हरिद्वार की शिल्पी लखेडा सुपुत्री दिनेश लखेडा ने भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवाओं में लेफ्टिनेंट के पद पर योगदान दिया। शिल्पी लखेडा ने जनवरी 2024 में एमएनएस के लिए परीक्षा दी थी। जिसमें लगभग 27000 बच्चों ने परीक्षा दी थी। उसमे से 1416 बच्चे चुने गए। जिसमे शिल्पी की रेंक 99 थी फिर इनका मार्च 2024 में इंटरव्यू और मेडिकल दिल्ली छावनी में हुआ। जिसमें इन्होंने उसे क्लियर किया सेना में 451 बच्चे नियुक्त होने हैं और पहले 198 बच्चों में शिल्पी लखेडा को मिलेट्री हॉस्पिटल झांसी में योगदान देना है। जिसमे इनको एक बार फिर मेडिकल क्लियर कर योगदान दिया जाएगा।
माता दीपाली लखेडा दादी शिवदेई लखेडा ने शिल्पी की इस उपलब्धि के लिए उसे आशीर्वाद और खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि परिवार में पहली पुत्री है। जिसने आर्मी में जाकर पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया। दोनों भाइयों अर्पित लखेडा, अमन लखेडा बुआ आशा पोखरियाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हमे गर्व है शिल्पी पर।
पिता दिनेश लखेडा ने बताया कि शिल्पी शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल आती थी अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर मायापुर से की उसके बाद इन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई स्टेट राजकीय नर्सिंग कॉलेज देहरादून से 2023 में पूर्ण की और आज वह भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवाओं में लेफ्टिनेंट के पद पर योगदान कर दिया है। हम सब हमारे रिश्तेदार, मेरे मित्र सब उसके इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हैं। वह उन्नति प्रगति के पथ पर अग्रसर हो यही कामना करते हैं।
हरिद्वार की शिल्पी लखेडा सुपुत्री दिनेश लखेडा ने भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवाओं में लेफ्टिनेंट के पद पर योगदान दिया। शिल्पी लखेडा ने जनवरी 2024 में एमएनएस के लिए परीक्षा दी थी। जिसमें लगभग 27000 बच्चों ने परीक्षा दी थी। उसमे से 1416 बच्चे चुने गए। जिसमे शिल्पी की रेंक 99 थी फिर इनका मार्च 2024 में इंटरव्यू और मेडिकल दिल्ली छावनी में हुआ। जिसमें इन्होंने उसे क्लियर किया सेना में 451 बच्चे नियुक्त होने हैं और पहले 198 बच्चों में शिल्पी लखेडा को मिलेट्री हॉस्पिटल झांसी में योगदान देना है। जिसमे इनको एक बार फिर मेडिकल क्लियर कर योगदान दिया जाएगा।
माता दीपाली लखेडा दादी शिवदेई लखेडा ने शिल्पी की इस उपलब्धि के लिए उसे आशीर्वाद और खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि परिवार में पहली पुत्री है। जिसने आर्मी में जाकर पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया। दोनों भाइयों अर्पित लखेडा, अमन लखेडा बुआ आशा पोखरियाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हमे गर्व है शिल्पी पर।
पिता दिनेश लखेडा ने बताया कि शिल्पी शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल आती थी अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर मायापुर से की उसके बाद इन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई स्टेट राजकीय नर्सिंग कॉलेज देहरादून से 2023 में पूर्ण की और आज वह भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवाओं में लेफ्टिनेंट के पद पर योगदान कर दिया है। हम सब हमारे रिश्तेदार, मेरे मित्र सब उसके इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हैं। वह उन्नति प्रगति के पथ पर अग्रसर हो यही कामना करते हैं।