Friday, September 20, 2024
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एसएसपी की दहाड़ के आगे फीकी पड़ी डकैतों की गीदड़ भभकी/चुनौती

प्रकरण में शामिल चौथे अभियुक्त अमनदीप को हरिद्वार पुलिस ने किया गिरफ्तार

02 अभियुक्तों को पहले ही भेजा जा चुका जेल, जबकि एक बदमाश पुलिस मुठभेड़ में हुआ था ढेर

बालाजी ज्वैलर्स डकैती प्रकरण में शामिल बदमाश अमन को पकड़ने पर सामने आई डकैती से जुड़ी अहम जानकारियां

सुभाष, अमन और लकी रैकीकर करते थे ज्वैलरी शोरूम का चुनाव

डकैती कर निकल भागने की भी रहती थी फुलप्रूफ प्लानिंग, रास्ते में भागने के लिए तैयार खड़ी रहती थीं गाड़ियां

निकल भागने में इस्तेमाल स्कूटी झाड़ियों से व मोटरसाइकिल नहर से बरामद

पिछले लगभग 04 महीनों से चल रही थी डकैती की योजना

रुकने तथा मोबाइल नंबर के लिए करते थे फेक आईडी का प्रयोग, इसलिए पुलिस को ट्रेस करने में आई दिक्कत

पूर्व में ऊना, हिमाचल प्रदेश में भी की थी डकैती की कोशिश नाकाम होने पर पहुंचे हरिद्वार, जहां हरिद्वार पुलिस द्वारा धर लिए गए

दिनांक 01/09/24 को कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्रांतर्गत रानीपुर मोड़ के पास श्री बालाजी ज्वेलर्स में दिनदहाड़े समय लगभग 1:30 बजे हथियारबंद 05 बदमाशों द्वारा डकैती की घटना को अंजाम दिया गया।जिसपर कोतवाली ज्वालापुर पर मु.अ.सं. 700/24 धारा 109, 310(2), 311 भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया।

घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी हरिद्वार श्री प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर घटना का बारीकी से जायजा लेते हुए जहां एक तरफ दुकान स्वामी को ढांढस बंधाया गया तो वहीं एसपी सिटी को अलग अलग टीमें गठितकर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए।

दिनदहाड़े हुई इस बड़ी घटना से जनपद हरिद्वार सहित पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई।

घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए दिनांक 02/09/24 को पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल द्वारा हरिद्वार पहुंच कर ज्वैलरी शोरूम मालिक से मुलाकात कर पूरे घटना क्रम की जानकारी करते हुए घटना के खुलासे हेतु हरिद्वार पुलिस द्वारा हर एंगल से की जा रही कार्यवाही पर चर्चा की गई।

उक्त घटना व उसके साथ पुरानी कुछ घटनाओं को जोड़ने के बाद एकदम से बने माहौल से प्रदेश भर में फैली सनसनी को देखते हुए दिनांक 03/09/11 को पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री अभिनव कुमार द्वारा हरिद्वार पहुंच कर सर्वप्रथम अधिकारियों से घटना उपरांत प्रगति की जानकारी लेकर घटनास्थल का मौका मुआयना कर ज्वेलर्स शोरूम स्वामी से मुलाकात कर उन्हें उत्तराखंड पुलिस की तरफ से पूरा भरोसा दिलाया कि हम गंभीरता के साथ इस प्रकरण के खुलासे में लगे हैं और बदमाशों की धरपकड़ हेतु हमारे बेस्ट ऑफिसर्स की टीम दिन रात मेहनत कर रही है।

कैसे और कितने महीनों से कर रहे थे रैकी

अमन कांबोज, लक्की व सुभाष पिछले लगभग चार महीना से हरिद्वार में अलग-अलग ज्वेलर्स की दुकानों में रैकी कर डकैती की घटना करने की योजना बना रहे थे और श्री बालाजी ज्वैलर्स डकैती की घटना से लगभग चार दिन पहले हरिद्वार आकर बाइक स्कूटी में घूमकर इस दुकान की बेहद बारीकी से लगातार रैकी कर रहे थे।

