के लगभग बस के ब्रेक फेल हो गये । मैंने बड़ी अनहोनी न हो इसलिए एकदम गाड़ी को पहाड़ की तरफ मोड़ दिया और बस पलट गई अगर मैं शूज भी नहीं दिखता तो बस नीचे गंगा में समा जाती। प्रथम दृष्टया देखने पर लगा कि बस बायें साइड से दानी तरफ रोड पर पलटी है जो वास्तव में ड्राइवर द्वारा एक सूझबूझ का कार्य किया गया नहीं तो बस खाई की तरफ जा सकती थी और बडी अनहोनी हो सकती थी।