किस प्रकार की दुकानों को करते थे टारगेट

आरोपी ऐसी दुकानों को टारगेट करते थे जिनमे गार्ड न हो या गार्ड बुजुर्ग हो या गार्ड के पास किसी भी प्रकार का कोई हथियार न हो जिससे इनको घटना करने में आसानी हो। साथ ही ऐसे समय पर घटना को अंजाम देते थे जब आवाजाही कम हो। इसलिए श्री बालाजी ज्वेलर्स में घटना करने के लिए रविवार का दिन चुना गया क्योंकि इस दिन और दिनों की अपेक्षाकृत भीड़ कम रहती है इसलिए पकड़े जाने के चांस भी कम थे।

मॉडस ऑपरेंडी क्या था

सबसे पहले पूरे जनपद में घूम घूम कर दुकान का चयन होता था। आने एवं जाने के सभी रास्तों को बारीकी से देखा जाता था। आरोपी घटना से पूर्व होटल/धर्मशाला में रुकने के लिए फर्जी आईडी का प्रयोग करने के साथ साथ फर्जी फोन नंबर दर्ज कराते थे व रैकी कर चिन्हित की गई शॉप में घुसकर दुकान कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर, फायर करके एकदम दहशत फैलाकर हथियार के बल पर डरा धमकाकर लूट कर जाते समय मिर्च का स्प्रे मार देते थे जिससे इनको भागने का टाइम मिल जाए। साथ ही लूट/डकैती में प्रयुक्त वाहनों को कुछ आगे ले जाकर नहर या झाड़ी या गुमनाम जगह में डाल कर भागने के लिए दूसरे वाहन (यहां पर कार) का प्रयोग करते थे।

टोल से बचकर भागने की प्लानिंग क्या थी

घटना के बाद अपनी गाड़ियों एवं रास्तों की ट्रैकिंग की पहचान छुपाने के लिए रास्ते में पडने वाले अलग-अलग टोल के सीसीटीवी से बचकर फरार हो जाते थे। यह कभी भी मुख्य मार्ग का इस्तेमाल नहीं करते थे गांव देहात के पगडंडियों व कच्चे रास्तों का भी इस्तेमाल करते थे ताकि कैमरे की नजर में ना आ सकें और पुलिस इनको ट्रैक करके किसी भी फाइनल नतीजे पर ना पहुंच सके लेकिन इनकी सभी चालाकी हरिद्वार पुलिस के आगे फेल हो गई।

किन-किन प्रदेशों में दे चुके थे घटनाओं को अंजाम

आरोपी पूर्व में उत्तराखंड व हिमांचल में लूट/डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं एवं इनका मुखिया सुभाष का “कराटे गैंग” हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। कई राज्यों की पुलिस द्वारा सुभाष उपरोक्त की तलाश जारी है।

अमन कांबोज, लक्की व सुभाष ने कुछ समय पूर्व ऊना हिमाचल प्रदेश में मुथुट गोल्ड फाइनेंस में भी लूट का प्रयास किया था जहां ये सायरन बजने की वजह से पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए लेकिन कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर और फायर करके मौके से भाग गए थे।

कौन-कौन हैं इनके मददगार

पुलिस द्वारा इस बात की भी जानकारी निकाली जा रही है कि इनको स्थानीय स्तर व प्रदेश स्तर में किसी प्रकार की कोई मदद तो नहीं की गई है?

अभियुक्त अमनदीप से क्या-क्या बरामद हुआ/कराया-

मुख्य अभियुक्त सुभाष द्वारा घटना में शामिल होने पर अमनदीप को ₹50000 दिए गए थे जिसमें से अमनदीप द्वारा ₹25000 का वीवो फोन और कुछ पैसे खर्च होने के बाद ₹13500 बरामद हुए थे।

आज अमनदीप द्वारा घटना में इस्तेमाल मोटरसाइकिल एवं स्कूटी बरामद कराई जिनको इनके द्वारा घटना करने के तुरंत बाद भागने में इस्तेमाल किया गया था।

मोटरसाइकिल को रेगुलेटर पुल से थोड़ी दूरी पर नहर पटरी वाले मार्ग में गंगनहर के अंदर से बरामद कराया जिसको क्रेन की मदद से बाहर निकल गया जबकि घटना में इस्तेमाल हुई स्कूटी को रेगुलेटर पुल से नहर पटरी वाले मार्ग में तकरीबन 200 मीटर आगे घनी झाड़ियां के बीच से पुलिस को बरामद कराया। जिसकी वीडियो एवं फोटोग्राफी मौके पर की गई।

 

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